वर्ष - 28
अंक - 26
15-06-2019

उत्तराखंड राज्य के टिहरी जनपद के जौनपुर क्षेत्र में 9 वर्षीय दलित बालिका के साथ हुए बलात्कार के बाद स्थानीय सवर्ण जाति की ग्राम पंचायत के दबंगों, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन व प्रदेश सरकार की भूमिका के खिलाफ भाकपा(माले) द्वारा 7 जून 2019 को एकदिवसीय प्रतिवाद धरना अम्बेडकर पार्क, हल्द्वानी में किया गया.

बलात्कार के बाद स्थानीय पंचायत से लेकर प्रदेश सरकार तक की भूमिका पर दुःख व आक्रोश व्यक्त करते हुए भाकपा(माले) के राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि बलात्कार पीड़ित बालिका को देहरादून अस्पताल से तीन घंटे बाद ही अस्वस्थ स्थिति में डिस्चार्ज करवा कर अपराधी के संग एक ही जीप में सैकड़ों किलोमीटर घुमाकर जो अमानवीय उत्पीड़न किया है उसका दूसरा दृष्टांत मिलना असंभव है.

उन्होंने कहा कि पीड़िता की ग्राम पंचायत के सवर्ण दबंगों ने पीड़िता के परिवार पर पुलिस में रिपोर्ट न लिखाने के लिए जो दबाव बनाया वह इस क्षेत्र में सवर्ण सामंती धाक जमाने का बहुत ही घृणित उदाहरण है. यह वही क्षेत्र है जहां कुछ समय पहले एक दलित युवा को सवर्ण जाति के दबंगों ने पीट-पीट कर इसलिए मौत के घाट उतार दिया कि वह उनके समक्ष एक विवाह पार्टी के दौरान कुर्सी पर बैठकर भोजन करने की हिमाकत कर बैठा.

पीड़िता की मां ने यह भी खुलासा किया है कि 4 वर्ष पहले इसी गांव में सवर्ण सामंती दबंगों ने एक लड़की के साथ बलात्कार व हत्या कर अपनी दबंगई से उस प्रकरण को रफा दफा कर दिया था. जौनपुर के एक खास इलाके में एक के बाद एक दलित उत्पीड़न की जो बर्बर घटनाएं घट रही हैं यह बिना सत्ता प्रतिष्ठान व राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है.

अंबेडकर पार्क हल्द्वानी में संपन्न प्रतिवाद धरने के माध्यम से ज्ञापन भेजकर राज्य के मुख्यमंत्री से मांग की गई:

 (1) गैर जिम्मेदाराना हरकत करने वाले पुलिस व अन्य स्टाफ को बर्खास्त कर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाए, क्योंकि गैर कानूनी ढंग से बयान दिलाने के बहाने अकल्पनीय उत्पीड़न किया गया है, जबकि कानूनन पीड़िता का बयान मौके पर ही जाकर दर्ज किया जाना चाहिए था. (2) बच्ची के इलाज में पुलिस के दबाव में कोताही करने वाले स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी/कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. (3) पीड़िता व उसके परिवार को सामाजिक-आर्थिक संरक्षण दिया जाए. पीड़ित बच्ची के अपने पांव में खड़े हो स्वावलंबी बनने तक की राज्य सरकार गारंटी करे. (4) उक्त क्षेत्र के सवर्ण सामंती दबंगों को एससी-एसटी ऐक्ट में गिरफ्तार कर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए ताकि प्रदेश में सवर्ण सामंती श्रेष्ठता की धाक जमाने वाली शक्तियों के हौसले पस्त हो सकें. (5) प्रदेश सरकार दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगाए तथा जातिवादी अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण देना बंद किया जाए. (6) जौनपुर क्षेत्र में बालिका बलात्कार व सभी दलित उत्पीड़न की घटनाओ की न्यायिक जांच करवाई जाए.

इस अवसर पर माले के वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, आनंद सिंह नेगी, डा. कैलाश पाण्डेय, अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जी.आर. टम्टा, सुन्दर लाल, एडवोकेट संजय बघरवाल, विमला रौथाण, रूबी भारद्वाज आदि दर्जनों नेता मौजूद रहे.