हिंडेनबर्ग बवंडर में फंसा अडानी

जब मोदी सरकार दो-खंडों वाली बीबीसी डाक्युमेंट्री “मोदी क्योश्चन” के असर से जूझ ही रही थी, तभी मोदी के सबसे करीबी संश्रयकारी गौतम अडानी हिंडेनबर्ग बवंडर में फंसते नजर आए. 24 जनवरी को, जब पूरी दुनिया उत्सुकतापूर्वक बीबीसी डाक्युमेंट्री के दूसरे एपिसोड की प्रतीक्षा कर रही थी, अमेरिका-आधरित ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ अपनी रिपोर्ट ‘अडानी ग्रुप’ को लेकर सामने आ गया.

जाति, हिंदुत्व और फासीवाद

– आकाश भट्टाचार्य

भगवा का भेद खोलना

जुलाई 2022 के बाद से ही 64 पृष्ठों की एक किताब प्रसारित की जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर मुकम्मल दृष्टि डाली गई है. तीन खंडों में विभक्त इस पुस्तक में आरएसएस की संपूर्ण आलोचना प्रस्तुत की गई है तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और श्रीराम सेना, बजरंग दल व अन्य तमाम ‘स्वायत्त’ गिरोहों की भगवा राजनीति के साथ संघ के समग्र राजनीतिक-वैचारिक कार्यक्रम के जुड़ाव को उजागर किया गया है.

संकट में जोशीमठ

- इंद्रेश मैखुरी

आधा महीना से अधिक बीत चुका, जबकि जोशीमठ का संकट पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. देश दुनिया के पत्रकारों का जमावड़ा उत्तराखंड के चमोली जिले के इस पहाड़ी शहर में काफी दिनों से दिख रहा है.

कार्टून पर मुकदमा

कागज पर कुछ रेखाएं खिंची, उनमें कुछ रंग भरा, रंग भरने से कुछ आकृतियां उभरी, आकृतियां उभरने से कार्टून बना और कार्टून के बनने से भावनाएं आहत हो गयीं. जिनकी नर्म-मुलायम-नाजुक-कोमल भावनाएं आहत हुईं, वे लपक कर मुकदमा दर्ज करवाने चल पड़े. आहत भावनाओं वाला तो कुछ भी कर सकता है पर डियर मित्र पुलिस जी, आपके पास तो और भी काम होंगे, आप क्यूं आहत भावनाओं पर मरहम लगाने के लिए मुकदमा दर्ज करने निकल पड़े?

सवाल तो अब भी खड़े हैं मी लाॅर्ड!

अंततः अंकिता भंडारी मामले में उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया. लगभग महीने भर तक फैसले को सुरक्षित रखने के बाद 21 दिसंबर 2022 को अपने 23 पृष्ठों के फैसले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने इस आशय की घोषणा की. फैसला देखने के बाद लगा कि ना कहने को इतना सुरक्षित रखने की जरूरत, क्या थी भला! शुरुआत में अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका पत्रकार आशुतोष नेगी द्वारा अधिवक्ता नवनीश नेगी के जरिये दाखिल की गयी.

भागलपुर दंगे के सवाल पूरे देश के सवाल हैं

गौरीनाथ के उपन्यास ‘कर्बला दर कर्बला’ पर चर्चा 

विगत 9 दिसंबर, 2022 को पटना के कालिदास रंगालय में 1980 के दशक के भागलपुर पर केंद्रित गौरीनाथ के उपन्यास ‘कर्बला दर कर्बला’ पर हिरावल की ओर से एक चर्चा आयोजित हुई.

फिलिस्तीन विश्व कप 2022 का असली विजेता

- मनमोहन

युद्ध और संकट में फंसी दुनिया मे फीफा वर्ल्ड कप 2022 सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन रहा. कतर में हो रहे वर्ल्ड कप मैचों के लिए कुल 30 लाख टिकट बिके और लाखों लोगों ने टीवी पर महीने भर चलने वाले फ़ुटबाॅल मैच देखे.

मोरैलिटी पुलिस को भंग करने की घोषणा ईरानी महिलाओं की जीत है

ऐपवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रति राव और महासचिव मीना तिवारी ने एक बयान जारी कर कहा है कि ठीक से हिजाब न पहनने के कारण महसा अमीनी की मोरैलिटी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी और पुलिस हिरासत में उसकी मौत के बाद ईरान में पिछले तीन महीने से अधिक समय से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं. इन प्रदर्शनों के दमन में हजारों लोगों के घायल होने और 300 से अधिक लोगों की मौत के बाद अब ईरान के प्राॅसिक्यूटर जनरल ने मोरैलिटी पुलिस को भंग करने की घोषणा की है. यह ईरानी महिलाओं की जीत है. हालांकि, सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है.