विगत 27 अप्रैल 2020 को ऑल इण्डिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) और ऑल इण्डिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन तथा उनसे जुड़ी चाय बगान मजदूरों, आशा, रसोइया व आंगनबाड़ी कर्मियों समेत कई ट्रेड यूनियनों ने मांग दिवस मनाने की घोषणा करते हुए अपनी मांगों का चार्टर जारी करते हुए मांग दिवस मनाने की घोषणा की थी. अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) व मनरेगा मजदूर संगठन ने जो देश के ग्रामीण इलाकों के मलदूरों के प्रतिनिधि संगठन हैं, पहले से ही 27 अप्रैल को मांग दिवस मनाने की घोषणा थी. आगे चलकर किसान संगठन अखिल भारतीय किसान महासभा भी मांग दिवस में शामिल हो गया. इसतरह से कोरोना जनित महामारी कोविड-19 द्वारा लगभग महीने भर से जारी देशव्यापी लाॅकडाउन के दौर में 27 अप्रैल 2020 एक ऐसा दिन बन गया जब देश की जनता के व्यापक हिस्से ने अपनी मांगों को सामने लाया. उनकी ये मांगों ने केंद्र की मोदी सरकार की जन विरोधी-मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष को एक नये मुकाम पर पहुंचाया.
समय रहते कोविड-19 से निबटने की तैयारी करने के बजाय देश की मोदी सरकार ने अचानक लाॅकडाउन की जो घोषणा की उसने पूरे देश में भारी तबाही मचा दी. खासकर प्रवासी मजदूर व उनके परिवारों के सर पर ‘महामारी’ और ‘जानलेवा भूखा’ की दोहरी तलवार लटकने लगी. ऐसे ही वक्त में ‘कोरोना हराओ-भूख मिटाओ’ के नारे के साथ यह मांग दिवस आयोजित हुआ. देश भर में हजारों मजदूरों और किसानों ने कारोना वायरस से बचाव के तरीकों का पालन करते हुए सैकड़ों जगहों पर धरना दिया, अपने घरों में ही रहकर उपवास-अनशन किया और र मांगों की तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारे लगाये. सोशल मीडिया – वाट्सऐप्प, ट्विटर, फेसबुक व इंटरनेट के जरिए न केवल अपनी मांगों का प्रचार किया बल्कि देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री तक अपनी मांगों के ज्ञापन भी प्रषित किए. उन्होंने आपस में एकता कायम करते हुए कई गांव-पंचायतों व शहरों में संयुक्त धरना भी दिया.
देश के 17 राज्यों में आयोजित इस धरने पर बैठने वालों में किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रुलदू सिंह, राष्ट्रीय महासचिव का. राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कार्तिक पाल, केडी यादव, हीरा गोप, प्रेम सिंह गहलावत, देवेन्द्र सिंह चौहान, डी. हरिनाथ, फूलचंद ढेवा, जयप्रकाश नारायण, राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा, ईश्वरी कुशवाहा, रामाधार सिंह, जयतु देशमुख, पूरन महतो, रामचन्द्र कुलहरि, अशोक प्रधान, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व विधायक सुदामा प्रसाद, पूर्व विधायक चन्द्रदीप सिंह, पूर्व विधायक अरुण सिंह, आनंद नेगी, गुरुनाम सिंह, अफरोज आलम, बलिन्द्र सैकिया, विश्वेश्वर यादव, उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, राजू यादव सहित तमाम किसान नेता शामिल थे. अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव का. धीरेन्द्र झा सहित तमाम नेता और कई जगह भाकपा(माले) के कई वरिष्ठ नेता भी इन धरनों में शामिल हुए. घर-घर, गांव-गांव, संगठन का कार्यालय या जहां कहीं भी हो, अकेले हों या साथ में और भी लोग हों, कोरोना काल में तय निश्चित दूरी और लाॅकडाउन नियमों का पालन करते हुए यह धरना कार्यक्रम बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब जैसे 17 राज्यों में आयोजित किया गया.
