मोदी सरकार की श्रमिक विरोधी, जन विरोधी और देश विरोधी नीतियों के खिलाफ 8 जनवरी को आहूत अखिल भारतीय आम हड़ताल, जिसमें 25 करोड़ से भी अधिक श्रमिकों ने हिस्सा लिया, ऐतिहासिक रूप से सफल रही. मजदूर वर्ग के अलावा किसानों, खेत मजदूरों, छात्रों, शिक्षकों व बुद्धिजीवियों समेत समाज के विभिन्न हिस्सों के लोग हड़ताल के समर्थन में सड़कों पर उतरे और मोदी राज के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया.
आम हड़ताल के दौरान असम, उणिपुर, केरल, ओड़िशा, महाराष्ट्र, ममिलनाडु, पांडिचेरी, गोआ, बिहार, झारखंड, मेघालय, तेलंगाना, हरियाणा और त्रिपुरा जैसे राज्यों में जहां संपूण बंद का नजारा दीखा तो कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, प. बंगाल में कल-कारखानों मे संपूर्ण बंदी रही. देश के शहरी व ग्रामीण इलाकों में, सभी छोटे-बड़े शहरों में, कारखानों व फार्र्मों में, सड़कों व उच्च पथों पर भी लोगों ने स्वतःस्फूर्त रूप से बड़ी तादाद में जमा होकर प्रदर्शन, जुलूस और रैली-सभा आयोजित किया. कई जगहों पर रेल-रोड जाम हुए. चेन्नई में 2000, असम में 1500, भुवनेश्वर में 500 लोग गिरफ्तार भी किए गए वहीं उत्तर प्रदेश के कई शहरों पुलिस ने पदर्शनों पर रोक भी लगाया.
आरबीआइ समेत सभी बैंकों, बीमा संस्थानों, चाय बागानों, तेल बाजार, तेल शोधन व पाईप लाइनों, बिजली, रक्षा उत्पाद, जल, शिक्षा व स्वास्थ्य तथा ज्यादातर कोयला उद्याोगों में संपूर्ण हड़ताल रही. विजग स्टील प्लांट, बाल्को, भेल, में कई जगहों पर संपूर्ण हड़ताल रही. विभिन्न राज्यों में सरकारी कर्मचारी, आशा-आगनबाड़ी-मध्यान्ह भोजनकर्मी समेत कई क्षेत्रों के स्कीम वर्कर्स, ठेला-वेंडर व आॅटो चालक व परिवहन कर्मी भी भारी तादाद में सड़कों पर उतरे.
देश की राजधानी दिल्ली स्थित सभी औद्योगिक क्षेत्रों में मजदूरों के प्रदर्शन व सभायें हुईं. सार्वजनिक परिवहन कर्मियों ने शहीद पार्क से जुलूस निकाला और आइटीओ चौराहा पहुंचे जहां पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद वहीं पर सभा आयोजित की गई. सभा को का. राजीव डिमरी (एैक्टू), अशोक सिंह (इंटक), अमरजीत कौर (ऐटक), हरभजन सिद्धू (एचएमएस), देवराजन (टीयूसीसी) तथा राज्य सभा सदस्य विनय विश्वाम समेत कई नेताओं ने संबोधित किया.
‘यंग इंडिया’ के आह्वान पर दिल्ली विश्वविद्यालय में हजारों लोगों की भागीदारी के साथ एक ऐतिहासिक प्रतिवाद मार्च आयोजित कर जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालयों पर किए गए हमले और सीएए, एनआरसी व एनपीआर का विरोध और आम हड़ताल का समर्थन किया.
