आइसा ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ ने 13 फरवरी 2024 को दुर्ग, छत्तीसगढ़ के पुलिस अधीक्षक, को एक ज्ञापन सौंप कर वेलेंटाइन डे पर लोगों को परेशान करने वाले दक्षिणपंथी समूहों व असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
ज्ञापन में नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों और कानूनी आधारों का हवाला दिया गया है जो लोगों को ऐसे रूढ़िवादी समूहों द्वारा उत्पीड़न से बचाते हैं. इसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी शामिल हैं जो नागरिकों के हकों पर एक मिसाल कायम करते हैं.
आइसा छत्तीसगढ़ ने ऐसे असामाजिक समूहों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और युवा नागरिकों को इनके द्वारा निशाना बनाए जाने को रोकने के लिए सिविक सेंटर, जुनवानी रोड, मैत्री गार्डेन, मरोदा और अन्य आस-पास के इलाकों में पुलिस गश्त करने की मांग की।
ज्ञापन में की गई प्रमुख मांगें हैं - 1. मोरल पुलिसिंग के नाम पर कानून हाथ में लेने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाये. 2. पुलिस-प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि जनता में असामाजिक तत्वों का भय न रहे. 3. पुरुषों और महिलाओं के संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी की जाये। 4. सार्वजनिक स्थानों एवं सुनसान स्थानों पर बेहतर रोशनी एवं सुरक्षा की व्यवस्था की जाये.
आइसा ने कहा है कि संवैधानिक लोकतंत्र में दक्षिणपंथी चरमपंथी समूहों को कानून निर्धारित करने, नागरिकों को परेशान करने और निशाना बनाने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। नागरिकों के घूमने-फिरने और अपने साथी के साथ समय बिताने के अधिकारों की गारंटी दी जानी चाहिए और उन्हें ऐसे असामाजिक तत्वों के हमलों से बचाया जाना चाहिए। एक देश को उनके नागरिकों के प्रगतिशीलता और उनके आजादी से ही परखा जाता है।