संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खुलेआम उल्लंघन के आलोक में, गाजा में इजरायल द्वारा नरसंहार के खिलाफ आईसीजे के फैसले और फिलिस्तीन के लोगों के खिलाफ इस तरह के नरसंहार में वृद्धि को लेकर भारत में वामपंथी दलों – सीपीआई (एम), सीपीआई, आरएसपी, एआईएफबी और सीपीआई-एमएल ने भारतीय लोगों से फिलिस्तीनी लोगों के साथ और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा समर्थित इजरायल द्वारा किए जा रहे नरसंहार और अत्याचारों के खिलाफ अपनी एकजुटता व्यक्त करने का आह्वान किया.
वामदलों के नेताओं ने बयान जारी करते हुए यह मांग किया है कि तत्काल युद्धविराम और 1947 से पहले की सीमाओं और पूर्वी यरुशलम को राजधानी के रूप में फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता दी जाए.
इजरायल पर और हथियारों और सैन्य उपकरणों के आयात और निर्यात पर तत्काल सैन्य प्रतिबंध लगाएं और सभी प्रकार के सैन्य सहयोग को रोकें.
इजरायल में औद्योगिक गतिविधि के लिए भारतीय श्रमिकों के सहयोग और आवाजाही पर तुरंत प्रतिबंध लगाएं और इज़रायल पर राजनयिक वित्तीय और आर्थिक प्रतिबंधों सहित कानूनी प्रतिबंध लगाएं.
इज़राइल के रंगभेद शासन को समाप्त करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए रंगभेद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की विशेष समिति को आमंत्रित करें.
इसके अलावा, भारत सरकार से मांग की गई है कि
1. इजरायल को सैन्य हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए विभिन्न भारतीय कंपनियों के सभी निर्यात लाइसेंस और अनुमतियां रद्द की जांए.
2. इजरायल से सभी हथियारों का आयात रोकें.
3. औपनिवेशिक रंगभेद के सिद्धांतों के आधार पर, इजरायल के अवैध सैन्य कब्जे और नरसंहार में सभी प्रकार की मिलीभगत को समाप्त करें.
4. औपनिवेशिक रंगभेद के सिद्धांतों के आधार पर इजरायल के अवैध सैन्य कब्जे और नरसंहार में सभी प्रकार की मिलीभगत को समाप्त करें.
वामपंथी दल लोगों से आजादी से पहले की हमारी विरासत को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिरोध सुनिश्चित करने का भी आग्रह करते हैं. वामपंथी दलों का मानना है कि पश्चिम एशिया में स्थिति उस स्तर पर पहुंच गई है जहां वैश्विक लोकतांत्रिक राय को शांति और सम्मान की रक्षा के लिए खुद को मुखर करना होगा. वामपंथी दलों ने देश भर में अपनी सभी संबंधित पार्टी इकाइयों से 3 अगस्त को संयुक्त रूप से और स्वतंत्र रूप से लोगों को प्रभावी ढंग से एकजुट करने का आग्रह किया है.
==============
भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने पिछले मंगलवार (30 जुलाई) को जंतर-मंतर, दिल्ली में आयोजित इंडिया गठबंधन के एक विरोध प्रदर्शन को संबोधित किया जो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अवैध रूप से दोबारा गिरफ्तार कर लिए जाने के खिलाफ था. प्रदर्शन में भाकपा(माले) सांसदों – का. राजाराम सिंह और सुदामा प्रसाद ने भी शिरकत की.
नई दिल्ली में तीन आपराधिक कानूनों के विरोध में आयोजित वकीलों के कार्यक्रम में शामिल भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, काराकाट और आरा के सांसद का. राजाराम सिंह और का. सुदामा प्रसाद.