वर्ष - 28
अंक - 32
27-07-2019

बाढ़ राहत के लिए सड़क जाम व धरना-प्रदर्शन

‘बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करो’ और ‘बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत का प्रबंध करो’ की मांग के साथ मुशहरी (मुजफ्फरपुर) के बाढ़ प्रभावित शेखपुर ढाब, रजवाड़ा, डुमरी, बुधनगरा, कन्हौली, छींट भगवतीपुर तथा अन्य क्षेत्रों के सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों ने विगत 23 जुलाई को मुशहरी प्रखंड पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं व मजदूर-किसान शामिल थे। प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी को मांग-पत्र प्रस्तुत कर बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने, बाढ़ प्रभावित गांव-टोलों में पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था करने, जीवनोपयोगी वस्तुओं – भोजन, पीने का पानी व तिरपाल आदि की व्यवस्था करने, मेडिकल कैंप लगाने, पशु चारा की व्यवस्था करने तथा सबों के बैंक खाता में अविलंब राहत कोष भेजने पर जोर दिया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व का. शत्रुघ्न सहनी, का. परशुराम पाठक, का. विश्वनाथ ठाकुर, का. मुन्ना रजक, का. दिनेश सहनी, का. नरेश चौधरी तथा उत्तम कुमार निराला आदि नेताओं ने किया.

दरभंगा जिले के सभी प्रखंड बाढ़ की पानी से घिरे हुए हैं. यहां तक कि शहर के कई वार्डों में भी बाढ़ का पानी फैल गया है. राज्य सरकार बाढ़ के दौरान नाव का प्रबंध करती थी. लेकिन इस बार सरकारी नाव कहीं नहीं दीख रही है. बाढ़ पीड़ितों को इस वजह से भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के पूर्वी हिस्से में स्थित बिरौल अनुमंडल के सभी प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं. प्रशासन की उदासीनता, और बाढ़ पीड़ित से अनदेखी को लेकर बाढ़ पीड़ित आक्रोशित थे. इसे देखते हुए विगत 22 जुलाई को बिरौल अनुमंडल के सभी 5 प्रखंड मुख्यालयों पर बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत की मांग पर प्रदर्शन आयोजित किया गया.

का. राम किसुन साह तथा का. बिन्दे सदा ने बिरौल, का. मोहम्मद जमालुद्दीन व का. मनोज यादव ने घनश्यामपुर-किरतपुर तथा का. आशा देवी, का. रामप्रसाद राम व राजेन्द्र राम ने गौराबौराम प्रदर्शन का नेतृत्व किया. कुशेश्वरस्थान में सैकड़ो बाढ़ पीड़ितों का नेतृत्व का.  बैद्यनाथ यादव, का. लालो पासवान और का. रीता देवी ने किया. हायाघाट प्रखंड के कुछ पंचायतों में बाढ़ आई हुई है. लेकिन यहां कोई राहत कार्य नहीं चल रहा हैं. बाढ़ पीड़ितों के आक्रोश को संगठित करते हुए प्रखंड सचिव का. विश्वनाथ पासवान, संतोष यादव और फूलो देवी के नेतृत्व में प्रखंड मुख्यालय पर आक्रोशपूर्ण धरना दिया गया. प्रखंड सचिवों का. अवधेश सिंह और का. राजेन्द्र दास के नेतृत्व में अलीनगर और बेनीपुर प्रखंडों के बाढ़ पीड़ितों को संगठित कर बेनीपुर अनुमंडल मुख्यालय पर धरना दिया गया.  हनुमान नगर के बहपत्ति गांव में नाव चलाने के दौरान मुंशी सहनी की बिजली के करेन्ट की चपेट में आने से मौत हो गई. प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाने से गुस्साये ग्रामीणों ने भाकपा(माले) के बैनर तले सड़क जाम किया. तब जाकर जिलाधिकारी ने मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये का अनुदान दिया.

