वर्ष - 28
अंक - 47
09-11-2019

ऐपवा द्वारा ‘महिला उत्पीड़न और हमारी भूमिका’ विषय पर एक कन्वेंशन का आयोजन बैरनबाजार, रायपुर में 2 नवम्बर को किया गया. कन्वेंशन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आई महिलाओं ने हिस्सा लिया.

कन्वेंशन को का. उमा नेताम, मनीषा, गुणवती बघेल, सुमन साहू, नम्रता पटेल, चन्द्रिका  कौशल, राजकुमारी, मीना कोसरे, सुहद्रा धृतलहरे, वदना बैरागी आदि महिला नेताओं के साथ ही भाकपा(माले) नेता का. नरोत्तम शर्मा, ऐक्टू के नेता का. अशोक मिरी और का. अर्चना एडगर आदि ने संबोधित किया.

कन्वेंशन की मुख्य अतिथि ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव का. मीना तिवारी ने कहा कि मंदी व बेरोजगारी का असर महिलाओं पर पड़ रहा है.  केन्द्र सरकार आम जनता के बुनियादी सवालों को गलत दिशा में ले जाकर उन्माद व विभाजन को बढ़ा रही है.  भाजपा का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा एक ढोंग है.  यह सरकार लगातार अंधविश्वासों को बढ़ावा दे रही है.  बजट में शिक्षा व स्वास्थ्य मद की राशि को कम किया जा रहा है.

raipur aipwa

 

उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में माओवादियों से निबटने के बहाने से पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ यौन हिसा की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है और पीड़ित महिलाओं को कहीं भी न्याय नहीं मिल रहा है. महिलाओं के अधिकार व मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाली महिलाओं को सरकार लगातार प्रताड़ित कर रही है.

कन्वेंशन में 9 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया. धमतरी में एक युवा जोड़े द्वारा अंतरधार्मिक शादी करने पर प्रताड़ित करने की निंदा करते हुए तथा सरकार से, लड़की और लड़का जहां भी सहमतिपूर्वक साथ रहना चाहते हैं, वहां रहने देने और समुचित सुरक्षा देने की मांग की गई. लड़कियों को स्नातक तक की शिक्षा मुफ्त दी जाय और ज्यादा से ज्यादा कालेज खोले जाने की मांग भी की गई.

कन्वेंशन में ऐपवा छत्तीसगढ़ की 19 सदस्यीय संयोजन टीम का गठन किया गया. का. लक्ष्मी कृष्णन को इस टीम का संयोजक बनाया गया. 6 जिलों में ऐपवा का सदस्यता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया.

– लक्ष्मी कृष्णन