“बंगाल में सवाल टीएमसी को नहीं, भाजपा को रोकने का था”


– दीपंकर भट्टाचार्य

[ पश्चिम बंगाल में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में वामपंथी दलों को खाली हाथ रहना पड़ा. वहीं भाजपा की सीटों की संख्या 3 से बढ़कर 77 हो गई. इसकी वजहें क्या रही हैं और कोरोना महामारी के मद्देनजर देश में किस तरह की राजनीति की आवश्यकता है, इन सभी सवालों को भाकपा(माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य से नवल किशोर कुमार ने दूरभाष पर बातचीत की. हम इस वार्ता को यहां पेश कर रहे हैं – सं.]

… … … जो लड़ै दीन के हेत : किसान नेता रुल्दू सिंह मानसा

 

– एडवोकेट बलकरण सिंह बल्ली

मौजूदा किसान आंदोलन के जाने-माने नेता रुल्दू सिंह मानसा नौजवानी में ही किसान संघर्ष में कूद पड़े थे.

मानसा से आने वाले प्रख्यात किसान नेता रुल्दू सिंह मानसा पिछले चार दशकों से पंजाब के सभी प्रमुख किसान आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं. अभी वे मोदी सरकार द्वारा पारित किये गये किसान विरोधी कृषि कानूनों को रद्द करने के लिये चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन में केन्द्रीय भूमिका निभा रहे हैं.

गांधी जी के प्रपौत्र तुषार गांधी से साक्षात्कार के अंश

[श्री तुषार गांधी “लेट्स किल गांधी: ए क्राॅनिकल ऑफ हिज लास्ट डेज, द कांस्पिरेसी, मर्डर इन्वेस्टिगेशन एंड ट्रायल” के लेखक हैं.