वर्ष - 28
अंक - 49
23-11-2019

बिरसा मुंडा की 144वीं जयन्ती पर 15 नवम्बर 2019 को भाकपा(माले) नेताओं ने बिरसा को याद किया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने कोकर स्थित बिरसा समाधि स्थल पहुंच कर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके संघर्ष व आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया. भाकपा(माले) के रांची जिला सचिव का. भुवनेश्वर केवट ने इस मौके परकहा कि बिरसा का आन्दोलन मूलतः साम्राज्यवादी लूट के खिलाफ जल-जंगल-जमीन की रक्षा का आन्दोलन था. आदिवासियों और किसानों के अधिकारों की रक्षा करना ही बिरसा को सच्ची श्रद्धांजलि है. राज्य गठन के बाद 19 वर्षो के अरसे में झारखण्ड की सत्ता पर बैठी सभी सरकारों ने जल-जंगल-जमीन को कारपोरेट के हाथों बेच कर बिरसा के सपनों पर कुठाराघात  किया है. राज्य गठन के मूल उद्देश्यों को पूरा करने में सरकारें विफल रही हैं. पलायन, बेरोजगारी, भूखमरी और आदिवासियों का शोषण अब भी जारी है. बिरसा के सपनों के विपरीत काम करने वाली सरकार को जनता सबक सिखाएगी.

इस मौके पर माले नेता का. अजब लाल सिंह, का. मिथइलेश तिवारी, का. सूर्यकान्त सिंह, का. भीम साहू, का. अनिल कुमार, का. शम्सुल अंसारी, का. एनामुल हक, का. जीतू उरांव, का. काली मिंज, का. सिनगी खलखो, का. रानी सिंह और का. मंजू मुख्य रूप से उपस्थित थे.

Birsha