9 मार्च 2020 को लालकुआं (बिंदुखत्ता) स्थित भाकपा(माले) कार्यालय में जनसंघर्षों के अगुआ नेता व पार्टी के पूर्व राज्य कमेटी सदस्य कामरेड मान सिंह पाल को उने स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि देते हुए बिंदुखत्ता के ऐतिहासिक भूमि संघर्ष व अन्य क्षेत्रों की मेहनतकश जनता के विभिन्न आंदोलनों में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका को याद किया गया.
राज्य सचिव का. राजा बहुगुणा ने कहा कि का. मान सिंह पाल सदैव शोषित-पीड़ित वर्ग के पक्ष में खड़े रहे. सत्ता की अवसरवादी राजनीति के विरुद्ध हमेशा क्रांतिकारी संघर्षों की राजनीति के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की. इसीलिए वे हमेशा जनता की आवाज बने रहे. उनकी सबसे बड़ी खूबी निरंतर जनता से व्यापक संवाद कायम करना था. उनमें जनता को गोलबंद करने की अदभुत क्षमता थी. क्रांतिकारी संघर्ष के रास्ते को बुलंद करते हुए जनता के बुनियादी सवालों पर लड़ाई को तेज करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
उन्होंने कहा कि एनआरसी और एनपीआर बिंदुखत्ता और खत्तों में रहने वाले लोगों के लिए नया संकट पैदा करेगी. खत्तावासी, गरीब, भूमिहीन, दलित, आदिवासी इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. गरीबों के पास नागरिकता साबित करने वाले कागज और सभी खत्तावासियों के पास जमीन के मालिकाना हक के कागजात भी नहीं हैं. 1 अप्रैल से शुरू हो रही गरीब विरोधी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का बहिष्कार ‘कागज नहीं दिखायेंगे, संविधान हम बचायेंगे’ नारे के साथ किया जाना ही इसका माकूल जवाब और देशभक्ति का तकाजा है. आनन्द सिंह नेगी, विमला रौथाण, ललित मटियाली, भुवन जोशी, आनन्द सिंह सिजवाली, स्वरूप सिंह दानू, हरीश भंडारी, नैन सिंह कोरंगा, पुष्कर दुबड़िया, कमल जोशी, चंदन राम, निर्मला शाही, ललित जोशी, सुधा देवी, हरक सिंह, जगत राम, आदि भी मौजूद रहे.