इस धरने के माध्यम से अखिल भारतीय किसान महासभा ने देश के किसानों की आवाज को बुलंद किया और प्रधानमंत्री को किसानों की मांगों का ज्ञापन भी भेजा. इस ज्ञापन में हर गांव में किसानों और बटाईदारों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की गारंटी करने, प्राकृतिक आपदा, आगजनी और लाॅकडाउन से बर्बाद फसलों का 25 हजार रु. प्रति एकड़ मुआवजा देने, बिजली के निजीकरण की मुहिम पर तत्काल रोक लगाने, कोरोना लाॅकडाउन में भूख व पुलिस दमन से हुई मौतों पर 20 लाख रुपया मुआवजा देने और जिला स्तर पर कोरोना की निःशुल्क जांच व इलाज तथा आईसीयू वार्ड व वेंटिलेटर का प्रबन्ध करने की मांग की गई थी. इस कार्यक्रम के जरिए “नफरत नहीं, भाईचारा को मजबूत करो – कोरोना को पराजित करो” का जोरदार संदेश भी दिया गया.
अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मज़दूर सभा (खेग्रामस) और मनरेगा मजदूर सभा ने पूरे देश में मांग दिवस मनाया गया. इस दौरान कार्यालयों और घरों में हजारों मजदूर अपनी मांगों के साथ धरना पर बैठे और मांगों से सम्बंधित नारे लगाये गए. पटना में खेग्रामस कार्यालय में का. धीरेंद्र झा और मनरेगा मजदूर सभा के राज्य सचिव का. दिलीप सिंह धरना पर बैठे. खेग्रामस नेता सह विधायक सत्यदेव राम, महबूब आलम, बीरेंद्र गुप्ता और गोपाल रविदास आदि ने बिहार के विभिन्न हिस्सों में इस कार्यक्रम की अगुआई की. खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड श्रीराम चौधरी ने उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के हरदिया ग्राम सभा में धरने का नेतृत्व किया.
खेग्रामस, किसान महासभा व मनरेगा मजदूर सभा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर पूरे राज्य में पूरे बिहार में लगभग एक हजार केंद्रों पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने तख्तियों के साथ धरना दिया और ईमेल के जरिये अपनी मांग प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश कीपटना में अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह, वरिष्ठ नेता केडी यादव, उमेश सिंह, कृपा नारायण सिंह, भोजपुर में विधायक सुदामा प्रसाद व राजू यादव, विक्रमगंज में पूर्व विधायक अरुण सिंह, सिवान में किसान नेता व पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, जहानाबाद में राज्य सचिव रामाधार सिंह, वैशाली में राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव, मुजफ्फरपुर में जितेंद्र यादव, अरवल में राजेश्वरी यादव, पीरो में पूर्व विधायक चंद्रदीप सिंह आदि किसान नेताओं ने धरना दिया. खेग्रामस व मनरेगा मजदूर सभा के नेता जीबछ पासवान, अकलू पासवान, उपेंद्र पासवान, कामता सिंह, पंकज सिंह, दिलीप सिंह, शत्रुघ्न सहनी, जयनारायण यादव आदि बिहार राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभियान में शामिल हुए.
अरवल में किसान नेता राजेश्वरी यादव के नेतृत्व में राजेपुर गांव में धरना दिया गया. सुपौल जिले के किसनपुर प्रखंड के मलार पंचायत में धरना का नेतृत्व भाकपा(माले) जिला सचिव का. रामचंद्र शर्मा ने किया. औरंगाबाद के दाउदनगर में किसान नेता जनार्दन सिंह धरना पर रहे. पटना के अलावा भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, सिवान, दरभंगा, संमस्तीपुर, बेगूसराय, नालंदा, गया, गोपालगंज, मधुबनी, सुपौल आदि केंद्रों पर भी कार्यक्रम लागू हुए. खेत व ग्रामीण मजदूरों के साथ ही मनरेगा मजदूरों ने भी अपने काम के औजारों के साथ प्रदर्शन किया.
खेग्रामस के सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद एवं खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा ने संयुक्त बयान देकर कहा कि कोरोना लाॅकडाउन ने ग्रामीण गरीबों-मज़दूरों को भुखमरी के कगार पर धकेल देने व मनरेगा मज़दूरों से न्यूनतम से भी कम मजदूरी पर काम लेने के सरकारी आदेश पर विरोध जताया.
