विगत 21 दिसंबर 2019 को सीएए व एनआरसी के खिलाफ राजद द्वारा आहूत बिहार बंद के दौरान पटना शहर के फुलवारीशरीफ में बंद समर्थकों पर पथराव व फायरिंग की गई. आरएसएस व बजरंग दल के लोगों ने जो सीएए व एनआरसी के खिलाफ उठ खड़े हुए आंदोलन से बौखलाए हुए थे और इसको सांप्रदायिक रंग देने की लगातार कोशिश कर रहे थे, इस घटना को अंजाम दिया. बंद का जुलूस जैसे ही टमटम पड़ाव के पास से पूरब की ओर मुड़ा, बगल के मुहल्ले (जो आरएसएस समर्थित लोगों का मुहल्ला है) से पथराव आरंभ हो गया और फिर फायरिंग शुरू हो गई. इससे भगदड़ की स्थिति मच गई.
यह भी पता चला कि आरएसएस व बजरंगज दल समर्थकों ने वाम दलों द्वारा आहूत 19 दिसंबर के बिहार बंद के दौरान भी उत्पात फैलाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे नाकामयाब कर दिया गया. 21 दिसंबर को वे सपफल रहे और सुनियोजित तरीके से हमले को अंजाम दिया. उनके द्वारा की गई फायरिंग व पथराव के कारण कई बंद समर्थक बुरी तरह घायल हो गए, जो मुस्लिम समाज से आते हैं. जाहिर तौर पर दंगाइयों ने उन्हें जान-बूझकर टारेगट किया. दस घायलों का एम्स, पटना और एक का पीएमसीएच में इलाज चल रहा है.
भाकपा(माले) के राज्य सचिव का. कुणाल, पूर्व सांसद का. रामेश्वर प्रसाद, पोलित ब्यूरो सदस्य का. अमर, खेग्रामस के राज्य सचिव गोपाल रविदास व राज्य कमेटी सदस्य का. सत्यनारायण प्रसाद आदि नेताओं ने एम्स जाकर घायलों व उनके परिजनों से मुलाकात की और पूरे मामले की गंभीरता से जांच-पड़ताल की. जांच टीम ने स्थानीय लोगों व पुलिस पदाधिकारियों से भी बातचीत की. बातचीत से यह खुलासा हुआ कि टमटम पड़ाव के आगे सरस्वती शिशु मंदिर का इलाका आरएसएस का मुहल्ला है. प्रशासन ने भी कहा कि इस तरह की आशंका पहलेे से थी, पिफर भी प्रशासन ने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया. प्रशासन ने जांच टीम को बताया कि उसने 100 लोगों की लिस्ट बनाई है, जिसमें 23 हिन्दू व 17 मुस्लिम समुदाय के लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जांच टीम ने उनसे हमले के मुख्य सूत्रधारों को गिरफ्तार करने की मांग उठाई और कहा कि ऐसा करने के बजाय प्रशासन उलटे अल्पसंख्यक समुदाय के गांवों में छापेमारी कर रही है. प्रत्यक्षदर्शियों ने जांच टीम को बताया कि हमले की तैयारी पहले से ही जारी थी. हमलावरों ने सुबह में ही ओरिएंटल बैंक के पास 2 ट्रैक्टर रोड़ा मंगवाया था. पहला रोड़ा उसी बैंक की छत से पहले चलाया गया और फिर वहीं से फायरिंग की गई. पेठिया मुस्लिम मुहल्ले में भी हमले की कोशिश की गई लेकिन लोगों ने उसे नाकाम कर दिया. जांच टीम ने एक-एक घायल से मुलाकात की. मो. शाहनवाज जिनके गर्दन की हड्डी में गोली फंसी हुई है, का एक आॅपरेशन हो चुका है, फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है. मो. अशरफ को पेट में गोली लगी हुई है. इन दोनों को उस वक्त आईसीयू में रखा गया था. मो. आलम के पेट में गोली फंसी हुई है तो मो. सबीर आलम के पैर में. मो. फैजल के कूल्हे की हड्डी में गोली लगी है. मो. इरफान के नाक पर चोट है. मो. अनस के सर में तथा मो. तौसीफ की आंख व माथे पर चोट है. मो. अकबर के जांघ की हड्डी में जबकि शैलन्द्र कुमार के पांव में फ्रैक्चर है.
भाकपा(माले) जांच दल ने लारपवाही बरतने के लिए स्थानीय प्रशासन पर कार्रवाई करने, अल्पसंख्यक समुदाय पर छापेमारी रोकने, हमले के रिंग लीडरों को गिरफ्तार करने, घायलों के समुचित इलाज का खर्च व 2-2 लाख का मुआवजा प्रदान करने की मांग करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में जब पूरा देश सीएए व एनआरसी के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है और भाजपा, एबीवीपी और अन्य संगठन उसके पक्ष में उन्माद व नफरत का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात फैलाने वाली ताकतों पर सख्ती से लगाम लगाना और आम लोगों के जान-माल की सुरक्षा की गारंटी करना होगा.
शांति पूर्ण जुलूस में शामिल लोगों पर किये गए जानलेवा हमले के खिलाफ 27 दिसंबर को भाकपा(माले) और इंसाफ मंच के संयुक्त बैनर से राजधानी पटना (गर्दनीबाग) में एक प्रतिवाद मार्च निकाला गया और सभा आयोजित की गई. प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व राज्य सचिव का. कुणाल, विधायक दल नेता का. महबूब आलम समेत का. अमर, गोपाल रविदास, शशि यादव, सरोज चौबे, इंसाफ मंच नसीम अंसारी, मुर्तजा अली आदि ने किया.