बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) पूर्वी चंपारण का दूसरा जिला सम्मेलन बंगला हाई स्कूल के प्रांगण में 3 मार्च को संपन्न हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए संघ की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे ने चालीस दिन चली हड़ताल में पूर्वी चंपारण के रसोइयों की भूमिका के लिए बधाई दी और हड़ताल से उत्पन्न माहौल की सांगठनिक दायरे में खींच लाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने हिस्से का आज तक एक पैसा भी नहीं बढ़ाया अतः उसे आगामी चुनाव में हराने के लिए रसोइयों को आगे आना होगा. मुख्य वक्ता भाकपा (माले) केंद्रीय कमेटी सदस्य का. वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि पूर्वी चंपारण में रसोइया एक राजनीतिक ताकत के रूप में खड़ा हो रहा है. इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है. रसोइयों को समाज में चल रहे अन्य तबकों के आंदोलन के साथ भी जुड़ना चाहिए. उद्घाटन सत्र को अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के जिला सचिव, निर्माण मजदूर यूनियन के राजेश कुशवाहा ने भी संबोधित किया.
कामकाज की रिपोर्ट विदाई कमेटी के सचिव दिनेश प्रसाद कुशवाहा ने रखा. संचालन कुमांती देवी व फरीदा खातून ने किया. 43 सदस्यीय कमेटी के मुख्य संरक्षक भूपेंद्र लाल, अध्यक्ष कुमांती देवी, उपाध्यक्ष विष्णुदेव यादव, सचिव दिनेस प्रसाद कुशवाहा, सह सचिव शांति देवी, कोषाध्यक्ष छविलाल महतो चुने गए. इसके अलावा 5 उपाध्यक्ष व चार सह सचिव चुने गए. कुल 19 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव भी हुआ.
सम्मेलन में चुनाव में रसोइया विरोधी ताकतों को हराने के लिए सक्रिय प्रचार-प्रसार करने, 5000 सदस्य भर्ती करने, सभी प्रखंडों में ढांचा बनाने, समस्याओं पर आंदोलन तेज करने, रसोइयों के बीच शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए शिविर आयोजित करने जैसे राजनीतिक-सांगठनिक प्रस्ताव पारित किए गए.