22 मार्च को आपके द्वारा घोषित देश व्यापी लॉक डाउन की अवधि समाप्त होने वाली है. उसके पहले ही कई राज्यों में लॉक डाउन बढ़ाने और कोविड-19 हॉट स्पॉट चिह्नित किये गये इलाकों को पूरी तरह सील करने की खबरें आने लगी हैं. पिछले तीन हफ्तों के अनुभव से साफ हो चुका है कि कोविड-19 और लॉक डाउन मिलकर ज्यादा बड़ी समस्या बन गये हैं. इन हालात से निपटने के लिए जरूरी है कि हम पहले इस समस्या को स्वीकार करें.
इस अभूतपूर्व और भीषण संकट के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं - (1) सार्वजनिक स्वास्थ्य की बहुत बड़ी आपदा कमजोर सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते और भी बढ़ गई है. हमारी जनसंख्या के बड़े हिस्से की जीवन स्थितियां भी ऐसी हैं कि वे इस महामारी से बचने के लिए जरूरी स्वच्छता का भी पालन नहीं कर सकते. (2) कई लाख मजदूरों की रोजी रोटी अचानक ही छिन गई है. उनमें से बहुत से लोग बिना किसी आय के अपने घरों से दूर फंसे हुए हैं और उनमें से बहुतेरे अपने घर वापस जाने के लिए बेचैन हैं. (3) भूख का दायरा तेजी से बढ़ रहा है और रोजमर्रा के जरूरी सामान की भारी कमी है. (4) इस महामारी का मुकाबला एकता, भाईचारे, तार्किकता, जागरूकता और सही सूचना से करने की जरूरत है लेकिन इसकी जगह घृणा, अफवाह, अंधविश्वास और गलत उपचार फैलाया जा रहा है. (5) लगातार सत्ता का केन्द्रीकरण किया जा रहा है और निर्णय लेने व लागू करने को लेकर मनमानापन चल रहा है. पुलिस लोगों के उत्पीड़न में ज्यादा लगी हुई है. जबकि इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए इस समय ज्यादा पारदर्शिता, जवाबदेही और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की जरूरत है.
इसी पृष्ठभूमि में हम केन्द्र व राज्य सरकारों का ध्यान इस मांगपत्र की ओर आकर्षित करना चाहते हैं ताकि इन मुद्दों पर तुरंत और प्रभावशाली कदम उठाया जा सके.
1. ट्रेड यूनियनों और समाज के सभी वंचित समुदायों के प्रतिनिधियों समेत हर पक्ष के लोगों से सलाह मशविरा किया जाये ताकि सभी पक्षों में एक दूसरे के प्रति विश्वास बढ़े और पारदर्शिता आये.
2. लॉक डाउन के नाम पर पुलिस और प्रशासन द्वारा उत्पीड़न बंद किया जाये. शारीरिक दूरी के लिए लोगों को धैर्य पूर्वक समझाया जाये और सहानुभूति रखते हुए उनकी मदद की जाये न कि उनका उत्पीड़न किया जाये.
3. डिटेंशन सेंटर तत्काल खाली किये जायें. जेलों से भीड़ कम करने के लिए सभी विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जाये. कमजोर, बूढ़े और विकलांग कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाये. कश्मीर में कैद किये गये लोगों समेत सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाये. सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं समेत तमाम जनांदोलनों के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करना बंद किया जाये.
4. प्रवासी मजदूर ऐक्शन प्लान बनाया जाये और प्रवासी मजदूरों की जीविका और स्वास्थ्य के मुद्दों को तत्काल हल किया जाये. (क) गांव पंचायत के सहयोग से प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों की सूची तैयार की जाये और सबके खातों में सीधे पैसा भेजा जाये. (ख) वे अभी जिन जगहों पर हैं वहीं पर उनकी मदद और सुरक्षा की गारंटी की जाये. खास तौर पर सील कर दिये गये इलाकों में उनके लिए खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जाये. (ग) स्वरोजगार में लगे प्रवासी मजदूरों समेत सभी मजदूरों के लिए बिना किसी रुकावट के मजदूरी और जीविका भत्ते की गारंटी की जाये. (घ) इस कार्ययोजना को कड़ाई से लागू करने के लिए स्थानीय प्रशासन और रोजगार देने वालों को जवाबदेह बनाया जाये.
5. अनौपचारिक क्षेत्र के मजदूरों, सेक्स कर्मियों, ट्रांसजेंडर लोगों, विकलांगों, वृद्धों और लॉक डाउन के चलते बुरे हालात में पहुंच गये अन्य तबकों के लिए अलग से ऐक्शन प्लान बनाया जाये.
6. राशन कार्ड, कल्याण बोर्ड में पंजीकरण या आधार कार्ड को जरूरी बनाये बिना लोगों के घरों पर राशन, पका खाना, ईंधन आदि पहुंचाया जाये. हर मोहल्ले में सामुदायिक रसोई चलायी जाये. सरकार मजदूरों और किसान संगठनों, युवा संगठनों, विभिन्न सामुदायिक/ सामाजिक संगठनों का स्वागत करना चाहिए और इनसे जुड़े युवाओं को प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की तरह राहत सामग्री पहुंचाने के काम में युद्ध स्तर पर लगाना चाहिए.
7. सभी खाली पड़े घरों, होटलों, बारात घरों आदि को बेघर लोगों के आवास में तब्दील किया जाये.
8. कागजात की परवाह किये बिना सभी प्रभावित परिवारों को महामारी के समय में जीविका भत्ता दिया जाये. किराये और कर्ज माफ किये जायें. ईएमआई की वसूली आगे बढ़ाई जाये.
