केंद्रीय ट्रेंड यूनियनों के आह्वान पर 3 जुलाई के राष्ट्रीय प्रतिरोध को योगी सरकार पचा नहीं पाई. इलाहाबाद सिविल लाइंस थाना पुलिस ने तीन जुलाई के कार्यक्रम को आधार बनाकर इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का. मनोज पाण्डेय, ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डा. कमल उसरी, ऐक्टू के जिलाध्यक्ष इलाहाबाद एससी बहादुर, एटक के अन्नू सिंह, जवाहरलाल विश्वकर्मा और सीटू के अविनाश मिश्रा सहित 25 लोगों पर महामारी अधिनियम के साथ ही धारा 188, 269, 270 लगाकर मुकदमा दर्ज किया गया है. इस कार्रवाई के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने 7 जुलाई को डीएम दफ्तर पर प्रदर्शन कर एफआईआर वापस लेने की मांग की.
इस मामले पर ऐक्टू नेता डा. कमल उसरी ने कहा कि मोदी-योगी सरकार मजदूरों की आवाज बिल्कुल भी नहीं सुनना चाहती और वह आंदोलनकारियों को डराना चाहती हैं. आन्दोलनकारियों के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या है.