हापुड़ में छह वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार व बुलंदशहर की मेधावी छात्रा सुदीक्षा भाटी की छेड़खानी के चलते सड़क दुर्घटना में छह अगस्त को हुई मौत के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिला संगठनों ने लखनऊ व अन्य जिलों में 11 अगस्त को घरों से प्रतिवाद किया.
महिला संगठनों ने कहा कि इस घटना ने न सिर्फ मानवता को शर्मसार किया है; बल्कि बलात्कारियों, अपराधियों को मिल रहे संरक्षण की राजनीति और योगी राज में कानून-व्यवस्था की खस्ता हालत को भी बेनकाब कर दिया है. संगठनों ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. योगी आदित्यनाथ की सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है. ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली भाजपा के राज में बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. प्रदेश में महिलाओं व बच्चियों पर यौन हिंसा की बाढ़ आ गई है.
लखनऊ में हुए प्रतिवाद का नेतृत्व ऐपवा जिला संयोजक मीना, एडवा की मधु गर्ग, महिला फेडरेशन की आशा मिश्रा, साझी दुनिया की रूपरेखा वर्मा, एनएपीएम की अरुंधति धुरु और ‘हमसफर’ संगठन की नेताओं ने किया. देवरिया में गीता पांडेय (ऐपवा) ने नेतृत्व किया.