टोल प्लाजा का घेराव

 

किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर विगत 6 मार्च 2021 को दिल्ली बार्डर के रायबरेली-लखनऊ राजमार्ग पर स्थित टोल प्लाजा पर किसानों से टोल टैक्स वसूली रोकने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (लोकतांत्रिक) से जुड़े किसानों ने घेराव किया. इसके समर्थन में यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान के साथ अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव व संयुक्त किसान मोर्चा के नेता का. पुरुषोत्तम शर्मा और रमेश सेंगर ने भी आंदोलन स्थल पर धरना दिया.

 

पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि का विरोध

 

4 मार्च 2021 को उदयपुर (राजस्थान) में जिला कलेक्टर कार्यालय पर ऐपवा-ऐक्टू के द्वारा पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. इसका नेतृत्व ऐपवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुधा चौधरी, ऐपवा नेत्री रजिया बानो, ऐक्टू नेता शंकरलाल चौधरी व सौरभ नरुका व माले जिला सचिव का. चंद्रदेव ओला ने किया.

पुलिस दमन के खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिवाद

 

विधानसभा का घेराव कर रहे हजारों छात्र-युवाओं पर बर्बर पुलिसया दमन के खिलाफ आइसा-इनौस ने 2-3 मार्च 2021 को राज्यव्यापी प्रतिवाद घेषित किया.

विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन


बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) के बैनर तले राज्य की हजारों विद्यालय रसोइया बहनों ने सरकारी कर्मी घोषित करने, कोरेन्टाइन सेंटरों में काम के मेहनताने का भुगतान करने, मानदेय 21 हजार रुपये करने, मध्याह्न भोजन योजना को एनजीओ के हवाले करने पर रोक लगाने के साथ साथ मंहगाई रोकने, मजदूर-किसानों को गुलाम बनाने वाले 4 श्रम कोड व 3 कृषि कानून तथा 12 घण्टा कार्य आदेश रद्द करने की मांग पर 26 फरवरी 2021को बिहार विधानसभा के समक्ष (पटना के गर्दनीबाग में) प्रदर्शन किया.

रसोइया संघ का धरना-प्रदर्शन


10 फरवरी 2021 को बेगूसराय जिले के बलिया स्थित अंबेडकर पार्क में बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू से संबद्ध) की प्रखंड कमिटी द्वारा अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया.

देश भर में सफल रहा किसानों का चक्का जाम


संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत 6 फरवरी के देश व्यापी 3 घंटे के चक्का जाम आंदोलन को देश भर में व्यापक समर्थन मिला. 500 से ज्यादा किसान संगठनों के साथ निचले स्तर पर तमाम ट्रेड यूनियनों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी इस चक्का जाम कार्यक्रम को सक्रिय समर्थन दिया.

जबरन सेवानिवृत्ति का विरोध


बिहार सरकार द्वारा सरकारी सेवकों को 50 वर्ष की आयु पूरी होने पर कार्यदक्षता की समीक्षा के नाम पर जबरन सेवानिवृत्त करने के बिल्कुल ही अनुचित और मनमाने पूर्ण आदेश का विरोध बढ़ता ही जा रहा है.