उत्तर प्रदेश में भाकपा(माले) के वरिष्ठतम कार्यकर्ताओं में से एक मऊ जनपद के कामरेड अखिलानंद पांडेय का 23 अप्रैल को निधन हो गया. वह लगभग 87 वर्ष के थे. कामरेड अखिलानंद पांडेय सन 1952 से ही कम्युनिस्ट आंदोलन से जुड़ गए थे. बाद में नौकरी में गये किन्तु सरकारी नौकरी में रहते हुए भी कम्युनिस्ट पार्टी और आंदोलन में सक्रिय रहे. 90 के दशक में जब मऊ जनपद में भाकपा(माले) के कामकाज की शुरुआत हुई तो उन्होंने सोचने में एक पल भी नहीं लगाया और पार्टी से जुड़ गए. तब से लेकर आज अंतिम सांस लेने तक वे न केवल पार्टी के सदस्य रहे बल्कि हर गतिविधि में सक्रिय तौर पर शामिल रहे. कामरेड पांडेय जब तक हमारे बीच रहे अपनी पेंशन का एक बड़ा हिस्सा पार्टी को देते रहे. कामरेड अखिलानंद के अंदर जो जीवट था और सामाजिक-राजनीतिक बदलाव और उसकी अगुवा पार्टी भाकपा(माले) के प्रति जो प्रतिबद्धता थी, उससे हमेशा हमारे आंदोलन एवं पार्टी को प्रेरणा मिलती रहेगी. कामरेड अखिलानंद पांडेय हमारे संघर्षों में हमेशा हमारे साथ रहेंगे. अलविदा कामरेड. क्रान्तिकारी लाल सलाम!