दरभंगा में जिला कार्यालय समेत जिले के कुल 15 प्रखंडों में 69 स्थानों पर धरना आयोजित हुआ. इन धरनों में न्यूनतम 5 और अधिकतम 150 लोगों की भागीदारी हुई. जिले के बिरौल क्षेत्र में 29, हायाघाट में 6, बहेड़ी में 10, बहादुरपुर में 4, ताराडीह में 1, हनुमाननगर 1 सदर-मनीगाछी में 10, केवटी में 4, सिंघवारा में 3 तथा जाले, ताराडीह व हनुमाननगर प्रखंडों में 1-1 जगह पर धरना आयोजित हुआ.
भोजपुर में किसान महासभा, खेग्रामस और मनरेगा मजदूर सभा का संयुक्त धरना आयोजित हुआ. संदेश में 24, सहार में 21, तरारी में 27, उदवंतनगर में 3, अगिआंव में 8, गड़हनी में 7, चरपोखरी में 65, जगदीशपुर में 5, पीरो में 6, कोइलवर में 1 स्थान पर धरना हुआ. जिले में कुल 127 गांवों में 167 जगहों पर धरना आयोजित हुआ .
पटना जिला में खेग्रामस, मनरेगा मजदूर सभा की ओर से कुल पंचायत 85 पंचायतों के 156 गांवों में अनशन व भूख हड़ताल का कार्यक्रम हुआ. धनरूआ में 16 पंचायत के 44 गांव, मसौढ़ी 7 पंचायत के 13 गांव, पुनपुन के 5 पंचायत के 5 गांव, फुलवारी के 3 पंचायत के 3 गांव, पालीगंज में 7 पंचायत के 13 गांव, दुल्हिन बाजार में 11 पंचायत के 16 गांव, नौबतपुर में 13 पंचायत के 25 गांव, बिहटा में 4 पंचायत के 6, मनेर में 2 पंचायत के 5 गांव, दनियावां में 2 पंचायत के 2 गांव, फतुहा में 10 पंचायत के 17 तथा विक्रम, संपतचक, बेलछी व बख्तियारपुर प्रखंडों के एक-एक गांव में अनशन व भूख हड़ताल का कार्यक्रम हुआ. साथ ही, किसान महासभा के बैनर से 11 पंचायतों के कुल 25 जगह पर धरना कार्यक्रम हुआ.
प. चम्पारण जिले में कूल 59 गांवों में कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें सिकटा प्रखंड के 8, मैनाटांड़ प्रखंड के 7 गांव, गौनहां प्रखंड के 12 गांव, रामनगर पखंड के 3 गांव, बगहा-1 प्रखंड के 5 गांव, बगहा -2 प्रखंड के 8 गांव, नरकटियागंज के 8 गांव, मधुबनी व बैरिया प्रखंड के 3-3 बौर मझौलिया व चनपटिया के 1-1 गांव शामिल हैं. नालन्दा जिला मे खेमस व मनरेगा मजदूर सभा की ओर से 21 और किसान महासभा की ओर से 7 स्थानों पर धरना हुआ. बक्सर जिला के ब्रह्मपुर प्रखंड के 8, नावानगर के 8, चौगाई के 3, ईटाढी के 4, डुमरांव के 4, राजपुर के 1 केसठ के 2 गांवों में धरना-उपवास कार्यक्रम किया गया.
उत्तरप्रदेश: मनरेगा मजदूरों ने भी ताकत दिखायी विभिन्न जिलों में लाॅकडाउन का अनुपालन करते हुए धरना व अनशन आयोजित किया गया. मनरेगा मजदूरों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. एआईकेएम के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा के नेतृत्व में गाजीपुर जिले में दिलदार नगर क्रय केन्द्र पर किसानों ने धरना देकर एसडीएम जमानियां को ज्ञापन सौंपा. पार्टी जिला मुख्यालय पर जिला सचिव रामप्यारे राम ने धरना दिया. इसके अलावा गहमर, कसेरा पोखरा, सराय मुरादअली, खानपुर, बरेसर, करंडा, लीलापुर, भुड़कुडा़, मैनपुर, हरिबम्बमपुर, हीराधरपुर, हथौडा आदि गावों में किसान महासभा व खेग्रामस ने धरना दिया.
किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण ने आजमगढ़ में कार्यक्रम में भाग लिया. खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड श्रीराम चौधरी ने बलिया जिले के हरदिया ग्राम सभा में धरने का नेतृत्व किया. खेग्रामस राष्ट्रीय सचिव अनिल पासवान ने चंदौली जिले में कार्यक्रम में भाग लिया.
