पिछले अंक में हमने 9 अगस्त को आयोजित देशव्यापी ‘जेल भरो’ अभियान की तत्काल मिली खबरें प्रकाशित की थीं. इस बार हम यहां बाद में मिली शेष खबरें दे रहे है.

उत्तर प्रदेश:

कर्जमुक्ति, फसल लागत का ड्योढ़ा दाम, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर अमल, बंटाईदारों के हक में कानून निर्माण आदि मांगों पर अखिल भारतीय किसान महासभा के देशव्यापी ‘जेल भरो’ आह्वान पर ‘भारत छोड़ो’ दिवस 9 अगस्त को उत्तर प्रदेश में करीब 5000 किसानों और खेत मजदूरों ने गिरफ्तारी दी.

गाजीपुर में 1000, मिर्जापुर में 500, चंदौली में 500, लखीमपुर खीरी में 400, फैजाबाद में 400, देवरिया में 300, बांदा में 300, बलिया में 300, जालौन में 200, सीतापुर में 200, भदोही में 150, मऊ में 150, रायबरेली में 114, सोनभद्र में 100, मथुरा में 100, लखनऊ में 50, पीलीभीत में 50, मुरादाबाद में 100, आजमगढ़ में 40 और गोरखपुर में 30 की संख्या में गिरफ्तारी हुई. प्रशासन द्वारा बाद में सभी को रिहा कर दिया गया. प्रदेश में खेत व ग्रामीण मजदूर सभा ने भी आंदोलन को अपना सक्रिय समर्थन देने की घोषणा की थी.

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गिरफ्तारी देने से पहले जिला मुख्यालयों पर मार्च निकाला गया और सड़क पर सभा हुई. किसान नेताओं ने इस मौके पर कहा कि मोदी सरकार द्वारा हाल में घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा उसे स्वामीनाथन आयोग के अनुरूप बताना किसानों की आँखों में धूल झोंकने के बराबर है. वक्ताओं ने देवरिया में मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह जैसी घिनौनी घटना होने पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के इस्तीफे की मांग की.

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जेल भरो आंदोलन के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में उपरोक्त मांगों के अतिरिक्त कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने, कुल उपज की सरकारी खरीद और वक्त पर भुगतान की गारंटी करने, गन्ना बकाये का जल्द भुगतान करने, मनरेगा में 200 दिन काम और 500 रु मजदूरी देने और भूमिहीनों को खेती-आवास के लिए भूमि देने की मांग प्रमुख रूप से उठाई गई.

प्रदेश में जिन प्रमुख नेताओं ने गिरफ्तारी दी, उनके नाम और गिरफ्तारी देने की जगह निम्न है: भाकपा(माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव (रॉबट्र्सगंज, सोनभद्र), ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी (लखीमपुर खीरी), किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण (आजमगढ़) व सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा और माले राज्य स्थायी समिति सदस्य रामप्यारे (गाजीपुर), माले नेता लाल साहब और खेग्रामस प्रदेश अध्यक्ष श्रीराम चौधरी (बलिया) व सचिव राजेश साहनी (गोरखपुर), किसान महासभा राज्य उपाध्यक्ष अफरोज आलम (रायबरेली), माले जिला सचिव शशिकांत कुशवाहा व खेग्रामस नेता अनिल पासवान (चंदौली), ऐपवा नेता जीरा भारती (मिर्जापुर), माले राज्य कमेटी सदस्य अर्जुनलाल (सीतापुर), वसंत (मऊ), रामभरोस (फैजाबाद), श्रीराम कुशवाहा, प्रेमलता पांडेय व रामकिशोर वर्मा (देवरिया), देवाशीष (पीलीभीत), माले जिला सचिव रंजीत यादव (भदोही), राजीव कुशवाहा (जालौन), रामप्रवेश यादव (बांदा), नासिर साह (मथुरा) व रोहिताश कुमार (मुरादाबाद). राजधानी लखनऊ में माले जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर के नेतृत्व में पार्टी, ऐपवा, आइसा और निर्माण मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने किसान मांगों के समर्थन में परिवर्तन चौक पर गिरफ्तारी दी.

झारखंड

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्नान पर 9 अगस्त 2018 को साम्राज्यवाद विरोधी दिवस और विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जेल भरो अभियान को सफल करने के लिए झारखंड में भी अखिल भारतीय किसान महासभा व भाकपा माले के नेतृत्व में विभिन्न जिलों में जेल भरो आंदोलन किए गए.                                                                

गढ़वा में किसान महासभा व भाकपा(माले) के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने जेल भरो अभियान के तहत इंदिरा गांधी पार्क से समाहरणालय तक मार्च निकाला. मार्च में किसानों की सम्पूर्ण कर्ज माफी, वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 का किसानों का बकाया बीमा राशि का भुगतान करो, वैकल्पिक खेती के लिए किसानों को निःशुल्क खाद-बीज उपलब्ध कराओ, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक वापस लो, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करो आदि नारे लग रहे थे

