विगत 14 जुलाई 2020 को उदयपुर में ऐपवा और ऐक्टू की तरफ से राशन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के नाम उदयपुर में रसद अधिकारी (सप्लाई ऑफिसर) के माध्यम से ज्ञापन दिया गया.
इस मौके पर ऐपवा की राज्य सचिव सुधा चौधरी ने कहा कि भारत में और प्रदेश में कोरोना लाॅकडाउन को लगभग चार महीने होने जा रहे है लेकिन केंद्र सरकार के देश को अनलाॅक करने के दावों के बाद भी वास्तव में धरातल पर सच्चाई यह है की आर्थिक गतिविधियों को सामान्य होने में अभी काफी समय लगेगा. दिहाड़ी मजदूर, ठेला, रेड़ी-पटरी, टेम्पो चालक आदि छोटे-मोटे व्यवसायी खासतौर पर इस समय काम-धंधे को लेकर जूझ रहे है. कोरोना बीमारी भी लगातार बढ़ रही है फिर भी हम देख रहे हैं कोरोना आपदा के बीच में ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएस) के तहत दिया जाने वाला राशन मात्र 2-3 महीने बाद ही फिर से 5 किलो प्रति व्यक्ति कर दिया गया है और पूर्व की तरह उसका पैसा भी लिया जा रहा है. यह बताया जा रहा है कि इसका कारण केंद्र के कोटे का घोषणा के बाद भी गेहूं नहीं आना है. हमारी राज्य सरकार से मांग है कि इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं और तत्काल प्रभाव से लाॅकडाउन के दौरान जिस तरह से 10 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति निशुल्क दिया जा रहा था खाद्य सुरक्षा के तहत उसे जारी रखा जाए.
ऐपवा की फरहत बानो ने कहा खाद्य सुरक्षा के बाहर के लोग (नाॅन एनएफएस) जिनका रजिस्ट्रेशन पूर्व में चल रहा था लेकिन राज्य सरकार द्वारा इसके लिए कम समय देने और लाॅकडाउन की स्थितियों के चलते बहुत से जरूरतमंद लोग अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए है. प्रधानमंत्री ने घोषणा की है गरीब कल्याण योजना के तहत दिया जाने वाला 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं और प्रति परिवार 1 किलो दाल, जो दयनीय रूप से नाकाफी है, को नवंबर माह तक बढ़ा दिया गया है. इसको देखते हुए हमारी राज्य सरकार से अपील है की तुरंत प्रभाव से खाद्य सुरक्षा से बाहर के लोगो के लिए रजिस्ट्रेशन को पूर्ण खोले और इसका प्रचार व्यापक रूप से करे ताकि सभी जरूरतमंद लोग अपना रजिस्ट्रेशन करा पाए.
ऐक्टू के राज्य सचिव सौरभ नरुका ने कहा कि बेरोजगारी रेकार्ड स्तर पर हैं और मजदूरों के हाथ में काम नहीं है, इस स्थिति में सरकारी राशन में सिर्फ गेहूं और 1 किलो दाल पर्याप्त नहीं है. इसके साथ में अन्य आवश्यक सामग्री जैसे दाल 4 किलो, खाद्य तेल, चीनी, चाय पत्ती, मसाले आदि निशुल्क सरकारी राशन मे हर जरूरतमंद परिवार को दिया जाएं.
भाकपा-माले के जिला सचिव कामरेड चंद्रदेव ओला ने बताया कि धरातल की सच्चाई यह है कि बहुत से लोग जिनका राशन कार्ड बना हुआ है और जरूरतमंद हैं उनका राशन ऑनलाइन न होने के चलते और अन्य तकनीकी कारणों के कारण उन्हें नियमित राशन नहीं मिलता हैं. उनके लिए राज्य सरकार विशेष कैंप लगाकर राशन कार्ड को ऑनलाइन कर उन्हें नियमित रूप से राशन देने का काम करें.
इस मौके भाकपा(माले) के राज्य कमिटी सदस्य शंकरलाल चौधरी, अफसाना, रुखसाना, रेहाना, शमीम आदि मौजूद थे.
– सौरभ नरुका