वामपंथी पार्टियां जनता का आह्वान करती हैं कि वे लाॅकडाउन की पाबंदियों के दायरे में रहते हुए 14 अप्रैल को शाम पांच बजे निम्नलिखित मुद्दों पर संकल्प लेकर अम्बेदकर जयंती का पालन करें.
(1) हमारे संविधान की रक्षा करना. (2) इस लाॅकडाउन से पीड़ित हो रहे गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को तुरंत नकद रकम भेजने और उनके बीच खाद्य का वितरण करने की मांग करना. (3) धर्म, जाति, लिंग अथवा अक्षमता के आधार पर किसी भी भेदभाव के बिना हमारी समूची जनता के बीच सामाजिक एकता के बंधन को मजबूत करना. लाॅकडाउन की पाबंदियों के दौरान महामारी से लड़ने के नाम पर लोगों के जीवन, स्वतंत्रता, जनवादी अधिकारों पर कोई हमला नहीं होना चाहिये अथवा छुआछूत एवं भेदभाव की कोई अभिव्यक्ति नहीं होनी चाहिये. हमारा आह्वान है – ‘सामाजिक एकजुटता के साथ शारीरिक दूरी’ बनाये रखो, न कि सामाजिक दूरी’. (4) अम्बेदकर ने अंधविश्वास और पूर्वाग्रहों के खिलाफ जनता को शिक्षित करने का जो संदेश दिया था, उसी भावना के साथ हमें इस लाॅकडाउन के दौरान जिन लोगों को अपनी अस्तित्व-रक्षा और गुजर-बसर के लिये सहारे और मदद की जरूरत है, हम उन्हें मदद पहुंचाने और इस काम में स्वयंसेवक की भूमिका निभाने का संकल्प लेना चाहिये.
चूंकि इन स्थितियों में सार्वजनिक सभा अथवा अम्बेदकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करना संभव नहीं है, इसलिये लोगों को चाहिये कि वे जहां कहीं भी सुरक्षित और सुविधाजनक हो, 14 अप्रैल को 5 बजे शाम उपरोक्त संकल्प लें.