भाकपा(माले) एवं अन्य वामपंथी कार्यकर्ताओं ने पंजाब के गुरदासपुर जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के कार्यालय के सामने 11 फरवरी 2019 को एक प्रतिवाद संगठित किया, जिसके जरिये पिछले महीने पंचायत चुनाव के दौरान कामरेड गुरमीत सिंह बख्तपुरा पर हुए जानलेवा हमले की घटना के दौरान और उसके बाद भी पुलिस द्वारा जानबूझकर निष्क्रियता बरते जाने के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया गया. यह घटना 30 दिसम्बर 2018 को गुरदासपुर जिले की कलानौर पंचायत के नड्ढावाली गांव में घटित हुई थी जब कामरेड गुरमीत पंचायत चुनाव के दौरान शासक पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा बूथ कैप्चरिंग किये जाने के खिलाफ प्रतिरोध कर रहे थे. वाम नेताओं ने पंजाब सरकार की तीव्र निंदा करते हुए कहा कि पुलिस को शासक पार्टी के हाथों का मुहरा बना दिया गया है. वाम कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में मार्च किया और अंत में एसएसपी के कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने कामरेड गुरमीत पर हमला करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उनकी सम्पत्ति की कुर्की करने की मांग की.
इस प्रतिवाद कार्यक्रम में भाकपा(माले), भाकपा, माकपा, रिवोल्यूशनरी मार्कसिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (आरएमपीआई) और किरती किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस और शासक कांग्रेस पार्टी के बीच सांठगांठ के खिलाफ एकजुटता का इजहार किया. उन्होंने कहा कि कामरेड गुरमीत पर हमले की घटना जनता के वोट देने के अधिकार पर हमला है. उन्होंने उन कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार करने की मांग की जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया था. उन्होंने पुलिस प्रशासन की भी निंदा की, जो अब कांग्रेसी एजेन्ट के रूप में काम कर रहा है.