23 दिसंबर 2019 को उदयपुर कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर प्रशासन के द्वारा भू-माफियाओं को संरक्षण देने और वन विभाग द्वारा लम्बे समय से काबिज आदिवासियों को सलुम्बर तहसील मे प्रताड़ित करने के मामलों में ज्ञापन देकर एक पखवारे के अंदर कार्यवाई करने की मांग की गई.
प्रतापपुरा (सेरिया पंचायत), सलूम्बर मे स्थित करीब ढाई बीघा जमीन पर सिंचाई विभाग के नर्सरी (पौधशाला) थी. 1998 के बाद जब नर्सरी नहीं रही, गांव के लोग इसका उपयोग सार्वजनिक रूप से करने लगे. हाल के दिनों में बगल से होकर सड़क निकल आने की वजह से इस जमीन की कीमत बढ़ गई है. यह देखकर भू-माफिया लोगों द्वारा इस जमीन को चुपके से अपने खाते में चढ़वा लिया है. भू-माफियायों ने पिछले दिनों अचानक 13 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है और उनका साथ देते हुए पुलिस ने भी उनके खिलाफ चालान पेश कर दिया. पता चल रहा है कि एक पूर्व सरपंच द्वारा यह जमीन पहले अपने नाम करवायी गयी और फिर कब्जा में लिए बिना ही इसे पटवारी और तहसील कार्यालय की मिलीभगत से इसे आवासीय दिखा कर भू-माफियाओं के नाम हस्तांतरित कर दिया गया.
किसान नेताओं ने इस मामले की जांच कर उपरोक्त लेागों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की. इन भू-माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और वे गरीब व अनपढ़ लोगों की जमीन हड़पने का काम कर रहे हैं, जिससे लोगों में भय व्याप्त हो गया है. उन्होंने 13 बेगुनाह लोगों पर लदे मुकदमों को खारिज करने और भूमि को पूर्णरूप से सार्वजनिक उपयोग के लिए रखने तथा अवैध तरीके से की गई पट्टा, खातेदारी व भूमि हस्तांन्तरण को निरस्त करने की मांग की.
मालपुर फला (हेला पीपला), सलूम्बर के निवासियों ने भी वन विभाग द्वारा प्रताड़ित करने के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए ज्ञापन दिया. उन्होंने बताया कि हमारे रोजमर्रा का रास्ता वन भूमि से होकर जाता है. पिछले दिनों वन विभाग ने इस वन भूमि पर दीवार बनाने का काम शुरू कर दिया है जिससे हमारा एक मात्र रास्ता बन्द हो जायेगा. सार्वजनिक उपयोग की इजाजत होने के बावजूद वन विभाग द्वारा गांव वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है. उक्त दीवार निर्माण के कार्य को अविलंब रोक लगनी चाहिए.
कार्यक्रम का नेत्त्व अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता का. चंद्रदेव ओला, का. गौतम मीणा, का. शंकरलाल चौधरी व का. शंकर आदि ने किया.