वर्ष - 28
अंक - 37
31-08-2019
बिहार को अकालग्रस्त घेषित करने व इंद्रपुरी जलाशय (कदवन डैम) का निर्माण करने की मांग पर आंदोलन

अखिल भारतीय किसान महासभा ने विगत 12 अगस्त को 8 जिलों के किसान नेताओं (किसान महासभा के राज्य पार्षदों) की बैठक भोजपुर जिले के जगदीशपुर में बुलाई और इंद्रपुरी जलाशय (कदवन डैम) के निर्माण की मांग को लेकर इस क्षेत्र (सोन अंचल) के किसानों का आंदोलन करने का निर्णय लिया.

1990 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा द्वारा कदवन डैम का शिलान्यास भी किया गया था. आज तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ. डैम न होने की वजह से वर्षा का पानी सोन नदी के रास्ते गंगा नदी में बह जाता है. सोन अंचल के सभी पार्षदों ने कदवन डैम का निर्माण के लिए धारावाहिक आंदोलन चलाकर सरकार को बाध्य कर देने की घोषणा की. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 27, 28 व 29 अगस्त को आठ जिलों के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर धरना व प्रदर्शन आयोजित करने व व उसके जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर कदवन डैम निर्माण आंदोलन की शुरूआत की जायेगी.

तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत सोन कमांड के जिलों के अलावे पूरे बिहार में 27 अगस्त से विभिन्न प्रखंडों में धरना-प्रदर्शन आदि का आयोजन शुरू हुआ. 27 अगस्त को भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड कार्यालय के समक्ष आयोजित किसान धरना को किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक चन्द्रदीप सिंह व राज्य पार्षद विनोद कुशवाहा व सहार में धरना व प्रखंड किसान सम्मेलन को किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजा राम सिंह, विधायक सुदामा प्रसाद ने संबोधित किया. पटना जिले के पालीगंज में राज्य सहसचिव उमेश सिंह, मंगल यादव व अनवर आलम, औरंगाबाद के ओबरा में जनार्दन सिंह, रोहतास के दावथ में धनेजी राम, कैमूर के चौनपुर में वबन सिंह, नालन्दा के रहुई में पालबिहारी लाल, शिवशंकर प्रसाद और भारतीय क्रांतिकारी किसान संघ के भुवनेश्वर प्रसाद तथा नवादा में जिला मुख्यालय में आयोजित धरना को किसान नेता जगदीश चौहान, भोला प्रसाद व भाकपा(माले) के जिला सचिव नरेंद्र सिंह आदि ने संबोधित किया.

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28 अगस्त को भोजपुर के तरारी प्रखंड में धरना व सम्मेलन आयोजित हुआ जिसे किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह व तरारी क्षेत्र के विधायक सुदामा प्रसाद ने संबोधित किया, अरवल जिला के अरवल प्रखंड में रामकुमार सिन्हा, पटना जिला के पुनपुन प्रखण्ड में कृपानारायण सिंह, मसौढ़ी में उमेश सिंह, भगवान सिंह व सत्यनारायण प्रसाद, जहानाबाद के रतनी फरीदपुर में किसान महासभा के राज्य सचिव का. रामाधार सिंह, घोसी प्रखंड में रामवली यादव, पूर्णिया के बनमनखी अनुमंडल पर आयोजित धरना को राज्य सहसचिव अविनाश पासवान व माले जिला सचिव विजय कुमार आदि नेताओं ने संबोधित किया.

तीसरे व अंतिम दिन 29 अगस्त को भोजपुर के पीरो में विधायक सुदामा प्रसाद व चन्द्रदीप सिंह,अगियांव में सुदामा प्रसाद व विमल यादव,  बक्सर के ब्रह्मपुर में कैलाश पाठक, केसठ में जवाहिर सिंह व ललन प्रसाद, राजपुर में तलखनारायण चौधरी, औरंगाबाद के हसपुरा में जनार्दन सिंह व मुनारिक राम, अरवल के कलेर में अनिल वर्मा, पटना के बिहटा में उमेश सिंह व राजेश प्रसाद, सम्पतचक में सत्यानंद कुमार, रोहतास के काराकाट में राजेन्द्र सिंह व भैयाराम पासवान, राजपुर में जवाहर सिंह, जमुई के चकाई में मनोज कुमार पाण्डेय, नालन्दा के बिहारशरीफ में पालबिहारी लाल, थरथरी में मुनिलाल यादव, कराय परशुराय में राजेन्द्र पटेल, वैशाली के राजापाकऱ में किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, जहानाबाद के मोदनगंज में जगदीश पासवान व रामवली यादव, पूर्णिया के धमदाहा में अविनाश पासवान व विजय कुमार व गया जिले शेरघाटी, डोभी, बेलागंज, खिजरसराय, टेकारी, मानपुर, बाराचट्टी, फतेहपुर, चन्दौती व टेकारी प्रखंडों में उपेन्द्र यादव, निरंजन पासवान व रीता वर्णवाल के नेतृत्व में किसान धरना दिया गया.

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एक कहावत है - “का बरखा जब कृषि सुखाने, समय चुके पुनि का पछताने.” इस वर्ष पूरे रोपनी सीजन में भारी वर्षाभाव रहा, नहरों के ऊपरी इलाके में जैसे-तैसे धान की रोपनी पूरी हुई. बिहार का अधिकांश हिस्सा सूखे व बाढ़ की चपेट में है. अकाल की स्थिति है. बिहार के धान-गेहूं की गारंटी के साथ उपज देने वाला यह क्षेत्र भी अनिश्चयता के भंवर में फंस गया है. उसकी जीवन रेखा सोन नहरें जर्जर हो चुकी है और पानी का अभाव झेल रही है. नहरों में पानी के अभाव के साथ-साथ इस इलाके के लोगों ने पीने के पानी का भी संकट झेला है. लेकिन इसकी चिंता न केंद्र की सरकार को है न बिहार की सरकार को. शिलान्यास होने के बावजूद कदवन डैम का अधर मे लटक जाना केन्द्र व राज्य सरकार की आपराधिक लापरवाही है. यह किसानों के जीवन व मरण का प्रश्न बन गया है.

का. राजाराम सिंह, राष्ट्रीय महासचिव, अ. भा. किसान महासभा


आगामी कार्यक्रम : कदवन डैम निर्माण को लेकर डैम स्थल का दौरा, अगस्त सितम्बर में सोन कमाण्ड के आठ जिलों में ग्राम सभा कर किसान कमिटियों का गठन, अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में किसानों का प्रखण्ड स्तर पर सम्मेलन, नवम्बर-दिसम्बर में किसान यात्राएं और फरवरी में विधानसभा के समक्ष किसानों का विशाल प्रदर्शन आदि.

प्रमुख मांगें: 1. इंद्रपुरी जलाशय का शीघ्र निर्माण 2. नहरों का आधुनिकीकरण और निचले इलाके तक पानी पहुंचाने की गारंटी 3. बिहार को अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित कर राहत का इंतजाम 4. किसान कर्ज के खात्मे व फसलों की लागत का डेढ़ गुना दाम.

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