पांडिचेरी में मजदूर संगठनों ने संयुक्त रूप से रास्ता रोकों कार्यक्रम आयोजित किया. आंध्रपदेश के गुंटूर जिले के आॅटो नगर व तेनाली में भाकपा(माले) के बैनर तले रैली व जनसभा आयोजित हुई. इसमें कई मुस्लिम संगठनों और सोना-चांदी उद्योग से जुड़े मजदूरों की जबरदस्त भागीदारी हुई. काकीनाड़ा, विजयवाड़ा व करनूल जिले के नंदीकोटकरमें वामपंथी दलों व संगठनों ने संयुक्त प्रदर्शन आयोजित किया. येलेश्वरम में बंद आयोजित हुआ. पूर्वी गोदावरी जिले के प्रतिपदू व श्रीकाकुलम जिले के पलासा में भाकपा(माले), खेग्रामस व ऐक्टू ने आम हड़ताल व बंद की रैली निकाली. तेलंगाना के पालकुर्थी में भी बंद का आयोजन हुआ. ओड़िशा के रायगड्डा जिले के रायगउ्डा, गुनुपुर, रमनगड्डा, पद्मपुर, गुदरी, गजपति तथा कोरापुट जिले बंधुगाम में प्रदर्शन आयोजित हुआ.
पंजाब के मानसा में वामपंथी जन संगठनों के हजारों प्रर्दशनकारियों ने पूरे शहर में जुलूस निकाला और बस स्टैंड का गेट जाम कर सभा की. अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रुलदू र्सिंह के नेतृत्व में पंजाब के दस किसान संगठनों ने दिल्ली-फिरोजपुर रेल लाईन पर धरना देकर उसे जाम कर दिया और सभा आयोजित की. गुजरात के मोडासा में पुलिस की धमकी और निषेधाज्ञा को धता बताते हुए ऐक्टू व सीटू से सम्बद्ध ट्रेड यूनियनों व किसान संघटनों ने प्रदर्शन किया.
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में पूर्ण हड़ताल रही. हजारों लोगों ने स्वतःस्फूर्त तरीके से हड़ताल व बंद में शिरकत की. पश्चिम बंगाल में यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र भी भारी तादाद में आम हड़ताल के समर्थन में सड़कों पर उतरे. बर्दवान में प्रदर्शन और नादिया जिले में एनएच-34 को जाम करने के कार्यक्रम आयोजित हुए. असम के राजगढ़ में प्रतिवाद मार्च आयोजित हुआ.
रांची में एक्टू से सम्बद्ध झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन ने डेली चौक से विशाल रैली निकाली जो अल्बर्ट एक्का चौक पहुंची. मुख्य बाजार समेत अधिकांश दुकानों के न खुलने के कारण हर तरफ बंद-सा नजारा रहा. प्रदर्शन को एक्टू के राज्य महासचिव शुभेंदु सेन, निर्माण मजदूर यूनियन के महासचिव भुवनेश्वर केवट, झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नेता गोपाल शरण व रामचरित्र शर्मा, ऐक्टू नेता अजबलाल सिंह, आदि ने संबोधित किया.
बिहार में राजधानी पटना में दिन भर हड़ताल समर्थक प्रदर्शनों का तांता लगा रहा. राज्य के अधिकांश जिला मुख्यालयों आरा, जहानाबाद, अरवल, सीवान, दरभंगा, बेगूसराय, बिहारशरीफ, समस्तीपुर, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज, मुंगेर, जमुई, नवादा आदि और सैकड़ों प्रखंड मुख्यालयों में भी आम हड़ताल व ‘ग्रामीण भारत बंद’ के समर्थन में प्रदर्शन आयोजित हुए. भाकपा(माले) और ऐक्टू व उससे जुड़ी यूनियनों, किसान महासभा, खेग्रामस, आशा कार्यकर्ता संघ, आंगनबाड़ी व मघ्यान्ह भोजनकर्मी संगठन, बीड़ी मजदूर, निर्माण मजदूर व आॅटो चालक संगठनों समेत छात्र-युवा संगठन आइसा व इनौस ने भी बंद को सफल बनाने में ताकत लगायी.
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में एपी सेन रोड स्थित उप श्रमायुक्त कार्यालय से एक्टू के बैनर तले एकजुट कार्यकर्ताओं व मजदूरों ने मोदी-योगी सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए मार्च किया. मार्च चारबाग रेलवे स्टेशन प्रांगण में स्थित उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन के कार्यालय के सामने पहुंचा. लखनऊ के प्रसिद्ध एसजीपीजीआई अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन भी हड़ताल में शामिल हुई.
