ललित भवन, बेली रोड, पटना के पास 27 मई की संध्या हुई दुर्घटना में तीन मासूमों – साहिल (10 वर्ष), करन (7 वर्ष) और केशव (9 वर्ष) की जान चली गई. तीनों बच्चे अत्यंत गरीब मजदूर परिवार के थे और बगल में ही झुग्गी-झोपड़ी में रहते थे.
28 मई को भाकपा(माले) के पांच सदस्यीय जांच दल, जिसमें माले राज्य कमेटी सदस्य रणविजय कुमार, अनिता सिन्हा, पटना नगर कमेटी कार्यकारी सचिव जितेंद्र कुमार, नगर कमिटी सदस्य मुर्तजा अली व युवा नेता विनय कुमार शामिल थे, ने घटना स्थल का निरीक्षण किया व मृतक मासूमों के परिजनों से मुलाकात कर स्थानीय लोगों से बातचीत की.
जांच व बातचीत से जांच टीम ने पाया कि यह दुर्घटना मुख्य मंत्री आवास और राजभवन के ठीक आधा किलोमीटर पहले वहां जाने वाले रास्ते पर और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के सरकारी आवास के गेट के ठीक सामने हुई. वहीं पर जदयू-भाजपा के कई मंत्रियों के आवास भी हैं, परन्तु किसी भी मंत्री ने घटनास्थल पहुंचकर लोगों का कुशल क्षेम तक नहीं पूछा.
माले जांच टीम ने पाया कि ललित भवन के सामने बेली रोड पर जो कंपनी पुल का निर्माण कर रही है वह सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी और लापरवाही कर रही है. पुल का निर्माण कर रही ठीका कम्पनी ने बच्चों के खेल के मैदान, जिसमें बच्चे लंबे समय से खेलते आ रहे हैं, का अतिक्रमण कर मुख्य सड़क के किनारे की जमीन के ऊंचे टीले पर सीमेंट और कंक्रीट से बने बेहद वजनी कल्वर्ट (ब्लाॅक) एक के ऊपर एक रख छोड़े हैं, जो पूरी तरह गलत है. वहां पर्याप्त परती जमीने हैं, इसलिये कल्वर्ट को अलग-अलग रखा जा सकता था और एक के ऊपर एक रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना होने के बावजूद अभी भी कल्वर्ट एक के ऊपर एक रखे हुए हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें दुर्घटना होने की आशंका पहले से थी, इसलिये उन्होंने ठीका कंपनी के इंजीनियर और ठेकेदार को कई बार रखे गए कल्वर्ट एरिया की घेराबंदी करने और सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने की बारंबार अनुरोध किया था. वहां खोदी गई मिट्टी की चोरी रोकने के लिए ठीका कंपनी ने सुरक्षाकर्मी को नियुक्त भी किया; लेकिन जहां बच्चे लम्बे समय से खेलते आ रहे है, वहां रखे गए कलवर्ट की घेराबंदी नहीं की और न वहां किसी सुरक्षाकर्मी को ही नियुक्त किया. लोगों की आशंका सच में बदल गई और दुर्भाग्यपूर्ण घटना में तीन मासूमों की जान चली गई.
जांच टीम की मांग:
– जितेंद्र कुमार