वर्ष - 33
अंक - 33
10-08-2024

संयुक्त किसान मोर्चा एवं केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के देशव्यापी आह्वान पर 9 अगस्त 2024 को ‘भारत छोड़ो दिवस’ के अवसर पर ‘बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत छोड़ो’, ‘भारत सरकार डब्ल्यूटीओ से बाहर निकलो’ के नारे के साथ पटना में सैकड़ों मजदूरों-किसानों ने विरोध मार्च आयोजित किया और सभा की.

विरोध मार्च करीब साढ़े बारह बजे दिन में जीपीओ गोलम्बर से निकला और बुद्ध स्मृति पार्क तक गया. वहां बिहार राज्य किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष अवधेश कुमार और ऐटक के प्रांतीय अध्यक्ष गजनफर नवाब की अध्यक्षता और अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह के संचालन में सभा आयोजित की गई.

विरोध मार्च में साम्राज्यवादी बहुराष्ट्रीय कम्पनियां भारत छोड़ो, भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकलो, चार श्रम कोड को वापस लो, कृषि उत्पादों के एमएसपी, खाद्य सुरक्षा एवं किसानों की कर्ज माफी की गारंटी करो आदि नारे लग रहे थे.

सभा को मुख्य रूप से बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के उपाध्यक्ष अवधेश कुमार, अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सह सचिव राजेन्द्र पटेल, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन के राज्य उपाध्यक्ष मणिकांत पाठक, ऐटक के नेता कौशलेंद्र वर्मा, ऐक्टू के राज्य सचिव शैलेन्द्र कुमार शर्मा, सीटू नेता अरुण कुमार मिश्र, एआईयूटीयूसी के राज्य सचिव सूर्यकर जीतेन्द्र, क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता मनोज कुमार, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के नेता नन्दकिशोर सिंह, जय किसान आन्दोलन के नेता ऋषि आनन्द, किसान एकता मंच के संयोजक उमेश शर्मा, इंटक के नेता श्रीनंदन मंडल, अग्रगामी किसान सभा के नेता टीएन आजाद, एनएपीएम के नेता उदयन राय, बिहार राज्य किसान सभा (अजय भवन) के पटना जिला संयोजक गोपाल शर्मा, बिहार किसान समिति के नेता बलदेव झा, जल्ला किसान संघर्ष समिति के सचिव शंभूनाथ मेहता, यूटीयूसी के राज्य सचिव बीरेंद्र ठाकुर, भारत माला एक्सप्रेस वे परियोजना संघर्ष समिति के नेता मनीष कुमार, किसान मजदूर नौजवान मोर्चा की नेता मीरा यादव, आदि ने संबोधित किया.

वक्ताओं ने एक स्वर से मजदूरों, किसानों एवं अन्य मेहनतकश वर्गों द्वारा चलाये जा रहे न्यायपूर्ण संघर्षों से अपनी एकजुटता प्रकट की और राज्य मशीनरी द्वारा उन पर चलाये जा रहे दमन की तीव्र भर्त्सना की. कार्यक्रम में 500 से अधिक किसान, मजदूर, स्कीम वर्कर्स, आदि शमिल थे.

9 अगस्त के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए नेताओं ने कहा कि हम साम्राज्यवादी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत छोड़ने और भारत सरकार को विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकलने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे. कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, किसानों की कर्ज माफी, खाद्य सुरक्षा की गारंटी, चार श्रम संहिताओं की वापसी सहित मजदूरों-किसानों के अन्य न्यायपूर्ण मांगों के लिए जनसंघर्षों को तेज करने के काम को हम अग्रगति प्रदान करते रहेंगे. सभा में साम्राज्यवाद, बड़े पूंजीपतियों और काॅरपोरेट घरानों के खिलाफ मजदूरों-किसानों के संघर्षों को जारी रखने का संकल्प लिया गया.