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25 जुलाई को बहादुरपुर प्रखंड के तारालाही, पिरडी व ओझौल के हजारों बाढ़ पीड़ितों ने भाकपा(माले) के बैनर तले आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया और प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट को जाम कर दिया. प्रदर्शन का नेतृत्व भाकपा(माले) के प्रखंड सचिव का. अभिषेक कुमार, खेग्रामस जिलाध्यक्ष जंगी यादव, गणेश महतो, पूर्व प्रमुख हरि पासवान, विनोद सिंह आदि ने किया। देर शाम को बहादुरपुर के बीडीओ व सीआई से आन्दोलनकारियों की सकारात्मक वार्ता के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ.

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25 जुलाई को कटिहार के प्राणपुर में बाढ़ पीड़ितो ने भाकपा(माले) के बैनर तले ने मनिया चौक से बस्तोल चौक तक 6 किमी पदयात्रा की और वहां पहुंचकर स्टेट हाइवे-81 को 5 घंटों तक जाम कर दिया. 19 जुलाई को ही प्राणपुर में बाढ़ का तांडव जारी है. भाकपा(माले) का. प्रदीप कुमार राय व आइसा नेता काजिम इरफानी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने कटिहार डीएम या एसडीओ को जाम स्थल पर बुलाने की मांग की. सड़क जाम में घंटों फंसे रहे बारसोई न्यायालय के न्यायाधीश को उल्टे पांव लौटना पड़ा। प्राणपुर अंचलाधिकारी ने  5-सुत्री मांगों को पूरा करने के आश्वासन दके साथ जाम को हटवाया.

बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत संग्रह

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उत्तर बिहार के करीब दर्जन भर जिलों में प्रलयंकारी बाढ़ से पीड़ितों के लिए किए गए आह्वान का पालन करते हुए बिहार के विभिन्न जिलों में दर्जनों स्थानों पर कई दिनों तक बाढ़ राहत संग्रह अभियान चला. पार्टी नेताओं व कार्यकर्त्ताओं ने तत्परतापूर्वक इसमें हिस्सा लिया. बिहार की राजधानी पटना के अलावा आरा, बिहारशरीफ, गया, दरभंगा, मधुबनी, अरवल व जहानाबाद जैसे प्रमुख शहरों के साथ ही भोजपुर जिले के कोईलवर, जगदीशपुर, गड़हनी, पीरो, सहार, तरारी, सुंदेश, अगिआंव, राजधानी के पटना सिटी, पटना ग्रामीण जिले के धनरूआ, नौबतपुर, फुलवारीशरीफ और पालीगंज जैसे छोटे शहरों व कस्बों में राहत संग्रह के लिए टोलियां निकलीं. इस दौरान छोटे-बड़े दूकानदारों, नौकरीपेशा लोगों, किसानों व दिहाड़ी मजदूरों ने भी बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत संग्रह में खुले दिल से योगदान किया.

भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य व तरारी विधायक का. सुदामा प्रसाद, केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. मनोज मंजिल, किसान नेता चंद्रदीप सिंह, राज्य कमेटी सदस्यों – का. संजय व नवीन कुमार तथा आरा नगर सचिव दिलराज प्रीतम (भोजपुर), नगर सचिव का. अभ्युदय, राज्य कमेटी सदस्यों - का. अनिता सिन्हा व समता राय (पटना), जिला सचिव का. महानंद व राज्य कमेटी सदस्य जीतेन्द्र कुमार (अरवल), जिला सचिव का. निरंजन व राज्य कमेटी सदस्य का. रीता वर्णवाल (गया), केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. गोपाल रविदास और राज्य कमेटी सदस्यों का. सुधीर सिंह व सत्यनारायण प्रसाद (पटना ग्रा.) आदि समेत पूरे राज्य में पार्टी की जिला कमेटियों व प्रखंड कमेटियों के सदस्यों व खेग्रामस, किसान सभा, ऐक्टू, आइसा, इनौस व ऐपवा आदि जनसंगठनों के नेताओं ने इस अभियान में प्रत्यक्षत भागीदारी की. भाकपा(माले) के तीनों विधायकों ने भी अपने वेतन से बाढ़ राहत कोष में योगदान दिया.