वर्ष - 29
अंक - 42
10-10-2020


3 अक्तूबर 2020 को रांची में महिला और सामाजिक संगठनों ने सैनिक बाजार से अल्बर्ट एक्का चौक तक न्याय मार्च निकाला और हाथरस और बलरामपुर बलात्कार व वीभत्स हत्याकांडों का विरोध किया. हाथों में तख्तियां और झंडे लेकर जोरदार नारों के साथ न्याय मार्च सैनिक बाजार से निकलकर डेली मार्केट, मेन रोड, शाहिद चैक होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचा जहां घंटों प्रदर्शन किया गया. योगी राज में बलात्कार की बाढ़ क्यों जवाब दो, बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करो, गांधी तेरे देश में, भेड़िये साधु के वेश में आदि जोरदार नारों के साथ सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने प्रदर्शन में भाग लिया. न्याय मार्च में ऐपवा, एडवा, अखिल भारतीय महिला समाज, आइसा, राईट टू फूड, ऐक्टू समेत कई महिला और सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने भाग लिया. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए ऐपवा नेत्री ऐति तिर्की ने कहा कि बलात्कारियों को सजा देने के बजाय योगी सरकार पीड़ित परिवारों को ही नजरबंद कर दी है. क्या यही है नारी का सम्मान? बलात्कारियों और हत्यारों को योगी सरकार संरक्षण दे रही है. सरकार की शह के बगैर अधिकारियों की ये ताकत नहीं थी कि घर वालों की सहमति के बगैर पीड़िता के शव को जला दिया जाता. भाजपा शासित राज्यों में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. महिला समाज की सरजाना फारुखी ने कहा कि अब हालात ऐसे हैं कि बेटियों को भाजपा नेताओं से ही बचाने की जरूरत है. एडवा की वीना लिंडा ने कहा कि भगवा राज में महिलाओं का अपमान देश की जनता माफ नहीं करेगी. न्याय मार्च में नंदिता भट्टाचार्य, नौरीन अख्तर, मेवा उरांव, सरिता तिग्गा, सीमा कोरिया, राइट टू फूड की सुनीता नारायण, सनम लोहरा, लक्ष्मी पासवान, एडवा की वीना लिंडा, पुष्पा तिग्गा, रेनु प्रकाश, अखिल भारतीय महिला समाज की सरजाना फारूखी, काजल देवी, पार्वती देवी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थीं. कार्यक्रम के जरिए राज्यपाल को पत्र प्रेषित कर बलात्कार की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून की मांग की गई. कार्यक्रम में ऐक्टू के भुवनेश्वर केवट, अजय सिंह, सुखनाथ लोहरा, आकाश कुमार आदि भी उपस्थित थे.