वर्ष - 28
अंक - 45
26-10-2019

बगोदर-डुमरी क्षेत्र में जीटी रोड (एनच-2) का चौड़ीकरण करके उसे 6-लेन बनाने का काम कर रही डीबीएल कंपनी के डुमरी कैम्प गेट को गत 22 अक्टूबर 2019 को अखिल भारतीय किसान महासभा व माले कार्यकर्तायों ने जाम कर दिया और प्रतिवाद सभा आयोजित की. इससे पहले कुलगो ग्राम से डीबीएल कंपनी गेट (डुमरी) तक झंडा-बैनर से सुसज्जित आक्रामक और आकर्षक प्रतिवाद मार्च निकाला गया. प्रतिवाद सभा को संबोधित करते भाकपा(माले) के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि डीबीएल ने अगर किसानों के साथ जोर जुल्म किया तो उसे डबल इंजन की सरकार बचा नही पायेगी. एक देश मे दो नियम नहीं चलेंगे. जब पश्चिम बंगाल और बिहार में रोड चौड़ीकरण में किसानों की खास गैरमजरवा जमीन का मुआवजा दिया जा रहा है तो वही मुआवजा झारखंड में क्यों नहीं दिया जाएगा? लोकसभा चुनाव से पहले यह मुआवजा आवासीय दर पर दिया जाता था. लेकिन आंदोलन के दबाव से वह मुआवजा कृषि भूमि की दर से दिया जाने लगा जो पिछले मुआवजे से चार गुना अधिक है. झारखंड के किसानों को उस मुआवजे से क्यों वंचित किया जाएगा ?

road jam

 

अभाकिम के प्रदेश सचिव पूरण महतो ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को उचित मुआवजा देना तो दूर, वह तो किसानों की बेशकीमती जमीन छीनकर उसे कारपोरेट घरानों को दे रही है. डीबीएल जैसी निजी कम्पनियां बिना मुआवजा दिए जमीन कब्जा कर रही है. इस अत्याचार को किसान नहीं बर्दाश्त करेंगे. उन्होंने कहा कि यह तो सिर्फ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन है लेकिन अगर कंपनी और सरकार नहीं चेती तो किसान कोई काम नहीं करने देंगे. उन्होंने कहा कि उचित मुआवजा के साथ ही इन योजनाओं में स्थानीय मजदूरों को रोजगार भी देना होगा.

कार्यक्रम में झामस महासचिव परमेश्वर महतो, नौजवान सभा के संदीप जयसवाल, बगोदर प्रमुख मुश्ताक अंसारी, उप प्रमुख सरिता साव, जिप सदस्य गजेंदर महतो, पूनम महतो, सरिता महतो, आइसा नेता पूरण कुमार महतो ने बुलंदी के साथ विस्थापित किसानों को उचित मुआवजा और स्थानीय ग्रामीण मजदूरों को रोजगार के मुद्दों पर बड़े आंदोलन का न सिर्फ समर्थन किया बल्कि एकताबद्ध बड़े आंदोलन निर्माण के लिए सक्रिय योगदान देने का संकल्प भी लिया.