हम युक्रेन की सीमाओं पर सैन्य हमले के रूसी प्रदर्शन से काफी चिंतित हैं. युक्रेनी जनता के आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता देने की बुनियाद पर वार्ताओं के जरिये शांतिपूर्ण ढंग से मौजूदा संकट का समाधान किया जाना चाहिए.
इस टकराव को फौरन रोकने के लिए रूस को युक्रनी सीमाओं पर से अपने सैनिकों को अवश्य हटा लेना चाहिए. रूस के साथ-साथ अमेरिका और ‘नैटो’ को भी युक्रेन में अपनी दखलंदाजी बंद करनी होगी. रूस और युक्रेन को इन दोनों राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित ‘मिंस्क-2 समझौते’ के आधार पर आपसी सीमा तनाव के कूटनीतिक समाधान की ओर बढ़ना चाहिए.
हम अमेरिका और इंग्लैंड की सरकारों द्वारा युक्रेन को लेकर की जा रही युद्धखोरी की भत्र्सना करते हैं. ‘नैटो’ को पूरब की ओर अपने विस्तार की कार्रवाई को रोकना होगा. अमेरिका और इंग्लैंड के इन दावों के विपरीत कि ‘नैटो’ एक रक्षात्मक संश्रय है, इराक पर अमेरिकी-अंगरेजी हमले की बात ही छोड़िये, पिछले समयों में अफगानिस्तान, युगोस्लाविया और लीबिया में उसके रिकाॅर्ड उसके साम्राज्यवादी मंसूबों को स्पष्ट दिखला देते हैं. हम रूस समेत पूरे युरोप में युद्ध-विरोधी आन्दोलनों के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर करते हैं, और युरोप में नये शस्त्रा नियंत्रण समझौते पर पहुंचने तथा उस महादेश में परमाणविक निरस्त्रीकरण की ओर आगे बढ़ने के तमाम प्रयासों का समर्थन करते हैं.
– केंद्रीय कमेटी, भाकपा(माले)