जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड, दोनों राज्य सरकारों की ओर से हुई आपराधिक लापरवाही के खिलाफ व राज्य में इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार उत्तराखंड के आबकारी मंत्री प्रकाश पंत तथा हरिद्वार जिले के जिलाधिकारी व एसएसपी को बर्खास्त किये जाने व अवैध शराब व स्मैक समेत हर प्रकार के नशे पर रोक लगाने की मांग पर भाकपा(माले) द्वारा लालकुआं तहसील कार्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया गया।
धरने को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) के राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि जहरीली शराब पीने से हुई दुःखद मौतों का आंकड़ा सौ की संख्या को भी पार कर गया है। अवैध शराब का धंधा उत्तराखंड में जोरों से चल रहा है और अब जबकि चुनाव आने वाले हैं, इसके घटने के बजाय इसमें बढ़ोतरी ही होनी है। राजनीतिक संरक्षण के बिना उत्तराखंड में अवैध शराब का चौतरफा बढ़ना सम्भव नहीं है। अवैध शराब के कारोबारियों को सत्ता का सीधा संरक्षण हासिल है। उत्तराखंड में अवैध शराब का कारोबार सभी जगहों, सभी जिलों, कस्बों, गांवों में फैला हुआ है। सरकार, प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे चल रहा अवैध शराब का कारोबार नीचे से ऊपर तक के भ्रष्ट तंत्र के संरक्षण के बिना चलना सम्भव नहीं है। अन्यथा शराब माफिया पर रोक लगती और इस अवैध कारोबार में लगे लोग दंडित होते।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब पीने की इतनी बड़ी दुर्घटना घट जाने के बाद भी राज्य सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है। इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार आबकारी मंत्री व हरिद्वार जिले के जिलाधिकारी, एसएसपी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कुछ छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाही कर इतिश्री कर ली गई है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों में ही भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन जिम्मेदारी तय करने के बजाय योगी सरकार तो इस दुर्घटना में राजनीतिक षड्यंत्र ढूंढ रही है। धरने को वरिष्ठ माले नेता बहादुर सिंह जंगी, नैनीताल जिला सचिव कैलाश पाण्डेय व बसंती बिष्ट ने भी सम्बोधित किया।
धरने के उपरांत मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा गया। धरने में विमला रौथाण, नैन सिंह कोरंगा, स्वरूप सिंह दानू, राजेंद्र शाह, गोविंद सिंह जीना, सुरमा देवी, सुधा देवी, पार्वती देवी आदि लोग शामिल रहे। धरने पर हुई सभा का संचालन बिन्दुखत्ता सचिव ललित मटियाली ने किया।
- ललित मटियाली