जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्वाण भट्टाचार्य सहित 9 छात्रों पर केजरीवाल सरकार द्वारा देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने के खिलाफ वाम दलों भाकपा(माले), भाकपा, माकपा के संयुक्त बैनर तले विगत 8 मार्च 2020 को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए.
मोतिहारी में स्टेशन परिसर से गांधी चौक तक प्रतिवाद मार्च निकाला गया जिसका नेतृत्व भाकपा(माले) नेता विष्णुदेव प्रसाद यादव, भैरव दयाल सिंह, भाकपा के रामबचन तिवारी, विजय शंकर सिंह, विश्वनाथ यादव, रामचंद्र कुशवाहा, माकपा के रामाश्रय सिंह, सुधीर कुमार, मदन यादव, इंनौस के संयोजक अशोक कुशवाहा आदि नेताओं ने किया. गांधी चौक पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि मोदी-अमित शाह की सरकार ने देश में तानाशाही थोप दिया है. लोकतान्त्रिक ढंग से आंदोलन चलाने वाले लोगों पर फर्जी मुकदमा किया जा रहा है. जबतक जेएनयू के छात्रों पर से मुकदमा और सीएए-एनपीआर-एनआरसी की वापसी नहीं होती, हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा.
सहरसा में भाकपा(माले), भाकपा और माकपा ने धरना देने के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति व राज्यपाल महोदय को श्रापन सौंपा. मधेपुरा में माले और भाकपा नेताओं ने प्रदर्शन निकालकर गुहमंत्री अमित साह का पुतला दहन किया. राजधानी पटना में भी विरोध प्रदर्शन किया गया.