15 जनवरी 2020 को दरभंगा के लहेरियासराय स्थित पोलो मैदान के निकट धरनास्थल मैदान में ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ अभियान’ के बैनर तले एक विशाल जनसभा आयोजित हुई जिसे पार्टी नेता व ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव का. कविता कृष्णन ने मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित किया. मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी व कोलकाता से आई शायरा उरूसा अर्शी ने भी जनसभा को संबोधित किया और एनपीआर की सीढ़ी चढ़कर एनआरसी को लागू करने की फिराक में लगी मोदी सरकार को कड़ी चेतावनी दी. सभा का संचालन ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ अभियान’ के नेता रियाज खान कादरी और अध्यक्षता पूर्व पार्षद नफीसुल हक रिंकू ने किया.
सभा को संबोधित करते हुए का. कविता कृष्णन ने कहा कि आज देश में एनआरसी, सीएए, एनपीआर आदि को लाकर देश के वाजिब मुद्दों को दबाने का काम सरकार कर रही है. सरकार को देश की जनता चुनती है लेकिन एनआरसी, सीएए, एनपीआर आदि के तहत सरकार देश की जनता को चुनेगी, यह देश की जनता को कतई बर्दाश्त नहीं है. इस तरह के कानून से संविधान की हत्या की गई है, लोकतंत्र की हत्या हुई है और यह साफ-साफ मोदी-शाह के तानाशाही और लोकतंत्र विरोधी रवैया को दर्शाता है. का. कविता ने कहा कि आज देश के अंदर यह कानून सिर्फ अल्पसंख्यकों को नहीं, बल्कि करोड़ों-करोड दलितों और गरीब-गुरबों को भी एनआरसी के दायरे में ला सकता है. इसलिए इस काले कानून के खिलाफ सिर्फ मुस्लिम ही नहीं देश के सभी समुदायों के लोग साथ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं. जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाता है, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा.
का. कविता ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार चालाकी के साथ एनपीआर को लागू करवाने का काम कर रही है. एनपीआर ही एनआरसी का पहली सीढ़ी है. बिहार में एनपीआर करवाने से एनआरसी की पहली सूची बन सकती है. इसीलिए नीतीश कुमार को चाहिए कि बिहार में एनआरसी, एनपीआर, सीएए आदि जैसे कानून का विरोध करें. आज देश के अंदर अल्पसंख्यकों को आतंकवादी कहकर बदनाम किया जा रहा है लेकिन जेएनयू, जामिया, एएमयू आदि के अंदर जो नकाबपोश अपराधी घुसकर छात्रों व शिक्षकों पर हमला कर रहे हैं, उन पर आज तक क्यों नहीं कार्रवाई की गई, यह भी मोदी-शाह की सरकार को बताना चाहिए.
मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि आज देश के अंदर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. देश की हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब एक साथ मिलकर मोदी और शाह के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे. इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ लगातार आंदोलन जारी है, मैं देश में चल रहे तमाम आंदोलन को सलाम करता हूं, देश मोदी शाह के खिलाफ जाग उठा है. उन्होंने देश के हालात, सीएए और एनआरसी और दिल्ली के शाहीन बाग के लगातार धरना व आंदोलन को केंद्र में रखकर कई नज्में पढ़ी और अंत में लोगों से इस आंदोलन को तब तक जारी रखने की अपील की जब तक ये तानाशाह सरकार झुक न जाए.
शायरा उरूसा अर्शी ने कहा कि आज एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन चल रहा है. मोदी-शाह ने एक बार फिर देश को आंदोलन की आग में झोंकने का काम किया है. हम देशवासी एनआरसी, सीएए और एनपीआर को नहीं मानते हैं. मोदी सरकार को इस काले कानून को वापस ले वरना यह आंदोलन और तेज होगा.
जनसभा को अभियान के नेताओं रुस्तम कुरैशी, जहांगीर कुरैशी, विधायक अख्तर इस्लाम शाहीन, का. धीरेन्द्र झा, अब्दुस्सलाम (मुन्ना) खान, वकील मुमताज आलम, डा. अजित चौधरी, अमानुल्लाह (अल्लन) खान, पुट्टू खान, मकसूद आलम, पप्पू खान, मोहम्मद मार्शल, अमन नवाज खान, फरहत फातिमा, सबा परवीन तथा सहयोगी संस्थाओं इमारत-ए-शरिया के काजी शहर मुफ्ती अरशद रहमानी, अदारा-ए-शरिया के काजी-ए-कमिश्नरी मुफ्ती गफ्फार शाकिब, जमीयत अहले हदीस के मौलाना इरफान सल्फी, अंजुमन खुद्दाम-ए- मिल्लत के अल्हाज अजीमुद्दीन उर्फ मोईन कुरैशी, जिला मुहर्रम कमिटी के अध्यक्ष सिबगतुल्लाह (डब्बू) खान, अंजुमन कारवां ए मिल्लत के रेयाज खान कादरी, इंसाफ मंच के नेयाज अहमद, भीम आर्मी के भोला पासवान, जमात ए इस्लामी के मास्टर नजीर अहमद, भाकपा के अहमद अली तमन्ने, मिथिला समाजवादी शक्ति के डा. इमामुल हक, आल इंडिया जमीयतुल कुरैश के रुस्तम कुरैशी, एसडीपीआई के अधिवक्ता नूरुद्दीन जंगी, अंसारी महापंचायत के अर्शी अंसारी, राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के वसी अहमद अंसारी, माकपा के अविनाश कुमार ठाकुर, आइसा के संदीप कुमार चौधरी के नाम शामिल हैं.
– प्रिंस राज