नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर डैम की ऊंचाई बढ़ाकर उसके रिजर्वायर में अधिक जल लाये जाने के चलते अतिरिक्त 32,000 परिवारों के घर और जमीन डूब क्षेत्र में आ जाएंगे. इन निवासियों की आजीविका, घर बचाने के लिए, उनको सर्वाेच्च अदालत के कानूनों, पुनर्वास नीतियों के अनुसार डूब से पहले उनके पुनर्वास के लिए 25 अगस्त से मेधा पाटकर व 8 विस्थापित नर्मदा नदी के किनारे स्थित छोटा बर्दा गांव, जिला बड़वानी, मध्यप्रदेश में भूख हड़ताल पर है. गत 2 सितम्बर 2019 को अनशनकारी मेधा पाटकर की हालत बिगड़ी है. भाकपा(माले) डूब प्रभावित इन 32,000 परिवारों के लिये सुरक्षित घर, जमीन और आजीविका की व्यवस्था किये जाने के पहले डूब क्षेत्र बढ़ाने का विरोध करते हैं और अनशनरत मेधा पाटकर एवं अन्य विस्थापित साथियों के साथ एकजुटता का इजहार करती है.