बलिया के ओरा (तहबरपुर प्रखंड), महुआ मुरारपुर (सठियांव), नौबरार, देवारा, जदीद प्रथम (महराजगंज), गंजोर (मेहनगर) और सिकरौरा (लालगंज प्रखंड) समेत कई अन्य गांवों में किसानों, मजदूरों एवं कार्यकर्ताओं ने घरों के बाहर धरना-प्रदर्शन कर मांग दिवस मनाया. जिले के जिमिरसर व लिलिकर गांव में भी धरना दिया गया.
चंदौली जिले में 30 जगहों पर खेग्रामस, मनरेगा मजदूर सभा व एआईकेएम की ओर से कार्यक्रम आयोजित किए गए. किसान महासभा जिला अध्यक्ष कामरेड श्रवण कुशवाहा के नेतृत्व में चहनियां प्रखंड के रानेपुर में और खेग्रामस जिला काउंसिल सदस्य कामरेड हरिशंकर विश्वकर्मा के नेतृत्व में सढ़ान में कार्यक्रम हुआ. किसान नेता कामरेड किस्मत यादव के नेतृत्व में चंदौली प्रखंड के फुटिया में धरना हुआ. इसी प्रखंड के सवैया व गोपालपुर में भी कार्यक्रम हुए. सकलडीहा प्रखंड में 5 जगहों – ओड़ौली, नई बाजार, सलेमपुर, बहोरीकपुर व जमुनीपुर में कार्यक्रम हुआ. मुगलसराय नगर में ऐपवा राज्य काउंसिल सदस्य का. सोनी वर्मा व का. रीना ने एक दिवसीय धरना दिया. धानापुर प्रखंड में खेग्रामस नेता का. मुंशी राय के नेतृत्व में जमुरना, सिहावल, कुसुम्ही व अहिकौरा गांव में कार्यक्रम हुआ.
मिर्जापुर जिले के 12 केंद्रों पर कार्यक्रम हुए, जिनमें माले राज्य स्थायी समिति सदस्य शशिकांत कुशवाहा, खेग्रामस जिलाध्यक्ष जीरा भारती, माले जिला सचिव सुरेश कोल व अन्य कामरेडों ने भाग लिया. सोनभद्र जिले के 8 केंद्रों पर धरना दिया गया. बनारस जिले में शाहपुर, तेलारी, चारो, भगवतीपुर, गड़खड़ा, चकदुल्ला, बहौना, लकसरपुर, कठेरवा व शिहुलिया और भदोही जिले में डुड़वा, धर्मपुर, चकटोडर व अवरना गांव में धरना दिया गया. इलाहाबाद में फूलपुर व कोरांव में कार्यक्रम हुआ. गोरखपुर जिले में बांसगांव प्रखंड के बांसगांव, धोबौली, गहरवार व चांदपार तथा उरूवा प्रखंड में नराईचपार, बेला बुजुर्ग, चरगांवा में कार्यक्रम हुआ. एआईकेएम के जिला संयोजक प्रभुनाथ सिंह, माले नेता श्यामचरन, इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने धरना में भाग लिया.
सीतापुर जिले में 15 ग्राम पंचायतों में मनरेगा मजदूरों ने फावड़ा व तसला लेकर धरना दिया. लखीमपुर खीरी जिले में हुए कार्यक्रमों में माले केंद्रीय कमेटी सदस्य कृष्णा अधिकारी ने प्रमुख रूप से भाग लिया. शंकरीगौड़ी, क्रांतिनगर, घोला, बसंतापुर व संसारपुर गांवों में धरना दिया गया. पलियाकलां में माले नेता कमलेश राय ने धरना का नेतृत्व किया. पीलीभीत जिले में राहुल नगर, बिठौरा, पूरनपुर, सुकुटिया गांव में धरना हुआ. कानपुर के कैंधा गांव में किसान नेता विजय सिंह व एडवोकेट अजय सिंह के नेतृत्व में धरना दिया गया.
