23 फरवरी 2020 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के राजीव गांधी चौक पर एनपीए, एनआरसी और जन विरोधी कानून नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध व भारत बंद के समर्थन में ‘एससी, एसटी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक संयुक्त मोर्चा’ के बैनर तले धरना आयोजित किया गया.
प्रदर्शनकारियों ने शास्त्री चौक होकर डा. अंबेडकर प्रतिमा के सामने रैली को समाप्त किया तथा ‘संविधान बचाओ संघर्ष समिति’ के द्वारा शाहीन बाग की तर्ज पर विगत 60 दिनों से ‘संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा जारी सत्याग्रह का 60 वां दिन पूरा होने पर 60 लोगों द्वारा एक दिवसीय धरना एवं सर्वधर्म उपवास भी तोड़वाया.
इस अवसर पर मोर्चा के मुख्य संयोजक एड.जांगड़े ने कहा कि न्यायपालिका द्वारा संविधान के मंशा के विपरीत आरक्षण पर निर्णय देने के कारण ही आज यह वर्ग अपने संवैधानिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिये सड़को पर संघर्ष कर रहा है. धरना-प्रदर्शन के जरिए एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के आरक्षण को संविधान के 9वींअनुसूची में लाने, एससी/एसटी/ओबीसी समाज को न्यायपालिका में आरक्षण देने, सीएए, एनआरसी, एनपीआर को वापस लेने, सार्वजनिक कंपनियों को निजी हाथों में बेचना बन्द करने तथा एससी/एसटी समाज पर हिंसा रोकने की मांग की गई.
इस कार्यक्रम में प्रमुख रुप से एड. रामकृष्ण जांगड़े, रघुनंदन साहू, डा. लक्ष्मण भारती, बीएस जागृत, गुलाब टंडन, भास्कर, केपी खंडे, अखिलेश एडगर, शाहिद सिद्वीकी, जावेद खान, शोएब, फखरुद्वीन, मो. यासीन, जितेंद्र सोनकर, सुनील गंगवीर, हेमंत जोशी, रियाज अली, राईश सिद्वीकी, सुमन नेताम, अंजू मेश्राम, निशार अली तथा अज्जाक्स, अपाक्स, ओबीसी महासभा़, सर्व आदिवासी समाज़, प्रगतिशील सतनामी समाज़, भारतीय बौद्ध महासभा, भीम आर्मी़, भीम रेजीमेंट, नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति, क्रिश्चियन अलायंस़, एआइपीएफ आदि संगठनों ने भागीदारी की.