अररिया जिला के रानीगंज प्रखंड के बेलगच्छी गांव में जिला प्रशासन ने लंबे अरसे से बसे 500 आदिवासी व महादलित परिवारों को जमीन खाली करने का आदेश दिया है. विगत 16 मई 2023 को भाकपा(माले) और आदिवासी संघर्ष मोर्चा की एक उच्चस्तरीय जांच टीम ने भाकपा(माले) के सिकटा विधायक का. वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में गांव का दौरा किया.
उन्होंने बताया कि वरसों पहले इस बंजर व जंगल की जमीन को यहां के आदिवासी गरीबों ने अपनी मेहनत से आबाद किया था. नियम के मुताबिक उन्हें उस जमीन का अधिकार अब तक मिल जाना चाहिए था और उनका लगान निर्धारण हो जाना चाहिए था. लेकिन सरकारों की लापरवाही के कारण आज उन्हें बेदखली का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि एक तो सीलिंग के मामले में सरकार गरीब भूमिहीनों को पक्ष नहीं बनाती. इसकी वजह से लगभग हर ऐसे मामले में उनको न्यायालयों में हार का सामना करना पड़ता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि जमींदारों को फायदा पहुंचाया जा सका. यह प्रवृति अभी भी बनी हुई है. भूमि संबंधी मामलों में कानूनी छिद्रों का इस्तेमाल कर जमींदार न्यायालय से आदेश हासिल कर लेते हैं और गरीबों को बेदखल कर देते हैं.
उन्होंने बताया कि बेलगच्छी की 341 एकड़ सीलिंग वाली जमीन पर सीलिंग वाद के खिलाफ छोटन शेख नाम एक जमींदार न्यायालय चले गए और अपने हक में फैसला हासिल कर लिया. जबकि तथ्य बताते हैं कि आदिवासियों के पूर्वज उस जमीन पर लंबे समय से चास-वास करते आ रहे हैं. ऐसी प्रवृति पर रोक लगाने के लिए भाकपा(माले) लंबे समय से कानून बनाने की मांग करती रही है, इस दिशा में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
बेलगच्छी की 341 एकड़ सीलिंग वाली जमीन की तरह अररिया जिले में साढ़े तीन लाख एकड़ ऐसी जमीन है जिसे जमींदारों व भू-माफियाओं ने हथिया रखा है. ऐसी जमीन को जमींदार व भूमाफिया के कब्जे से मुक्त करा कर उसे गरीब-भूमिहीनों के बीच वितरित किया जाना चाहिए. महागठबंधन सरकार इस मामले में त्वरित कदम उठाए.
मौके पर भाकपा(माले) के अररिया जिला सचिव का. रामविलास यादव, राज्य कमिटी सदस्य मुख्तार, तल्लू हंसदा, बाबूलाल मरांडी, अभिराम हंसदा, चानो ऋषिदेव, राजेश हांसदा, हलीमा खातून, रोना देव, रामेश्वर ऋषिदेव, जितेंद्र पासवान, आजाद आलम, अजीत पासवान आदि मौजूद थे.