वर्ष - 31
अंक - 43
22-10-2022

‘अमृतसर साहिब सिख गुरुओं की महान मानवीय और समतावादी विचारधारा का केंद्र है, यह बाबा सोहन सिंह भकना जैसे क्रांतिकारी गदरी नेताओं का जिला भी हैं जिन्होंने अंगरेज हुकूमत के दमन का खिलाफ डटकर मुकाबला किया. यह इलाका ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लोगों की एकता, संघर्ष और बलिदान का भी प्रतीक रहा है. इसी आधार पर और उनके मिशन को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ हम यहां हाजिर हुए हैं.’ – भाकपा(माले) महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने विगत 16 अक्टूबर 2022 को अमृतसर के मुधल में आयोजित भाकपा(माले) के चौथे पंजाब राज्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुं कहा.

सम्मेलन की शुरुआत डॉ. अरीत के हाथों झंडोत्तोलन से हुई. डॉ. अरीत नाटककार और विचारक गुरशरण सिंह जो यहां पैदा हुए और पंजाबी थिएटर में एक किंवदंती बन गए, की बेटी हैं. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे क्रांतिकारी देशभक्तों ने जिस क्रांति का सपना देखा था उसकी ओर आगे बढ़ने के बजाय आज हमारा देश आरएसएस-भाजपा और मोदी सरकार द्वारा बनाए गए फासीवादी चक्रव्यूह में फंस गया है. हमें एकजुट होकर इस सांप्रदायिक जाल को काटकर समझदारी से आगे बढ़ने की जरूरत है.

भाकपा के वरिष्ठ नेता का. भूपिंदर सिंह सांभर और आरएमपीआई के राज्य सचिव का. प्रगट सिंह जमाराय ने सम्मेलन की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज राज्य और देश की सभी वामपंथी, लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष और देशभक्त ताकतों के एकजुट और साझे संघर्षों की पहले से कहीं अधिक जरूरत है. फोकलोर अनुसंधान अकादमी के प्रमुख रमेश यादव ने सीमा के दोनों ओर बसने वाले पंजाबियों की भारत और पाकिस्तान के बीच निर्बाध व्यापार व आने-जाने की इजाजत ताकि आपसी टकराव के बजाय पड़ोसियों से दोस्ती का बेहतर माहौल बन सके, की मांग उठाई.

का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि दुनिया भर में लोग साम्राज्यवादी कार्पारेट प्रणाली को चुनौती दे रहे हैं. जहां ईरान की बहादुर महिलाएं स्वतंत्रता और समानता के लिए पितृसत्तात्मक शासन के खिलाफ लड़ रही हैं, वहीं दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में एक के बाद एक देशों के लोग एक विकल्प के रूप में समाजवादी पार्टियों को सत्ता सौंप रहे हैं. लेकिन इसके उलट मोदी सरकार भारत को उलटी दिशा में धकेलना चाहती है. देश को मंदी से उबारने के लिए रक्षा और सैन्य खर्च को कम करने और पड़ोसी देशों के साथ आपसी व्यापार और संबंधों को सुगम बनाने की आवश्यकता है, लेकिन इसके विपरीत, मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण, आज भारत के सभी पड़ोसी देशों से संबंध बहुत खराब हैं  सरकार ने अन्य संवैधानिक संस्थाओं की तरह न्यायपालिका को भी मजाक बना दिया है. महाराष्ट्र उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले 90% विकलांग जन पक्षी बुद्धिजीवी प्रो. जीएन  साईंबाबा व चार अन्य को बरी करने का आदेश दिया, जो पांच साल से कैद की सजा भुगत रहे थे. लेकिन अगले दिन छुट्टी के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने असामान्य रूप से सरकार की याचिका पर इस फैसले पर रोक लगा दी. जहां 1984 के सिख नरसंहार, 2002 के गुजरात नरसंहार, कश्मीर में मानवाधिकारों का हनन करने वाले और विभिन्न घोटालों के जरिए लोगों से अरबों रुपये हड़प करने वाले सभी अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, वहीं गरीब महिलाओं, मजदूरों और किसानों को मनरेगा योजना को सीमित करने व छोटे कर्ज की वसूली के जरिए परेशान और अपमानित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक कैदी जो बहुत पहले अपनी सजा पूरी कर चुके हैं, जेलों में बंद हैं. न्यायपालिका और सरकार इस मुद्दे पर चुप है. संघ परिवार से जुड़े संगठन अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ मनमानी कर रहे हैं. देश के संविधान, राज्यों के अधिकारों और संघीय ढांचे की अवधारणा को पैरों तले रौंदा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि 92 सीटें जीतकर सत्ता में आई आप पंजाब के हितों की रक्षा करने के लिए स्टैंड लेने और अपने चुनावी वादों को पूरा करने में नाकाम साबित हो रही है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार, ने सभी सरकारी दफ्तरों में डॉ. अंबेडकर की तस्वीर लगाई है लेकिन उसने अपने मंत्री राजिंदर गौतम को, जिन्होंने डॉ. अंबेडकर के विचारों के बारे में भाषण दिया, इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया.

