ओडिशा में भद्रक जिले का एक बूढ़ा आदमी एक स्कूल कैंपस में रखे सैकड़ों शवों के बीच घूम रहा है. एक एक करके वह उन शवों का चेहरा देखने के लिए उनपर ढंका कपड़ा उठाता है. वह किसे ढूंढ रहा है, पूछने पर वह रोता आदमी टूटी आवाज में कहता है, “मैं अपने बेटे को खोज रहा हूं जो कोरोमंडल एक्सप्रेस में था, लेकिन उसे नहीं देख पा रहा हूं.” उसकी कहानी उन सैकड़ों लागों की कहानियों जैसी है, जिनके परिजन या दोस्त 2 जून की शाम में ओडिशा के बालासोर (बालेश्वर) जिले में भयावह दुर्घटना की शिकार हुई दो रेलगाड़ियों में सवार थे.