योगी सरकार की पुलिस ने 30 जनवरी को महात्मा गांधी का शहादत दिवस मनाने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पर गाजीपुर, बलिया समेत कई जिलों में प्रतिबंध लगा दिया. इसके लिए धारा 144 का हवाला दिया गया.
गाजीपुर में गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा रहे माले के नेताओं-कार्यकर्ताओं को पार्टी कार्यालय में ही नजरबंद कर पुलिस का पहरा बिठा दिया गया. वहीं, बलिया जिले के चेतन किशोर गांव में श्रद्धांजलि देने के लिए भाकपा(माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव की अगुवाई में एकत्र हुए सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से पुलिस ने रोक दिया. ये कार्यकर्ता गांधी को श्रद्धांजलि देने एक किमी. दूर सिकंदरपुर कस्बा जाने को मार्च निकाल रहे थे. रोके जाने पर सड़क पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज्य सचिव ने कहा कि भाजपा सरकार में गांधी के हत्यारे हिन्दू राष्ट्रवादी गोडसे का मंदिर बना सकते हैं, लेकिन गांधी का शाहदत दिवस नहीं मना सकते. उन्होंने कहा कि जिस हिन्दू राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थकों ने गांधी की हत्या की, उसी विचारधारा के लोग आज सीएए-एनआरसी के माध्यम से संविधान की हत्या कर धर्मनिरपेक्ष भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने चाहते हैं.
लखनऊ में, जीपीओ पार्क स्थित गांधी प्रतिमा पर वाम दलों के नेताओं ने माल्यार्पण किया. इस मौके पर माले समेत वाम दलों के दर्जनों कार्यकर्ता भी उपस्थित थे. माल्यार्पण के बाद भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया गया. मऊ, आजमगढ़, फैजाबाद, वाराणसी, जालौन, सीतापुर, उन्नाव, मुरादाबाद, मथुरा आदि जिलों में भी कार्यक्रम हुए.
लखनऊ में ही घंटाघर पर एक पखवारे से सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में चल रहे महिलाओं के धरने पर भाकपा(माले) की केंद्रीय समेटी सदस्य व ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच कर समर्थन जाहिर किया.