वर्ष - 28
अंक - 43
05-10-2019

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के लालगंज तहसील मुख्यालय पर भूमिहीनों-गृहविहीन ग्रामीणों के वास-आवास की व्यवस्था, उनके लिए राष्ट्रीय रजिस्टर बनाने, अपनी पुश्तैनी मकान व जमीनों से गरीबों की हो रही बेदखली पर रोक लगाने समेत तमाम अन्य सवालों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में अच्छी संख्या में ग्रामीण मजदूर और महिलाएं शामिल थीं. इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष का. जयप्रकाश नारायण ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को गम्भीर आर्थिक संकटों में धकेल दिया है. सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण-निगमीकरण हो रहा है और बड़े पैमाने पर कर्मचारी और मजदूर रोजगार से बाहर हो रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार ने संविधान के संघीय ढांचे, श्रमिकों-नागरिकों के अधिकारों और अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों व महिलाओं पर हमला बोल दिया है. एक करोड़ लोगों को कश्मीर में बंद कर दिया गया है. एनआरसी के बहाने देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों को राज्यविहीन करने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश के संविधान और लोकतंत्र के समक्ष गम्भीर संकट पैदा कर दिया है. भाकपा(माले) राज्य स्टैडिंग के सदस्य ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि ऐसे समय में संसद मौन हो गयी है हमें लोकतंत्र, संविधान और अपने अधिकार बचाने के लिए सड़क पर उतरना होगा. धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम की अध्यक्षता खेग्रामस के नेता इंद्रजीत और संचालन कामरेड बसंत ने किया. समर्थन में सीपीएम के जियालाल, सीपीआई के बी राम व पंचदेव राही ने भी संबोधित किया. इसके अलावा रामचंद्र, हरिचरण राम, विनोद सिंह, सुदर्शन समेत अन्य लोगों ने संबोधित किया. अंत में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम लालगंज को दिया गया.

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