14 मई 2023 को हरियाणा से सेंकडों महिला दिल्ली में जंतर-मंतर पर बैठी महिला पहलवानों के समर्थन में पहुंची और वहां हस्ताक्षर किए गए बैनर वहां लगाये. विदित हो कि हरियाणा में भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और जूनियर कोच द्वारा पूर्व खेलमंत्री संदीप सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी थी. चौतरफा दबाव की वजह से प्राथमिकी तो दर्ज हुई है, लेकिन अभी तक न उनको न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही मंत्रिमंडल से हटाया गया है.
16 मई 2023 को ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव का. मीन तिवारी, ऐक्टू की राष्ट्रीय सचिव का. शशि यादव, कृष्णा अधिकारी (उत्तर प्रदेश), मंजू लता (राजस्थान), जसबीर कौर नत (पंजाब) त्ज्ञिज्ञ सुचेता डे व श्वेता राज (दिल्ली) आदि समेत आस पास के राज्यों से महिलायें, किसान और मजदूर जंतर-मंतर पहुंचे. उन्होंने जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों के समर्थन में अपनी बात रखी और उनके आंदोलन को अपना समर्थन किया.
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव का. राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का. कार्तिक पाल और किसान महासभा के नेता का. फूलचंद ढेवा व राष्ट्रीय सचिव रामचन्द्र कुलहरि समेत राजस्थान व हरियाणा के दर्जनों किसान पहलवानों के संघर्ष का समर्थन करने जंतर-मंतर पहुंचे. उनहोंने महिला पहलवानों के आंदोलन को आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया.
उसी दिन लखनऊ के शहीद स्मारक पर महिला संगठनों व नागरिक समाज ने संयुक्त रूप से प्रतिवाद सभा आयसोजित किया और कैंडिल मार्च किया.
18 मई 2023 को बिहार की राजधानी पटना में बुद्ध स्मृति पार्क के सामने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की राज्य इकाई ने प्रतिरोध सभा आयोजित किया. यह प्रतिरोध सभा संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर हुई. सभा में महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़क भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग प्रमुखता से उठी. साथ ही, अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ जंतर-मंतर पर लगातार धरना दे रही महिला पहलवानों पर दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए दमन के जिम्मेवार पुलिस अधिकारियों कर कार्यवाई की मांग भी की गई.
इस प्रतिरोध सभा की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ नेता का. केडी यादव और संचालन किसान सभा, जमाल रोड के नेता का. सोनेलाल ने किया.
प्रतिरोध सभा में किसान नेताओं ने कहा कि आम लोगों को क्या कहा जाये आज देश का नाम रौशन करने वाले महिला पहलवानों को भी न्याय नहीं मिल रहा है. स्पष्ट है कि भाजपा शासित केंद्रीय सत्ता ने देश के कानून का मजाक बना कर रख दिया है. ऐसे हालात में आज देश के सम्पूर्ण नागरिकों को न्याय व्यवस्था व संविधान को बचाने के लिए संघर्ष में उतरना ही होगा.
प्रतिरोध सभा के उपरांत पटना के जिलाधिकारी राष्ट्रपति को संबोधित उक्त मांगो से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया. प्रतिरोध सभा को संबोधित करने वालों में अ. भा. किसान महासभा के उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, केडी यादव, शिवसागर शर्मा और कृपा नारायण सिंह, किसान सभा (जमाल रोड) के विनोद कुमार, राजेंद्र सिंह, अवधेश कुमार, ललन चौधरी, रणधीर यादव और सोनेलाल प्रसाद, एआईकेएमकेएस के नंदकिशोर सिंह, जय किसान आंदोलन के ट्टषि आनंद और अनूप सिंहा, एआईकेकेएमएस के इंद्रदेव राय, अनामिका और सरोज कुमार सुमन, क्रांतिकारी किसान यूनियन के बृंद सिंह, बिहार किसान समिति के बलदेव झा, इफ्टू की आकांक्षा व मंटू कुमार, ऐडवा की रामपरी और ‘अघोषित आपातकाल विरोधी मोर्चा’ के अमलेंदु मिश्रा और दर्जनों आम नागरिक व किसान कार्यकर्ता शामिल थे.
जहानाबाद में भाकपा(माले) जिला कार्यालय से किसानों का एक जुलूस निकला जो काको मोड़ पर जाकर प्रतिवाद सभा में तब्दील हो गया.
सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव और भाकपा(माले) के जिला सचिव रामाधार सिंह सहित अन्य नेताओं ने कहा महिला पहलवान विगत डेढ़ माह से अधिक दिनों से दिल्लीें धरना के माध्यम से अपना विरोध जता रही हैं लेकिन महिला सशक्तिकरण की बात बोलने वाली केंद्र सरकार भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार अल्पसंख्यकों, दलितों-गरीबों, किसानों,छात्र-नौजवानों व महिलाओं के बाद अब खिलाड़ियों व पहलवानों का भी दुश्मन साबित हो रही है. किसानों की तरह पूरा देश इस चुनौती को स्वीकार करेगा और भाजपा को रसातल में दफन कर देगा.
प्रतिवाद सभा में रामाधार सिंह के अलावे अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव शौकीन यादव, भाकपा(माले) जिला कमेटी सदस्य ब्रह्मदेव प्रसाद, चितरंजन पासवान, अनिरुद्ध शर्मा, राम विनय यादव तथा खेग्रामस के नेता सत्येंद्र रविदास, प्रदीप कुमार, बलवीर बुंदेल, राकेश बिंद, भागीरथ मांझी, रामेश्वर मांझी, दिनेश दास, उदय पासवान सहित कई नेता शामिल हुए.