बिहार के सभी जिलों में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ. 24 जिलों में अखिल भारतीय किसान महासभा की महत्वपूर्ण भागीदारी थी. आरा (भोजपुर) में चंद्रदीप सिंह, राजू यादव, और विनोद कुशवाहा, बक्सर में रामदेव सिंह और बिरेंद्र यादव, सासाराम (रोहतास) में जवाहरलाल सिंह यादव और विधायक अरुण सिंह, भभुआ (कैमूर) में बबन सिंह और राम इकबाल राम, औरंगाबाद में कामता यादव और वसंत कुमार, अरवल में राम कुमार सिन्हा, गणेश यादव, त्रिभुवन शर्मा और रवींद्र यादव, जहानाबाद में विधायक रामबली सिंह यादव, शौखिन यादव व रामाधार सिंह, गया में बालेश्वर प्रसाद यादव और जितेंद्र यादव, बिहार शरीफ (नालंदा) के में विधायक संदीप सौरभ, पाल बिहारी लाल एवं मुनिलाल यादव और शेखपुरा में कमलेश कुमार मानव ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया.

उसी तरह, जमुई में मनोज कुमार पांडे और रमेश यादव, पूर्णियां में अविनाश पासवान और मो. इस्लामुद्दीन, सुपौल में अक्षय लाल मेहता, सहरसा में लालन यादव, खगड़िया में अभय कुमार वर्मा व  शैलेंद्र कुमार वर्मा, बेगुसराय में बैजू सिंह, समस्तीपुर में ललन कुमार और महावीर पोद्दार, दरभंगा में अभिषेक कुमार, मुजफ्फरपुर में जितेंद्र यादव एवं बिदेेश्वर साह, हाजीपुर (वैशाली) में विशेश्वर प्रसाद यादव, गोपाल पासवान और सुमन कुमार, सिवान में पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, जयनाथ यादव और अशोक प्रसाद प्रजापति, गोपालगंज में रविंदर सिंह कुशवाहा व लालबहादुर सिंह तथा बेतिया (पश्चिम चंपारण) में सुनील राव और इंद्रदेव कुशवाहा ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया.

उत्तर प्रदेश के उरई (जालौन) में एक्टू के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर 9 अगस्त को मोदी सरकार के मजदूर विश्वासघात दिवस के रूप में मनाया गया.

पीलीभीत जिला मुख्यालय पर अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया. बलिया जिला मुख्यालय पर,भी विरोध मार्च आयोजित हुआ.

आजमगढ़ में अखिल भारतीय किसान महासभा सभा, और अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारयण और अखिल भारतीय किसान सभा के जिला मंत्री वेदप्रकाश उपाध्याय के नेतृत्व में नरौली प्राइवेट बस स्टैंड से जिला मुख्यालय तक मार्च निकाला. चंदौली में इंकलाबी नौजवान सभा और अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में धरना देकर उपजिलाधिकारी, सदर चंदौली को प्रधानमंत्री को संबोधित सौंपा गया. भदोही जिला में सयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में जिलाधिकारी को राष्ट्रपति को संबोधित 9 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया. कार्यक्रम का नेतृत्व बनारसी सोनकर, कबूतरा देवी आदि नेताओं ने किया.

झारखंड के लोहरदगा जिला मुख्यालय पर ऐक्टू के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया. गिरिडीह में अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से धरना दिया गया. धरना की अध्यक्षता गिरिडीह जिला अध्यक्ष कामरेड अशोक पासवान और संचालन मुस्तकीम अंसारी ने किया. सभा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कामरेड पुरन महतो, राजेश यादव लालमणि यादव, अरुण वर्मा, कयूम अंसारी, विजय सिंह, कैलाश यादव, सुनील राय और राजेश सिन्हा के अलावा अन्य साथियों ने संबोधित किया.

गढ़वा में किसान महासभा के नेतृत्व में प्रखंड कार्यालय के प्रांगण से मेन रोड होते हुवे रंका मोड़ तक प्रतिवाद मार्च निकाला गया. प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला प्रभारी कामरेड कालीचरण मेहता ने कहा कि आज देश में किसानों के हालात बद से बदत्त्तर होते जा रहा है. मोदी सरकार वन संरक्षण के नाम पर जंगल और जमीन पर बसे लोगों को उजाड़ने की मुहिम चला रही है तथा कृषि संरक्षण कानून-2013 को संशोधित कर कारपोरेट कंपनियों के लिए लूट का रास्ता साफ कर रही है.

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