जेल भरो अभियान को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला सचिव कालीचरण मेहता ने कहा कि पूरे देश के अन्नदाता किसानों ने पिछले चार वर्षों में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं की हैं और सरकार कहती है कि किसानों की आय दुगुनी हो गई है, जो सफेद झूठ है. इस झूठ का व्यापक पर्दाफाश करने वाले पत्रकारों को न्यूज चैनल से इस्तीफा देना पड़ा है. उन्होंने कहा कि गोड्डा में किसानों की बहुफसली जमीन छीन कर अडानी समूह को दी जा रही है, और किसान जब विरोध करते है तो अडानी समूह के अधिकारी कहते है कि इसी जमीन में गाड़ देंगे. देश में आज भीड़तंत्र के द्वारा अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, दलितों पर हमला भाजपा और आर एस एस के लोग सुनियोजित ढंग से कर रहे हैं. ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ का नारा देने वाली भाजपा के नेता कार्यकर्ता बेटियों की अस्मत लूट रहे है और लुटेरों को संरक्षण दे रहे हैं. जेल भरो कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि गढ़वा जिले में 54,000 हेक्टेयर भूमि में धान फसल लगाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन 20 प्रतिशत भी धान की रोपनी नहीं हुई है, अरहर, तिलहन फसलें सूख गई हैं. किसानों के प्रति हेक्टेयर खेती करने में 20,000 रुपये से ज्यादा खर्च हो गए लेकिन जिला प्रशासन ने अबतक किसानों के हित में कोई कदम नहीं उठाया. किसानों को अविलंब बीमा राशि का भुगतान किया जाय और वैकल्पिक खेती के लिए निःशुल्क खाद-बीज उपलब्ध कराया जाय. कार्यक्रम के अंत में स्थानीय मांगों समेत मुख्य मांगों से सम्बंधित 10-सूत्री मांगपत्र प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त गढ़वा को सौपा गया. इस अवसर पर सुषमा मेहता, अख्तर अंसारी, वीरेंद्र चौधरी, नान्हू सिंह, लालमुनि गुप्ता, ओमप्रकाश उराँव आदि मौजूद थे.

‘जेल भरो आंदोलन’ को लेकर गिरिडीह शहर में सड़कों पर मार्च करते हुए गिरिडीह जिलाधिकारी के समक्ष गिरफ्तारी देने के लिए प्रदर्शन किया. बगोदर में भाकपा(माले) और किसान सभा ने किसान भवन से लेकर समूचे बाजार में मार्च निकाला और जीटी रोड चौराहे को डेढ़ घंटे तक जाम कर सभा की. विभिन्न वक्ताओं ने मुख्य तौर पर गेल गैस पाइप लाइन कंपनी द्वारा नियमानुसार किसानों को मुआवजा देने और मुजफ्फरपुर से लेकर देवरिया तक बच्चियों के सता संरक्षित बलात्कार के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा की मांग की. बाद में सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर बगोदर थाने ले गई. तिसरी में ‘जेल भरो आंदोलन के दौरान गांधी मैदान से तिसरी चौक तक पैदल मार्च निकाला गया और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. इस आंदोलन में मुन्ना राणा, बालेश्वर यादव, कर्मवीर यादव, सिकन्दर बैसखियार, राकेश पांडेय सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे. इसके अलावा गिरीडीह जिले के बिरनी, राजधनवार, गांवा, देवरी, जमुआ में भी उपरोक्त मांगों पर मार्च एवं सभा आयोजित किया गया और गिरफ्तारी दी गई.

रामगढ़ में किसानों ने विभिन्न प्रखंडों से आकर भाकपा(माले) के जिला कार्यालय में एकजुट होकर झंडा बैनर से सुसज्जित मार्च करते हुए अनुमंडल कार्यालय के समक्ष सभा की. मार्च और सभा को  हीरा गोप, लक्ष्मण बेदिया, हीरालाल महतो, नरेश बड़ाईक, अमल कुमार, जयवीर हंसदा, देवानंद गोप, सरयू बेदिया आदि ने सम्बोधित किया. इसमें झारखंड को अकाल क्षेत्र घोषित करने, भूमि बैंक रद्द करने, गरीब किसानों के बीच गैरमजरुवा भूमि वितरित करने एवं रसीद काटने समेत अन्य प्रमुख मांगें उठाई गईं. इन मांगों से संबंधित 7-सूत्री मांगपत्र राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी को सुपुर्द किया गया.

गोड्डा शहर में का. अरुण सहाय और का. रामदास के नेतृत्व में 300 जनता का जन-सत्याग्रह कार्यक्रम के तहत नगरपालिका कार्यालय को तीन घंटा तक जाम कर दिया गया था . रांची में भी बड़े तादाद में भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर भाकपा(माले) राज्य कार्यालय से मार्च करते हुए 1857 के शहीदों के स्मारक स्थल शहीद चौक पर जिला सचिव का. भुवनेश्वर केवट के नेतृत्व में गिरफ्तारी दी.

