देश के संविधान निर्माता डा. बीआर अंबेडकर साहब ने दिसंबर 1945 में श्रम सचिव की बैठक को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से कहा था कि औद्योगिक विवाद तब नहीं होंगे, जब मजदूरों को उनका समुचित संगठन बनाने का अधिकार होगा और उनका अपना संगठन होगा; मजदूरों को सम्मानजनक न्यूनतम वेतन दिया जाएगा और मजदूरों-कर्मचारियों के हित में कानूनों में बदलाव किए जाएंगे. योगी सरकार ठीक उसके उलट मजदूरों-कर्मचारियों के शोषण के लिए श्रम कानूनों को खत्म करते हुए मजदूरों को उद्योगपतियों का गुलाम बनाने का लाइसेंस दे रही है.
सरकार का श्रम कानून स्थगन पूंजीपतियों द्वारा मजदूरों को गुलाम बनाने का लाइसेंस है. मजदूरों की तमाम शहादतों और संघर्षों के बाद जो कुछ कानून उनके हित में बने थे, उन्हें योगी का फासीवादी निजाम कोरोना काल में यह कहते हुए स्थागित कर रहा है कि श्रम कानून स्थगन से उद्योगपतियों को कारखाने और उद्योग चलाने में मदद मिलेगी. योगी सरकार की इस मजदूर-विरोधी कार्रवाई के खिलाफ तथा प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त घर पहुंचाने, श्रम कानूनों को यूपी में तीन साल तक स्थगित करने का फैसला वापस लेने व अन्य मांगों के साथ 8 मई 2020 को एक्टू और भाकपा(माले) के संयुक्त आह्वान पर पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर आंध्र प्रदेश गैस लीक की घटना में मारे गए लोगों और महाराष्ट्र में मालगाड़ी से कट कर जानें गंवाने वाले मजदूरों को श्रद्धांजलि भी दी गयी. धरना कोरोना सतर्कता मापदंडों का पालन करते हुए घरों में व पार्टी कार्यालयों पर सुबह 10 से शाम चार बजे तक दिया गया.
राजधानी लखनऊ में लालकुआं स्थित पार्टी कार्यालय पर सुबह से शाम तक चले धरने में जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर, राज्य समिति सदस्य राधेश्याम मौर्य, आइसा नेता शिवा रजवार, का. सूरज व अन्य साथियों ने भाग लिया. जिले में पांच अन्य जगहों पर भी धरना दिया गया. वक्ताओं ने कहा कि विशाखापत्तनम के रासायनिक संयंत्र में गैस रिसाव और महाराष्ट्र में लाॅकडाउन में पुलिस के भय से रेलवे ट्रैक पकड़ कर घर जाने के दौरान मालगाड़ी द्वारा कुचल दिए जाने से मजदूरों की मौत की घटनाएं दुर्घटना नहीं बल्कि सरकार की आपराधिक लापरवाही का परिणाम हैं. यह मजदूरों का जनसंहार है और इसकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए. पार्टी नेताओं ने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से वापस यूपी लौटने वाले प्रवासी मजदूरों ने रेल किराये को लेकर जो बातें बतायी हैं, उससे यह साबित हुआ है कि सरकार दोरंगी बातें बोल रही है. केंद्र व राज्य द्वारा 85 व 15 प्रतिशत किराया भुगतान का दावा सरासर झूठ है. तथ्य यह है कि मजदूरों को कर्ज लेकर या अपना सामान बेच कर किराये का पैसा भरना पड़ा है. कोरोना संकट से लड़ने के लिए बनाया गया पीएम केयर्स फण्ड आखिर किस मर्ज की दवा है और जब रोजगार गवां चुके मजदूरों को खाने के लाले पड़े हैं, तो उनके किराये की अदायगी पीएम केयर्स फंड से क्यों नहीं की जा रही है?