9. इस महामारी के समय में मनरेगा को आवश्यक सामग्री वितरण की तरफ मोड़ा जाये. मनरेगा मजदूरों को राशन व खाना पहुंचाने के काम में भी लगाया जाये और आपदा जोखिम के चलते उनकी मजदूरी बढ़ाई जाये.
10. मजदूरी कम करने और नौकरी से निकालने जैसी मजदूरों की असुरक्षाओं को दूर किया जाये और राहत शिविरों की सुरक्षा के साथ-साथ वहां बिजली, पानी और इंटरनेट सप्लाई सुनिश्चित की जाये. आईटी, आईटीईएस, फिनटेक, सेवा क्षेत्र, पर्यटन और सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्योगों में काम करने वालों को निकालने पर रोक लगाई जाये.
11. तैयार फसल की कटाई और उचित मूल्य पर किसानों से से उनकी फसल की खरीद के लिए तत्काल कदम उठाये जायें ताकि कृषि संकट को बढ़ने से रोका जा सके.
12. सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को तत्काल मजबूत बनाने के लिए सभी निजी अस्पतालों, जांच लैब और अन्य मेडिकल सुविधाओं, फार्मास्यूटिकल कंपनियों को सीधे तौर पर सरकारी नियंत्रण में लिया जाये. इससे मुफ्त में कोविड-19 की जांच और इलाज की गारंटी हो सकेगी. वेंटिलेटर, पीपीई किट और मास्क की पर्याप्त सप्लाई की गारंटी की जाये.
13. कोविड-19 के टेस्ट का दायरा व्यापक तौर पर बढ़ाया जाये. सबसे लिए आपातकालीन मानसिक स्वास्थ्य व्यवस्था नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाये.
14. महामारी के दौरान सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता की गारंटी की जाये.
15. हर राज्य में मेडिकल और क्वारंटीन सुविधाओं के निर्माण के लिए बजट आबंटित किया जाये. केाविड-19 को लेकर हमारा रुख लोगों को शिक्षित करने और उनका खयाल रखने वाला होना चाहिए. अपराधी मानकर उनका दमन नहीं करना चाहिए.
16. कश्मीर में तुरंत पूरी तरह से इंटरनेट बहाल किया जाये. इस महामारी के दौरान इंटरनेट की कमी के चलते वे महत्वपूर्ण सूचनाओं और संवाद से वंचित रह जा रहे हैं.
17. स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, वृद्ध और विकलांगों दी देखभाल करने में लगे कर्मियों, पुलिसकर्मी, स्टील प्लांट के कामगारों, कृषि व अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को महामारी के खतरे को देखते हुए विशेष वेतन दिया जाये जो कि कम से कम उनके सामान्य दौर के वेतन का तीन गुना हो. साथ ही उनकी नौकरियों को पक्का किया जाये. उन्हें पीपीई व अन्य सुरक्षा उपकरण दिये जायें.
18. घरेलू हिंसा और बच्चों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए देश के हर जिले में चौबीसों घंटे काम करने वाली हॉट लाइन बनायी जाये. मदद मांगने वालों तक पहुंचने के लिए विशेष टीमें गठित की जायें. हर घर में दी जाने वाली आवश्यक वस्तुओं में सेनेटरी पैड भी शामिल किये जायें. जन्म से पहले लिंग निर्धारण पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय तत्काल वापस लिया जाये.
19. अल्पसंख्यक समुदायों को सांप्रदायिक आधार पर निशाना बनाने, कोविड-19 से पीडि़तों और कोविड-19 से पीडि़तों के इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को बदनाम करने के खिलाफ तत्काल कदम उठाये जायें. मुसलमानों का बहिष्कार करने, उनपर हमला करने, उत्तर-पूर्व के लोगों पर नश्लीय हमला करने, कोविड-19 के संभावित पीडि़तों को बाहर निकालने और उनका उत्पीड़न करने की चिंताजनक खबरें लगातार आ रही हैं. इन अपराधों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाये जाने चाहिए. इस संदर्भ में WHO और बाद में सरकार द्वारा जारी निर्देशों को पूरी तरह लागू करने की गारंटी की जाये.
20. स्थानीय विकास और लोक कल्याण योजनाओं में राज्यों को दिये जाने वाले हिस्से को रोकने की जगह बुलेट ट्रेन से संबंधित सभी योजनाओं को तत्काल रोक दिया जाये. सेंट्रल विस्टा, सैन्य खरीद, सरकारी विज्ञापन, प्रधानमंत्री और सरकार के अन्य सदस्यों की विदेश यात्रा पर तत्काल रोक लगाई जाये. बड़े धनी द्वारा बैंकों से लिए गये कर्जों और उनके टैक्सों की वसूली की जाये और इसे कोविड-19 और लॉक डाउन रिलीफ के लिए दिया जाये.
21. रिलीफ फंड को आबंटित करने और उसके उचित इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया को त्वरित, पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाये. नये बनाये गये पीएम-केयर्स फंड समेत इस मद में मिलने वाले सभी दान और चंदे को पारदर्शी बनाया जाये. क्योंकि पीएम-केयर्स फंड पूरी तरह से कोविड-19 महामारी के लिए ही बनाया गया है.
उम्मीद है कोविड-19 के खिलाफ हमारे साझा संघर्ष को मजबूत बनाने में आपसे सकारात्मक जवाब देंगे.
भवदीय
(दीपांकर भट्टाचार्य)
महासचिव
भाकपा (माले) लिबरेशन