जालौन जिले में बिनौरा, मुसमारिया, कोसमरा, वेठारी व जालौन में किसान धरना हुआ. एआइकेएम के जिला अध्यक्ष फूलचंद मौर्य के नेतृत्व में रायबरेली जिले के तालागोपालपुर में तथा दो अन्य गांवों में धरना दिया गया. देवरिया जिले में बनकटा गांव व जिला कार्यालय पर धरना दिया गया. मऊ में जिला कार्यालय पर पार्टी जिला सचिव वसंत कुमार के नेतृत्व में तथा रतनपुरा व अमिला गांव में धरना दिया गया. मथुरा जिले में बलदेव क्षेत्र के गांव खंडेला में एआइकेएम के प्रदेश उपाध्यक्ष नत्थीलाल पाठक, जिलाध्यक्ष गेंदालाल व सचिव राकेश सिंह के नेतृत्व में धरना दिया गया. पार्टी जिला प्रभारी का. नशीर शाह ने अपने आवास पर धरना दिया.
मुरादाबाद में किसान नेता रोहिताश राजपूत ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया. महराजगंज जिले के 25 गांवों में धरना हुआ. कुशीनगर व जौनपुर जिलों में एक-एक जगह तथा बरेली जिले में दो गांवों में धरना दिया गया. उपरोक्त कार्यक्रमों के जरिये जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्राी व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा गया .
हल्द्वानी में लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों में रहकर 12 घंटे की भूख हड़ताल की गई. प्रधानमंत्री व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया. ज्ञापन में अन्य मांगों के साथ ही गरीबों की आवाज उठाने वालों का दमन बंद करने और लालकुआं में पछास के कार्यकर्ता महेश पर दर्ज मुकदमा बिना शर्त वापस लेने की मांग भी शामिल थी. भाकपा(माले) के राज्य सचिव काराजा बहुगुणा, किसान महासभा के अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष कामरेड बहादुर सिंह जंगी, भाकपा(माले) जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय, विमला रौथाण, ललित मटियाली, केपी चंदोला, गोविंद जीना, राजेन्द्र शाह, नैन सिंह कोरंगा, किशन बघरी, कमल जोशी, चंद्रपाल, गंगा देवी, परमानंद, परमवीर, धनी राम, पंकज, हयात राम, कुंदन सिंह, गंगा सिंह, नवीन, हेम चन्द्र, आलमगीर, अब्दुल गनी, नारायण सिंह, जगदीश, देवेंद्र, राम सिंह, यशपाल, गोपाल सिंह, हेमा, हरुली देवी ने अपने घरों में रहते हुए धरना-अनशन किया.
झारखंड: व्यापक भागीदारी हुई झारखण्ड ग्रामीण मजदूर सभा (झामस) और अखिल भारतीय किसान महासभा के आह्वान पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में मांग दिवस का पालन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए गए. गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखण्ड के देवराडीह पंचायत के केन्जिया और बेको पश्चिमी पंचायत के अखड़ा टोला और घांसी टोला में प्रदर्शन किया गया. उक्त कार्यक्रमों का नेतृत्व बगोदर पूर्वी के जिला परिषद सदस्य गजेंद्र महतो, पंचायत समिति सदस्य खेमलाल महतो और लोकल कमेटी के सचिव रज्जाक अंसारी ने किया. बिरनी प्रखंड के बाराडीह पंचायत के पिपराडीह गांव में भाकपा(माले) प्रखंड कमेटी सदस्य सहदेव यादव, इजराइल अंसारी व लोकल कमेटी सदस्य वासुदेव दास के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. सिमराारखंड ग्रामीण सभा और अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में कार्यक्रम किया गया. जमुआ पूर्वी के मलीडीह, कैरीडीह, बिसनपुरा आदि गांवों में धरना आयोजित हुआ. सरिया प्रखंड के बागोडीह में मनरेगा मजदूरों ने प्रदर्शन किया. भेलवाघाटी पंचायत के हरकुंड गांव में मनरेगा मजदूर एवं किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. धनवार प्रखंड के सिरसइ में भी किसान-मजदूरों के विरोध कार्यक्रम हुए. देवरी के जगई गांव में धरना आयोजित कर जिसमें सचिव राम किशुन यादव, किसुन लाल यादव, महेन्द्र यादव, लखन यादव, राजकुमार यादव, अमीर यादव आदि मौजूद थे, कोरोना जंग जीतने का संकल्प लिया गया. पड़रिया पंचायत के पड़रिया और देवराडीह पंचायत के करम्बा में भी मांग दिवस मनाया गया. गावां के विष्णु टीकर में झामस व अखिल भारतीय किसान महासभा के आह्वान पर धरना दिया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से धनवार के पूर्व विधायक का. राजकुमार यादव, सचिव सकलदेव यादव, प्रदीप कुमार आदि समेत सैकड़ों किसान-मजदूर उपस्थित थे.
