बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्रांक 406 / दि. 28 .1. 20 द्वारा बिहार के नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों में कार्यरत करीब 30 हजार दैनिक वेतनभोगी तथा मानदेय पर काम करने वाले सफाई एवं अन्य कर्मचारियों की सेवा 1. 2. 2020 के प्रभाव से समाप्त करने की अधिसूचना के खिलाफ सभी निकायों में व्यापक कार्य बहिष्कार आन्दोलन शुरू हो गया है. विदित हो कि 5 सितंबर 2019 से 11-सूत्री मांगों पर बिहार के निकाय कर्मियों की हुई व्यापक हड़ताल को कतिपय कारणों से स्थगित करते हुए मांगों पर आगे आन्दोलन जारी करने की घोषणा बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ द्वारा की गई थी तथा इसकी सूचना सरकार को दे दी गई थी.
अभी सेवा समाप्ति की सरकारी अधिसूचना के आद बिहार के सभी नगर निकायों में तत्काल कार्य बहिष्कार से नगरों में जमा हो रहे कूड़ा-कचरा के अंबार और सरकार के पास किसी भी विकल्प के अभाव में घबड़ा कर मजदूरों को धोखा देकर ठगने के लिए और अपना आउटसोर्स विकल्प की तैयारी के लिए उक्त पत्रांक (406) को स्थगित कर पत्रांक 454 / दि. 03 फरवरी द्वारा दैनिक-मानदेय कर्मियों की सेवा समाप्ति की तिथि को दो माह बढ़ा कर 1अप्रैल घोषित की गई है.
महासंघ के अध्यक्ष आरएन ठाकुर और महासचिव श्यामलाल प्रसाद ने अपने वक्तव्य में कहा है कि उपर्युक्त स्थिति पर विचार-विमर्श हेतु 2-3 फरवरी को महासंघ की राज्य कमेटी की बैठक की गई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि बिहार के सभी नगर निकायों में कार्यरत सभी दैनिकभोगी और मानदेय कर्मियों का सरकार द्वारा स्थायीकरण तथा 21 हजार रुपया से ज्यादा वेतन निर्धारण नहीं किया जाता, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. साथ ही, अपनी उक्त मांगों पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए 14 फरवरी 2020 को मुख्य मंत्री के समक्ष पटना के गर्दनीबाग धरना-स्थल पर प्रदर्शन करने का भी फैसला लिया गया है.
स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने सभी नगर निकायों में कार्यरत सफाई कर्मियों, दैनिक वेतनभोगी व मानदेय कर्मियों तथा अन्य कर्मचारियों से आह्वान किया है कि अपनी सेवा के स्थायीकरण, 21 हजार रुपया से ज्यादा के वेतन और पेंशन, भविष्य निधि, ईएसआई की सुविधा देने का सरकारी निर्णय लिए जाने तक अपना कार्य बहिष्कार आन्दोलन एकताबद्ध होकर जारी रखें; और 14 फरवरी को पटना में होने वाले राज्य-स्तरीय प्रदर्शन को पूरी तरह से सफल बनाएं.