वर्ष - 31
अंक - 5
29-01-2022

रांची जिला के पंचपरगना क्षेत्र के भाकपा(माले) नेता करम सिंह मुंडा (80 वर्ष) का विगत 14 जनवरी 2022 को निधन हो गया. 25 जनवरी को उनके निवास गांव बितिलडीह के प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में उनकी की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई. सभा के पूर्व गांव में एक जुलूस निकाला गया और ‘जल-जंगल-जमीन के लिए संघर्ष तेज करो’. ‘रायसा जलाशय निर्माण को रद्द करो’, ‘पांचवीं अनुसूची को सख्ती से लागू करो’, ‘ड्रोन सर्वे रद्द करो’, ‘स्वामित्व कार्ड हमें नहीं चाहिए’, ‘ जमीन हमारा, खेत हमारा’ आदि मांगों का नारा लगाते हुए पूरे गांव का भ्रमण किया गया. श्रद्धांजलि सभा व जुलूस में सैकड़ों महिला-पुरुष, बच्चे व अन्य ग्रामीण उपस्थिति थे. दिवंगत करम सिंह मुंडा की तस्वीर पर भाकपा(माले) के रांची जिला सचिव भुवनेश्वर केवट एवं राज्य कमेटी सदस्य मोहन दत्ता ने माल्यार्पण किया और वहां मौजूद आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन बेदिया, राज्य संयोजक जगरनाथ उरांव, सुदामा खलखो, गौतम मुंडा, लखीमनी मुंडा,समेत वहां मौजूद अन्य लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की.

करम सिंह मुंडा एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे.उनके माता-पिता उनके बचपन में ही गुजर गए. वे अपने मामा के घर पले-बढे. वे साक्षर थे और टाटा में मजदूरी का काम करते थे. बंगाल के बलरामपुर गांव में छऊ नृत्य, ढोलक बजाना व संगीत सीखकर वे अपने गांव आए. उन्होंने अपने गांव में एक सांस्कृतिक टीम का निर्माण किया. वर्ष 1979 में गांव के बड़े भू-भाग (वीरान पठारी भूमि) में वृक्षारोपण कर जंगल बसाने हेतु गांव के लोगों को संगठित करने में वे सफल रहे. उन्होंने इस जंगल की देखरेख और उपभोग करने के लिए ग्राम सभा के माध्यम से एक जंगल कमेटी का गठन किया. करम सिंह मुंडा व परमेश्वर सिंह मुंडा 1982 में आईपीएफ के आंदोलन से जुड़े और दोनों ने आगे चलकर भाकपा(माले) की सदस्यता हासिल की.

पांचपरगना के अड़की, तमाड़, बुंडू, सोनाहातू , राहे एवं बरेंदा क्षेत्र में गरीब आदिवासियों को संगठित कर आंदोलन का विस्तार करने के क्रम में सामंती ताकतों ने परमेश्वर सिंह मुंडा को हत्या कर दी. तब करम सिंह मुंडा ने अन्य साथियों को लेकर भाकपा(माले) के कामकाज को आगे बढ़ाया.

श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) नेताओं ने कहा कि बिरसा मुंडा के उलगुलान की धरती में बिरसा मुंडा द्वारा हासिल की गई अधिकारों पर हमला जारी है. भूमि बैंक बनाकर व ड्रोन सर्वे कर भाजपा सरकार अंग्रेजों की भांति फिर से जल-जंगल-जमीन व खनिज को छीनने व उसे कंपनियों के हाथों सौंपने जा रही है. परमेश्वर सिंह मुंडा व करम सिंह मुंडा बिरसा मुंडा के दिखाए रास्ते पर ही चलते रहे. इन शहीदों के अधूरे सपनों को पूरा करने व वर्तमान पीढ़ी के अधिकार के रक्षा के लिए संघर्ष एक मात्र रास्ता है.

Karam Singh Munda