घाटी में सैनिकों की शहादत का मातम, भाजपा में जश्न का आलम!

13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भाजपा मुख्यालय में पुष्प वर्षा की जा रही थी. वजह बताई गयी कि प्रधानमंत्री ने जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया.

प्रधानमंत्री पर फूलों की वर्षा का दिन वही था, जिस सुबह अनंतनाग में दो सैन्य अधिकारियों और एक पुलिस अफसर के आतंकी हमले में मारे जाने की खबर आई थी.

बागेश्वर (उत्तराखंड) उपचुनाव: एक टिप्पणी

[ 5 सितंबर को 7 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों के नतीजे आ चुके हैं. उनमें से 4 सीटों – उत्तर प्रदेश के घोषी, झारखंड के डुमरी, पश्चिम बंगाल के धुपगुरी और केरल के पुथुपल्ली में इंडिया गठबंधन के दलों को जीत मिली है; जबकि भाजपा को तीन सीटें मिली हैं. भाजपा को मिली सीटों में दो तो त्रिपुरा में हैं और एक उत्तराखंड का बागेश्वर सीट है. बागेश्वर में उसे मिली जीत पर पेश है एक टिप्पणी – सं.]

हिटलर व तुगलक के मिश्रण हैं नरेन्द्र मोदी

भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने 5 सितंबर 2023 को अपने बयान में कहा कि नरेन्द्र मोदी हिटलर व तुगलक के मिश्रण हैं. नोटबंदी के बाद अब नामबंदी की साजिश चल रही है. देश का संविधान साफ कहता है इंडिया दैट इज भारत. लेकिन अब प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से पत्र जारी किए जा रहे हैं. देश का नाम बदलने का यह पागलपन हमें हंसी का पात्र बनाएगा. मोदी शासन अराजकता और आपदा का निर्बाध शासन रहा है. इंडिया अर्थात भारत को इस विपत्तिपूर्ण शासन से हर हाल में बचाना होगा.

उत्तराखंड में आफत की बारिश

- इन्द्रेश मैखुरी

उत्तराखंड में बरसात का सीजन इस बार काफी लंबा हो चला है. लगभग अप्रैल से ही बारिश शुरू हो गयी थी, जो मध्य अगस्त के बाद भी जारी है. एक तरह से यह कहा जा सकता है कि इस बार उत्तराखंड ने गर्मी का मौसम देखा ही नहीं, खास तौर पर पहाड़ी इलाकों में तो ना के बराबर गर्मी पड़ी. यह भी जांच और अध्ययन का विषय है कि यह अत्यधिक बारिश भी मौसम परिवर्तन का नतीजा है क्या? क्यूंकि देश के कुछ हिस्सों में बारिश एकदम न्यूनतम है! कुछ जगहों पर बारिश का प्रचंड रूप में होना और कुछ जगहों पर बेहद कम होना, ये संकेत तो चिंताजनक हैं.

प्रधानमंत्री की जवाबदेही के लिए अविश्वास प्रस्ताव!

भारत के संसदीय इतिहास में यह संभवतः पहला अवसर रहा होगा, जब विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाना पड़ा ताकि प्रधानमंत्री को इस बात के लिए विवश किया जा सके कि वे संसद में आकार बोलें! अविश्वास प्रस्ताव का यह अभूतपूर्व प्रयोग दिखाता है कि बहुमत के मद में चूर, नरेंद्र मोदी ने अपने आप को प्रधानमंत्री पद के वास्तविक दायित्वों से पूरी तरह मुक्त किया हुआ है. वे संभवतः विदेश भ्रमण और देश में चुनावी रैलियों को संबोधित करने को ही प्रधानमंत्री के रूप में अपना एकमात्र काम समझते हैं!

नई शिक्षक नियमावली, 2023: सरकार हुई वार्ता करने को तैयार

नई शिक्षक नियमावली, 2023 पर जारी विरोध के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वाम दलों के नेताओं और शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता करने को अंततः तैयार हुए. बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन 10 जुलाई 2023 को महागठबंधन के विधायकों की हुई बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार सत्र की समाप्ति के बाद इस मसले पर वार्ता करेगी.