किथना (हरियाणा) में संडल रोड पर ओम शांति ईंट भट्ठा कंपनी में अनेक मजदूरों को पिछले 10 दिनों से बंधुआ बनाकर उनसे काम करवाया जा रहा था. ऐक्टू से संबद्ध हरियाणा राज्य लाल झंडा भट्ठा मजदूर यूनियन की पहलकदमी से 27 जून 2019 को उन मजदूरों को आजाद करवाया गया.
भाकपा(माले) के पार्टी राज्य प्रभारी प्रेम सिंह गहलावत ने कहा कि हरियाणा में भट्ठा मजदूरों की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. भट्ठा मालिक उन्हें मजदूरों को हर दिन धमकियां देते रहते हैं और उनसे काम करवाकर उचित मजदूरी दिए बगैर उन्हें काम से भगा देते हैं. हांसी, रोहतक तथा कुरूक्षेत्र और अब किथना (कैथर जिला) तथा छत्तर गांव (जिंद) में हुई घटनाएं भट्ठा मालिकों की गुंडागर्दी की मिसालें हैं. हरियाणा प्रदेश लाल झंडा मजदूर यूनियन ने हांसी और रोहतक जिले में इस वर्ष की शुरुआत में संघर्ष चलाकर अनेक भट्ठा मजदूरों को आजाद कराया. 27 जून को ऐक्टू की कोशिशों को सफलता मिली और प्रशासन की मदद से किथना के भट्ठा मजदूरों को मुक्त कराया जा सका और उनकी वाजिब मजदूरी भी दिलाई गई. भाकपा(माले) के स्थानीय नेता का. विनोद दधौली, ओम प्रकाश आर्य और सुखविंदर सिंह इस मौके पर मौजूद थे.
हाल की एक अन्य घटना करनाल जिले में निसिंग थाना स्थित परमाल भट्ठा कंपनी की है, जहां भट्ठा मालिक और प्रबंधन ने मिलकर दलित मजदूरों को बंधुआ बना रखा था. 30 नवंबर 2018 से लेकर 26 जून 2019 तक इस कंपनी के लिए काम करने वाले मजदूरों ने ऐक्टू से संबद्ध इस यूनियन के पास शिकायत की. ऐक्टू की पहल पर ये मजदूर अपने चार ट्रैक्टरों के साथ मुक्त हो गए.