कोडरमा के बरकठ्ठा में 9 अगस्त को किसान महासभा और भाकपा(माले) के बैनर पर जेल भरो अभियान के मुद्दों पर प्रखंड मुख्यालय पर किसान महासभा के झारखंड अध्यक्ष पूरण महतो और माले नेता अशोक चौधरी, सविता सिंह, और शेर मुहम्मद के नेतृत्व में धरना दिया गया.
कोडरमा जिले में पुनः 13 अगस्त को भाकपा(माले) विधायक राजकुमार यादव, जिला सचिव मोहन दत्त, इब्राहिम अंसारी, रामधन यादव, श्यामदेव यादव के नेतृत्व में  करीब 500 किसान झुमरीतिलैया में  मार्च करते हुए समाहरणालय में सभा कर गिरफ्तारी दी गई.

अन्य राज्य:

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी (दार्जिलिंग), बाँकुड़ा, कालना (वर्धमान), चुंचुड़ा (हुगली), कृष्णनगर (नदिया), बारासात (उत्तर 24 परगना), हाबड़ा, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद, उत्तर दीनाजपुर और दक्षिण दीनाजपुर में किसान महासभा के नेतृत्व में हजारों किसानों ने गिरफ्तारी दी. सिलीगुड़ी में किसान सभा और चायबागान मजदूरों के साथ संयुक्त कार्यक्रम हुआ. त्रिपुरा में धर्मनगर, कैलाशहर, गोमती, साउथ त्रिपुरा, उदयपुर और अगरतला में जेल भरो कार्यक्रम हुए. अगरतला में किसान सभा के साथ संयुक्त कार्यक्रम हुआ. उदयपुर में भाजपा के गुंडों ने एक बार फिर हमारे जुलूस में जा रहे कामरेडों पर हमला कर उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचाया.  राजस्थान में झुंझुनू, खेतड़ी, बुहाना, उदयपुर, सलुम्बर और प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट में किसान महासभा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ भाकपा(माले) के नेताओं ने भी गिरफ्तारी दी और विरोध कार्यक्रम किए. झुंझुनू में किसान सभा और शेखावाटी में अन्य किसान संगठनों के साथ संयुक्त कार्यक्रम हुआ. असम के डिब्रूगढ़ में किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी. पंजाब के मानसा, संगरूर, बरनाला, भटिंडा, फरीदकोट, गुरुदासपुर और लुधियाना में किसान महासभा और उसके घटक संगठन पंजाब किसान यूनियन (एकता) के बैनर तले हजारों किसानों ने जेल भरो कार्यक्रम में हिस्सा लिया. लुधियाना में एक और साझा कार्यक्रम के तहत किसानों का कन्वेंशन हुआ जिसमें हमारी भी भागीदारी थी.

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महाराष्ट्र के अहमदनगर और सांगली जिलों में किसान महासभा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान जेल भरो आन्दोलन के तहत सड़क पर उतरे और जेल भेजे जाने की मांग करने लगे. इसी तरह हरियाणा के करनाल में किसान महासभा के नेतृत्व में सैकड़ों किसान जेल भरो कार्यक्रम के तहत सड़क पर उतरे और प्रधानमंत्री का पुतला जला कर जेल भेजे जाने की मांग करने लगे. मगर इन तीनों जगहों पर पुलिस आन्दोलनकारी किसानों को गिरफ्तार करने के बजाए भाग खड़ी हुई. उडीसा में भुवनेश्वर और गुनुपुर के रायगढ़ा में सैकड़ों किसानों ने किसान महासभा के बैनर तले गिरफ्तारी दी. आंध्र प्रदेश में पूर्व गोदावरी जिले के मंगलागिरी और गुंटूर जिले के काकीनाडा में सैकड़ों किसानों ने किसान महासभा के बैनर तले जेल भरो कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कार्यक्रम में शामिल हुए भाकपा(माले), अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा और प्रगतिशील महिला एसोसियेशन के कार्यकर्ता भी किसानों के समर्थन में जेल गए.

उत्तराखंड के रुद्रपुर में तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह विर्क के नेतृत्व में सैकड़ों किसान वाम किसान संगठनों के साझा जेल भरो कार्यक्रम में उतरे. ऐसा ही एक संयुक्त कार्यक्रम देहरादून में भी हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर उतरे.

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9 अगस्त के राष्ट्रव्यापी ‘जेल भरो’ आन्दोलन में देश भर में उतरे किसानों के सैलाब और जोश ने देश की राजनीति में किसानों के एजेंडा को स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाई है. यह कार्यक्रम देश में चल रहे वर्तमान किसान आन्दोलन को दिशा देने में वामपंथ के सशक्त हस्तक्षेप का भी बेहतर प्रदर्शन साबित हुआ है. हमें वर्तमान कृषि संकट के दौर में उपजे देशव्यापी किसान आन्दोलन में तमाम आंदोलनरत किसान संगठनों के साथ संयुक्त कार्यवाहियों को बढ़ाना होगा. साथ ही अपनी स्वतंत्र पहलकदमियों के जरिये भी किसान आन्दोलन में वामपंथ की लाल पताका को बुलंद करना होगा.