सांप्रदायिक कारपोरेट फासीवादी खतरे के खिलाफ विगत 19 मई 2023 को रांची में भाकपा(माले), भाकपा, माकपा, मासस, आरएसपी, फारवर्ड ब्लाक, एसयूसीआई(सी) आदि वाम दलों ने एक संयुक्त कन्वेंशन आयोजित किया.
देश में फासीवाद के इस दौर में आयोजित इस कन्वेंशन में, जब आगामीे लोकसभा चुनाव 2024 सामने है, सभी वामदलों ने भाजपा का मजबूती के साथ सामना करने के लिए एकताबद्ध होने के प्रयास पर बल दिया. साथ ही, आनेवाले दिनों में झारखंड को भाजपा के नफरती राजनीति से दूर करने की रणनीति पर भी विचार किया गया और भविष्य के कार्यक्रमों को प्रस्तावित पारित हुआ.
वाम दल आगामी 21 जून तक सभी जिलों में संयुक्त जिला स्तरीय कन्वेंशन आयोजित करेंगे जिनमें मजदूर-किसानों, महिलाओं और छात्र संगठनों समेत कार्यकर्ताओं की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.
जुलाई-अगस्त माह में सभी प्रखंड मुख्यालयों पर जलन सवालों पर व्यापक जन भागीदारी के साथ धरना-प्रदर्शन आयोजित होंगे और प्रशासन व राज्य सराकर को मांग पत्र सौंपा जाएगा. सितंबर माह में प्रचार जत्था निकालकर पूरे झारखंड में व्यापक और सघन प्रचार अभियान चलाया जाएगा और सभी प्रखंड मुख्यालयों में प्रभावी संयुक्त जनसभायें आयोजित की जाएंगी. दिसंबर के प्रथम सप्ताह में राजधानी रांची व उप राजधानी दुमका में वामपंथरी दलों की संयुक्त रैली आयोजित होगी.
झारखंड में वर्गीय और ज्वलंत जन मुद्दों पर आयोजित इस कन्ंवेंशन के जरिए खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत सब्सिडी के तहत मिलने वाले अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करने, मनरेगा को खत्म करने की साजिश बंद करने, वन अधिकार कानून में कारपोरेट परस्त संशोधन निरस्त करने, विस्थापन आयोग का गठन करने और झारखंड के गौरव एचईसी को संरक्षण दिए जाने से संबधित प्रस्ताव पारित किया गया.
कंवेंशन में भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य का. जनार्दन प्रसाद द्वारा पेश किए गए एक विशेष प्रस्ताव को जिसमें महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपियों की गिरफ्तारी, मणिपुर में एथनिक टकराव रोकने, अडाणी द्वारा राष्ट्रीय संपदा की लूट को रोकने, झारखंड में भृष्ट नौकरशाहों पर लगाम लगाने, भूमि की लूट रोकने, नियोजन नीति बनाने, बढती महंगाई के अनुकूल न्युनतम मजदूरी तय करने और माॅब लिंचिग के शिकार हुए परिवारों को उचित मुआवजा दिए जाने और साथ ही, झारखंड के लंबित माब लिचिंग अधिनियम जिसे राजभवन ने वापस कर दिया है उसे पूनः राजभवन भेजने ताकि वह कानून की शक्ल ले सके की मांग शामिल थी, सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया. कन्वेंशन ने उपरोक्त मुद्दों पर संयुक्त आंदोलन की घोषणा भी की.
कन्वेंशन में राज्य के सभी 24 जिलों से लगभग 400 वामपंथी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो के सदस्य का. जनार्दन प्रसाद, राज्य सचिव का. मनोज भक्त, विधायक का. विनोद सिंह और केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. शुभेंदु सेन ने वाम दलों के इस कन्वेंशन को संबोधित किया. फारवर्ड ब्लाक के अरुण मंडल, आरएसपी के मनोज भट्टाचार्य व गणेश वर्मा, एसयूसीआई(सी) के अमृतराय, भाकपा के महेंद्र पाठक व भुवनेश्वर मेहता, माकपा के प्रकाश विप्लव व समीर दास तथा मासस के राजेंद्र गौड़ और आरडी माझी आदि प्रमुख वामपंथी नेताओं ने भी कन्वेंशन को संबोधित किया.