का. दीपंकर ने कहा कि भाजपा पंजाब को फिर से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और हिंसक संघर्ष की ओर धकेलने की साजिश कर रहा है, ताकि वह यहां से लोकसभा चुनाव जीत सके. सभी पंजाबियों को इसके लिए सतर्क होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश को मौजूदा संकट से उबारने के लिए दूसरी जंग-ए-आजादी शुरू करने की जरूरत है ताकि सामाजिक परिवर्तन की समर्थक सभी ताकतों की भारी लामबंदी के आधार पर एक नई लोकतांत्रिक और जन-हितैषी व्यवस्था की स्थापना की जा सके.

उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध की चर्चा करते हुए,कहा कि दुनिया एक वास्तविक गंभीर आर्थिक मंदी में फंस गई है. पूंजीवादी साम्राज्यवादी व्यवस्था आज दुनिया को युद्धों व हथियारों की होड़, प्राकृतिक संसाधनों के विनाश, तानाशाही, महंगाई, बेरोजगारी और भूख की ओर धकेल रही है. इसलिए मानवता व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इस साम्राज्यवादी व्यवस्था से छुटकारा पाना बेहद जरूरी हो गया है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिस तरह पंजाब के किसानों ने तीन काले कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया, उसी तरह पंजाब के बहादुर लोग कारपोरेट सांप्रदायिक फासीवाद को हराने और भाजपा को देश के शासन से बाहर करने के संघर्ष में भी अग्रिम भूमिका निभायेंगे.

उद्घाटन सत्र का संचालन का. गुरमीत सिंह बख्तपुरा ने किया. मंच पर अतिथि वक्ताओं के अलावा पार्टी की पंजाब इकाई के सचिव का. राजविंदर सिंह राणा, केंद्रीय पर्यवेक्षक का. रवि राय, पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के सचिव का. निर्दाष उप्पल, पंजाब के पार्टी प्रभारी का. पुरुषोत्तम शर्मा, का. गुरनाम सिंह दाऊद, का. सुखदर्शन सिंह नत्त, का. भगवंत सिंह समांओ, का. कंवलजीत, का. जसबीर कौर नत्त, गुरप्रीत सिंह रुडेके, बलबीर सिंह झामका और स्थानीय मुख्य आयोजक का. बलबीर सिंह मुधल भी उपस्थित थे.

सम्मेलन का दूसरा दिन

दूसरे दिन बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने सत्र में प्रस्तुत राजनीतिक वैचारिक दस्तावेजों के प्रारूप पर बहस में भाग लिया. प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए महासचिव कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने एक मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी जो समय की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो और मजदूरों, किसानों और आम लोगों तक पहुंच कर सके, का निर्माण करने का आह्वान किया. केंद्रीय कमेटी के सदस्य का. सुखदर्शन सिंह नत्त और कंवलजीत सिंह चंडीगढ़ ने प्रतिनिधियों के साथ राजनीतिक रिपोर्ट के बारे में विस्तृत बिंदु साझा किए. का. राजविंदर सिंह राणा ने बहस का समाहार करते हुए इस पर प्रतिनिधियों की सहमति ली.

अंतिम सत्र में पंजाब के कई गंभीर सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए गए. इन प्रस्तावों के माध्यम से भाकपा(माले) लिबरेशन ने अपनी राजनीतिक प्राथमिकताओं को भी स्पष्ट किया. केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकारों पर हमले, एनआईए, सीबीआई और ईडी जैसे केंद्रीय संस्थानों के जरिये मोदी सरकार द्वारा विरोधियों को दबाने, अल्पसंख्यकों पर हमले आदि मुद्दों पर मोदी सरकार का विरोध करने के लिए प्रस्ताव पारित किए गए. विशेष प्रस्तावों के माध्यम से नदी जल के अवैध व असमान वितरण और पड़ोसी राज्यों को मुफ्त में पानी देने का विरोध किया गया.

आम आदमी पार्टी सरकार निजी कंपनियों के साथ बिजली के ठेके रद्द करे, गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी और बहिबल कलां गोलीकांड के दाेषयों व साजिशकर्ताओं को सजा, बेरोजगारी भत्ता लागू करने, नशे के काले कारोबार, भ्रष्टाचार और वीआईपी संस्कृति के पूर्ण उन्मूलन, गरीब महिलाओं, मजदूरों व किसानों का पूरा कर्ज माफ करने, मजदूर किसानों की आय के स्रोत बढ़ाने और पंजाब में बढ़ती आपराधिक और गैंगस्टर संस्कृति व बिगड़ती कानून व्यवस्था को सुधारने की मांग की गई. एक विशेष प्रस्ताव में पंजाब और देश भर की जेलों में बंद और अपनी सजा पूरी कर चुके राजनीतिक कैदियों सहित सिख कैदियों की रिहाई की भी मांग की गई.

27 सदस्यीय राज्य कमेटी और राज्य सचिव के रूप में का. गुरमीत सिंह बख्तपुरा के चुनाव तथा अमृतसर-तरणतारन जिला कमेटी के सभी नेताओं व स्वयंसेवकों को सम्मानित करने के साथ सम्मेलन संपन्न हुआ.

Punjab State Conference

 

Punjab State Conference of CPIML