धरने के माध्यम से अन्य जो मांगें उठायी गयीं, उनमें प्रवासी मजदूरों को दस-दस हजार रु. महीना लाॅकडाउन भत्ता, तीन महीने का मुफ्त राशन व नौकरी की गारंटी देने, घर आने के दौरान रास्ते मे जानें गंवाने वाले मजदूरों के परिजनों को 20-20 लाख रु. पीएम केयर्स फंड से मुआवजा देने, कार्ड या बिना कार्ड वाले सभी गरीबों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से निःशुल्क अनाज व जरूरी वस्तुएं देने, मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाकर 500 रु. करने व 200 दिन तक काम देने, दूध-सब्जी-पान उत्पादकों व किसानों को असमय बारिश-ओलावृष्टि से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति देने, स्वास्थ्यकर्मियों को सभी सुरक्षा उपकरण व क्वारेंटाइन सेंटरों में जरूरी सुविधायें मुहैया कराने, कोरोना की आड़ में साम्प्रदायिकता फैलाने पर रोक लगाने, पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक करने और जन स्वास्थ्य के हित में शराब की दुकानों को बंद रखना शामिल थीं. इन मांगों के साथ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी प्रेषित किये गये.
इलाहाबाद में भाकपा(माले) जिला प्रभारी व एक्टू के राष्ट्रीय सचिव डा. कमल उसरी के नेतृत्व में कर्नलगंज स्थित जिला कार्यालय पर शांतिपूर्ण धरना संपन्न हुआ. धरने में ऐक्टू के राज्य सचिव अनिल वर्मा, इंनौस के राज्य सचिव सुनील मौर्य, आइसा के राज्य अध्यक्ष शैलेन्द्र पासवान, प्रदीप ओबामा, अनिरुद्ध आदि शामिल थे.
सोनभद्र जिले में दुद्धी तहसील के बघाड़ू, नगवां, कोंगा, करहिया व ढिवहीं गांवों में धरना दिया गया. यहां पार्टी राज्य स्थाई समिति सदस्य शशिकांत कुशवाहा ने धरने को संबोधित किया. घोरावल तहसील के मगरदहां, राबट्र्सगंज तहसील में जिला कार्यालय, नागनाथ हरैया, खेवधा, गुटौरी में धरना दिया गया. मिर्जापुर जिले के नारायनपुर ब्लाक में हाजीपुर, अमोलापुर व रेहिंया में धरना दिया गया. किसान महासभा के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश पटेल धरने में शामिल हुए. पटेहरा ब्लाक में रेक्सा खुर्द गांव में खेग्रामस राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जीरा भारती व राजगढ़ ब्लाक के निकरिका में ऐपवा जिला अध्यक्ष शांति कोल ने धरना दिया. एक अन्य गांव धनतिरिया में भी धरना हुआ.
चंदौली जिले में जिला सचिव अनिल पासवान ने अपने गांव उसरी में धरने का नेतृत्व किया. सकलडीहा ब्लाक के रेवसा, ओडौली, सलेमपुर व नई बस्ती, चंदौली ब्लाक के सवैया, फुटिया, चंदौली वार्ड नं 4, कांसीराम आवास, शहाबगंज ब्लाक के कनेरा, खिलची, भड़गांवा, रसिया व बरांव, नौगढ़ ब्लाक के सोनाइत, लहुराडीह व पहड़वा, चहनियां ब्लाक के पपौरा व रानेपुर पार्टी ब्रांच, चकिया ब्लाक के ताजपुर गढ़वा, गायघाट की दलित व कुशवाहा बस्ती, पिपरियां, बरौझीं, नियामताबाद ब्लाक में जिवधीपुर, धपरी व नई कोट और धानेपुर ब्लाक के जमुरना, सिंहावल व कुसुम्ही में धरना दिया गया. मुगलसराय नगर में पाटी जिला कार्यालय पर धरना दिया गया. जिला कमेटी सदस्य श्रवण कुशवाहा, रमेश चौहान, विदेशी राम, डा. दशरथ, इनौस नेता पप्पू यादव, ब्लाक सचिव सतीश यादव, दिनेश कुमार व मोहनलाल बर्नवाल व अन्य नेताओं ने इनमें भाग लिया.