बलिया में भाकपा(माले) के बैनर तले इकट्ठा हुए सैकड़ों लेागों ने खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन से प्रभावशाली जुलूस निकाला. गाजीपुर में सैकड़ों किसानों ने अ.भा. किसान महासभा के प्रदेश सचिव इश्वरी प्रसाद कुशवाहा के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन से मार्च कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. सोनभद्र में भाकपा(माले) राज्य सचिव का. सुधाकर यादव व जिला सचिव शंकर कोल के नेतृत्व में मार्च निकाला गया. मिर्जापुर में भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य का. मो. सलीम व जीरा भारती के नेतृत्व में किसान महासभा, खेग्रामस व एक्टू की ओर से शहर में मार्च निकाला गया. कानपुर में असरदार मजदूर हड़तालके दौरान दादा नगर-पनकी औद्योगिक क्षेत्र में एक्टू ने जुलूस निकाल कर सड़क जाम किया. वहां आयोजित सभा में बड़ी संख्या में महिला मजदूर शामिल हुईं. इलाहाबाद के फूलपुर में एक्टू से सम्बद्ध इफ्को ठेका मजदूर संघ ने फर्टिलाइजर (उर्वरक) कारखाने के गेट नंबर दो पर सभा की. इलाहाबाद शहर में भी आम हड़ताल के समर्थन में वाम दलों व अन्य संगठनों की सभा हुई.
बनारस में डीजल रेल कारखाना (डीरेका) में डीरेका बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सभा आयोजित की गई और खेग्रामसऔर निर्माण मजदूर यूनियन के नेतृत्व में श्रम कार्यालय तक मार्च किया गया. मुरादाबाद में एक्टू नेता रोहितास राजपूत के संचालन में जिला ट्रेड यूनियन समन्वय समिति की ओर से अम्बेडकर पार्क में आयोजित सभा आयोजित हुई. मथुरा में किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले जिला मुख्यालय पर किसानों व आगनबाड़ी महिलाओं ने प्रदर्शन, धरना व सभा किया.
रायबरेली में जिला ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के संयोजक व एक्टू प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही के नेत्त्व में कई संगठनों के सैकड़ों लोगों ने जुटकर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. जिले में लालगंज स्थित रेल कोच कारखाने में मजदरों की सभा हुई. लखीमपुर खीरी में नसरुद्दीन मौजी मैदान में प्रदर्शन कर सभा की गई, वहीं पलियां कला तहसील मुख्यालय पर अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले एकजुट होकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया. सीतापुर में आम हड़ताल के समर्थन में मजदूरों, रसोइया व पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहर में मार्च निकाला और विकास भवन के सामने सभा की. आजमगढ़ में हड़ताल के समर्थन में धरना प्रदर्शन हुआ. फैजाबाद में वाम दलों ने प्रेस क्लब में संयुक्त सभा की. जालौन में आम हड़ताल को लेकर मजदूर-किसानों का मार्च हुआ. देवरिया में प्रदर्शन और कुशीनगर में धरना हुआ. गोरखपुर, मऊ, चंदौली और पीलीभीत में भी हड़ताल के समर्थन में मार्च निकाले गये. भदोही और गोंडा में वाम दलों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया.
उत्तराखंड के हलद्वानी स्थित बुद्ध पार्क में ट्रेड यूनियनों का साझा मंच के बैनर तले एक सभा आयोजित की गई जिसे ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का. राजा बुहगुणा, बीमा कर्मचारी संघ के सर्किल महासचिव डीके पाण्डे, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के अध्यक्ष पीपी आर्य, बैंक यूनियन के गौरव गोयल और पुष्कर बिष्ट, रोडवेज पथ परिवहन यूनियन (सीटू) के अध्यक्ष आरके वालिया ने संबोधित किया. सभा के बाद उपजिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकाल कर 11-सुत्री ज्ञापन सौंपा गया.
हरियाणा में अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए. जम्मू में भी एक्टूू के बैनर तले सिडको इंडस्ट्रीयल कांपलेक्स से जुलूस निकला और मुख्य चैक पर सभा आयोजित की गई.