‘समकालीन लोकयुद्ध’ के सभी वार्षिक ग्राहकों से खेद सहित कहना है कि लाॅकडाउन की वजह से हम बीते साल में कई अंकों का प्रकाशन नहीं कर पाए. इस वजह से ग्राहकों को उनसे वंचित होना पड़ा. बीते साल में हम इसके कुल 38 अंक प्रकाशित का पाए. हम उनसे पुनः नये वार्षिक ग्राहक बनने / बनाने का अभियान तेज करने और प्रकाशन के 30वें वर्ष में पहुंच चुके ‘समकालीन लोकयुद्ध’ को अपना बहुमूल्य सहयोग देते रहने की अपील करते हैं. – सं.