मोदी सरकार ने सबसे पहले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया. ‘अर्बन नक्सल’ का दुष्प्रचार करके कई लोगों को जेल में बंद कर दिया. उसके बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति के मुख्यधारा के कई नेताओं को घर में नजरबंद कर दिया गया. अब देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के मुख्य नेता को टारगेट किया जा रहा है. ये सारे लक्षण बतलाते हैं कि देश आज पूरी तरह से अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है, जो देश के लोकतंत्र व संविधान के लिए बेहद खतरनाक है.
– दीपंकर भट्टाचार्य, महासचिव, भाकपा(माले)