गाजीपुर में पार्टी जिला कार्यालय पर धरना पुलिस की आवाजाही व रोकटोक के बीच हुआ. प्रशासन का कहना था कि कार्यालय स्टाफ के अलावा अन्य कोई भी आफिस पर नहीं दिखे. इसके बावजूद जिला सचिव का. रामप्यारे के नेतृत्व में धरना हुआ. जखनियां, सेवराही, बसंत पट्टी, गहमर, हीराधरपुर, खानपुर, कसेटा हथौड़ा आदि जगहों पर भी धरना दिया गया. बलिया जिले में तिलुई में जिला सचिव लाल साहब तथा जिला कमेटी सदस्य भागवत बिंद के नेतृत्व में धरना दिया गया. देवरिया जिले में पांच जगहों पर धरना दिया गया, जिनमें जिला सचिव श्रीराम कुशवाहा, एक्टू नेता प्रेमलता पांडे, ऐपवा नेता गीता पांडे, पूनम यादव व अन्य नेताओं ने भाग लिया. गोरखपुर जिले में पांच जगहों पर धरना दिया गया. महराजगंज जिले में निठौरा ब्लाक के मठिया गांव में जिला सचिव हरीश जायसवाल के नेतृत्व में धरना हुआ. आजमगढ़ जिले में सात ब्लाकों के 15 गांवों में धरना दिया गया. मऊ जिले में पार्टी कार्यालय पर जिला सचिव वसंत के नेतृत्व में तथा अमिला, रतनपुर व बढु़वा गोदाम में धरना दिया गया. बनारस जिले में वसंतपुर, भगौतीपुर, चारो व शाहपुर के धरने को जिला सचिव अमरनाथ ने संबोधित किया. छतांव, मझवा तथा बढ़ौना में भी धरना दिया गया.
भदोही जिले में डुड़वा धरमपुर में जिला सचिव बनारसी तथा ऐपवा नेता कबूतरा देवी के नेतृत्व में व सुरियावां ब्लाक के अरबना गांव में खेग्रामस जिला अध्यक्ष राजनाथ मास्टर के नेतृत्व में धरना दिया गया. रायबरेली जिले के तीन केंद्रों पर धरना दिया गया. सीतापुर जिले में हरगांव ब्लाक के रिक्खी पुरवा में जिला सचिव अर्जुन लाल ने धरना दिया. इसके अलावा एलिया ब्लाक की धखिया, महोली ब्लाक की जमुनहा परसेहरा, कोल्हुरा जमुनिया सहित 10 ग्राम पंचायतो में धरना दिया गया. लखीमपुर खीरी जिले में केंद्रीय कमेटी सदस्य कृष्णा अधिकारी के नेतृत्व में प्रतापगढ़ गांव में तथा पलिया ब्लाक के क्रांतिनगर सहित दो गांवों में धरना दिया गया. पीलीभीत जिले में पूरनपुर, राहुल नगर, बिठौरा व बरखेड़ा में धरना दिया गया. जालौन जिले में जालौन नगर, विनौरा वैध, भिटारी, मुश्मरिया व खल्ला खाकरी खर्रा में धरना दिया गया. कानपुर में चार जगहों पर धरना दिया गया.
फैजाबाद जिले में जिला प्रभारी अतीक ने अपने आवास पर व राज्य कमेटी सदस्य राम भरोस ने अपने गांव में धरना दिया. दो अन्य गांवों में भी धरना दिया गया. बस्ती जिले में कामरेड रामलौट ने अपने गांव पर धरना दिया.
मथुरा जिले में राज्य कमेटी सदस्य व जिला प्रभारी नशीर शाह एडवोकेट ने अपने आवास पर धरना दिया. जनकपुरी मथुरा में डाक्टर एनएम शाह व बाजवा, जरैलिया, पारसोली, सद्दीक पुर, शहनपुरा, बलदेव क्षेत्र सहित कुल 10 जगहों किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष नत्थीलाल पाठक के नेतृत्व में धरना दिया गया. मुरादाबाद जिला में पार्टी जिला प्रभारी रोहिताश राजपूत ने अपने आवास धरना दिया. एक अन्य गांव ताजपुर माफी में भी धरना हुआ.