कोडरमा जिले के डोमचांच उत्तरी के कबराबुट में राशन, मजदूरी और काम का पूरा दाम की मांग पर मनरेगा मजदूरों एवं सभी तरह के ग्रामीण मजदूरों का प्रदर्शन हुआ. लुकुइया में राजू पासवान, तेजनारायण पासवान व किशोर महतो आदि समेत दर्जनों लोगों ने प्रदर्शन किया. कोडरमा जिले के जयनगर प्रखंड में भी मांग दिवस कार्यक्रम हुआ.
दुमका जिला के जरका गांव (दुमका प्रखंड) में मनरेगा मांग दिवस मनाया गया. देवघर में देवघर प्रखंड के रतनपुर, मोहनपुर प्रखंड के खादिया डीह, डुमरिया एवं सिरसा नुनथर में मांग दिवस मनाया गया. खूंटी में भी मांग दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया.
अन्य राज्य भी पीछे नहीं प. बंगाल के बांकुड़ा जिले के ओंडा प्रखंड के निकुंजपुर हाट में 30 से भी अधिक किसानों ने किसान नेता काबैद्यनाथ चीना की अगुआई में धरना प्रदर्शन किया. बर्दवान जिले के कालना प्रखंड-एक और दो में अ. भा. किसान महासभा और अ. भा. खेग्रामस के संयुक्त प्रतिवाद में 200 लोग शामिल हुए. नदिया जिले के धुबुलिया, गाछबाजार और सोनतालार कर्मोसूची में प्रतिवाद कार्यक्रम हुए. दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा प्रखंड के भतनजोत तथा खोरीबाड़ी के कदुविता व बितनजोत (खोरीबाड़ी) में विरोध प्रदर्शन हुए. जलपाईगुड़ी के उत्तर पुंतीमारी (मायनागुड़ी) और साउथ 24-परगना जिले के बकराहाट में भी विरोध कार्यक्रम हुए.
उड़ीसा के लुंगुरूताल, कइलेकोटा, बंधुगुडा, जंबागुडा, मरंडा, केन्द्रपाड़ा, कोरापुट, खुर्दा, पद्मपुर व गजपते (रायगढ़ा जिला) में अ. भा. किसान महासभा और अ. भा. खेग्रामस ने विरोध कार्यक्रम आयोजित किए. असम में भूख मिटाओ-कोरोना भगाओ’ के देशव्यापी आह्वान के तहत तिनसुकिया, डिब्रुगढ़ जिले के लेंगराइ, रंगामाटी ग्रांट, तजलुंगमा रंगमी, गुटीवारी, भाजवारी, लहुवाल आदि कई अंचलों में मांग इिवस आयोजित हुआ. नौगांव तथा चंगमइ में मांग दिवस मनाया गया. त्रिपुरा के शनिचरा (धर्मनगर) और खिलपारा (उदयपुर) में मांग दिवस मनाया गया.
आंध्र प्रदेश 6 जिलों 24 मंडलों में 37 गांवों में यह कार्यक्रम हुआ जिसमें कुल मिलाकर 883 लोगों ने हिस्सा लिया. जिलों के नाम है पूर्वी गांदावरी, विशाखापटनम, श्रीकाकुलम, कृष्णा, गुंटूर आर अनंतपुर. इस अवसर पर खेग्रामस के मांग पत्र का पाठ किया गया. कुछ अन्य दलों के प्रभाव वाले खेत मजदूरों ने भी इन कार्यक्रमों में शिरकत की.
पंजाब प्रांत गुरूदासपुर, संगरूर, भटिंडा, व मानसा में भी खेग्रामस व किसान महासभा के बैनर तले मांग दिवस कार्यक्रम आयोजित हुए. यह कार्यक्रम कार्यकर्ताओं के बड़े हिस्से को सक्रिय-सजग रखने का भी जरिया बना.