केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा मजदूर अधिकारों पर किए जा रहे हमले, सार्वजनिक संपत्तियों की लूट व निजीकरण पर रोक तथा सभी मजदूरों के रोजी-रोजगार व जीवन यापन के अधिकार आदि विषयों पर विभिन्न श्रमिक संगठनों की संयुक्त बैठक 12 जून को पटना स्थित एचएमएस रेलवे यूनियन कार्यालय में संपन्न हुई. बैठक में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आगामी 3 जुलाई को देशव्यापी प्रतिरोधा दिवस के तहत राजधाानी पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में सड़क पर उतर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. साथ ही इसे सफल बनाने हेतु पूरे राज्य में पर्चा वितरण व पोस्टर चिपकाने का भी निर्णय लिया गया.
इसके पूर्व 26 जून (आपातकाल दिवस) को केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रम कानूनों में मालिक पक्षीय व मजदूर विरोधी संशोधनों के जरिए मजदूर अधिकारों को खत्म करने तथा 12 घंटा कार्य आदेश व फिक्स्ड टर्म एंप्लाॅयमेंट लागू कर मजदूरों को बंधुआ गुलाम बनाने के खिलाफ निर्माण, असंगठित मजदूरों, आशा, रसोइया आदि स्कीम वर्करों सहित प्रवासी मजदूरों को रोजगार व भत्ता, निर्माण मजदूरों के कल्याणार्थ राज्य के कल्याण बोर्ड में जमा अरबों रुपये की राशि से जीविकोपार्जन के लिए बेरोजगर हुए निर्माण मजदूरों को अनुदान वितरण आदि की मांग पर पटना में एक संयुक्त कन्वेंशन और प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा लाॅकडाउन के दौरान प्रदर्शनकारी ट्रेड यूनियन तथा महिला व सामाजिक संगठनों के नेताओं पर हुए मुकदमे की वापसी के लिये सम्बन्धित अधिकारियों को ज्ञापन देने का भी निर्णय लिया गया.
बैठक में मनरेगा मजदूरों को सालों भर काम व 500 रुपया प्रतिदिन मजदूरी निर्धारित करने और महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप का कर्जा माफ करने की भी मांग उठाई गई. एचएमएस नेता एमएन बाजपेई की अध्यक्षता में हुई बैठक में एटक, ऐक्टू, सीटू, इंटक, एचएमएस, टीयूसीसी, एआईयूटीयूसी, यूटीयूसी के अजय कुमार, गजनफर नवाब, आरएन ठाकुर, रणविजय कुमार, गणेश शंकर सिंह, दीपक भट्टाचार्य, एसएनपी श्रीवास्तव, एसडीडी मिश्रा, सूर्यंकर जितेंद्र, अनिल शर्मा, वीरेंद्र ठाकुर, हरदेव ठाकुर आदि नेता मौजूद थे.