8 मार्च को ही गोहद (जिला भिंड, मध्यप्रदेश) निवासी का. मोहम्मद खान भारैया की ब्रेन हेमरेज होने की वजह से मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु का समाचार पाते ही का. देवेंद्र सिंह चैहान, का. नदीम एवं सूरज रेखा त्रिपाठी उनके निवास स्थान पहुंचे. उनके पार्थिव देह पर लाल झंडा चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि और अंतिम विदाई और दी गई. उनकी शव यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया.
मोहम्मद खान भारैया 1950 के दशक से कम्युनिस्ट आंदोलन में सक्रिय रहे. पार्टी के विभाजन के बाद 1964 में सीपीएम में सम्मिलित हुए और 70 के दशक में सीपीएम को छोड़कर सीपीआई (एमएल) के सदस्य बने उन्होंने आईपीएफ के स्थापना सम्मेलन, 2013 के पार्टी महाधिवेशन, खेग्रामस के स्थापना सम्मेलन (भोजपुर) और अखिल भारतीय किसान महासभा के मानसा किसान अधिवेशन का प्रतिनिधि बने थे. क्रांति के प्रति उनमें अटूट आस्था थी और वे अंतिम सांस तक क्रांतिकारी बने रहे.